Captain Anshuman Singh Wife: शहीद कैप्टन की पत्नी के वीडियो ने सबको रुला दिया , 'वह हीरो हैं, उन्होंने अपनी जान की बाजी लगाई ताकि...'

Captain Anshuman Singh Wife: शहीद कैप्टन की पत्नी के वीडियो ने सबको रुला दिया , ‘वह हीरो हैं, उन्होंने अपनी जान की बाजी लगाई ताकि…’

Captain Anshuman Singh Wife: शहीद कैप्टन की पत्नी के वीडियो ने सबको रुला दिया , 'वह हीरो हैं, उन्होंने अपनी जान की बाजी लगाई ताकि...'

Captain Anshuman Singh Wife: कीर्ति चक्र , राष्ट्रपति भवन में 10 जवानों को मिला भारत का दूसरा सर्वोच्च वीरता पुरस्कार|

Captain Anshuman Singh Wife: शहीद कैप्टन की पत्नी के वीडियो ने सबको रुला दिया , 'वह हीरो हैं, उन्होंने अपनी जान की बाजी लगाई ताकि...'
Captain Anshuman Singh Wife: शहीद कैप्टन की पत्नी के वीडियो ने सबको रुला दिया ,’वह हीरो हैं, उन्होंने अपनी जान की बाजी लगाई

Captain Anshuman Singh Wife: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों को उनकी साहस और वीरता के लिए कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र से सम्मानित किया। इस अवसर पर सेना और अर्धसैनिक बलों के 10 जवानों को कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया, जिनमें से सात को मरणोपरांत इस सम्मान से नवाजा गया। इस समारोह में कई भावुक कर देने वाली तस्वीरें भी सामने आईं, जहां कुछ जवानों के माता-पिता और कुछ की विधवा पत्नी ने अपने प्रियजनों की ओर से सम्मान लिया। यह सम्मान उन वीरों के बलिदान को सराहनीय बनाता है, जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना देश की सेवा में अपना सर्वस्व अर्पित किया। राष्ट्रपति ने इन समर्पण भावों को समझा और इन वीरों को उनके उत्कृष्ट समर्पण के लिए प्रशंसा दी।

Captain Anshuman Singh Wife: राष्ट्रपति भवन में आयोजित रक्षा अलंकरण समारोह के दौरान 26 सशस्त्र बलों, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और राज्य/केंद्र शासित प्रदेश पुलिस के कर्मियों को शौर्य चक्र भी प्रदान किए गए, जिनमें से सात को मरणोपरांत यह सम्मान दिया गया। कीर्ति चक्र से सम्मानित होने वाले जवानों में शहीद कैप्टन अंशुमन सिंह भी शामिल थे, जिन्हें मरणोपरांत इस सम्मान से नवाजा गया। इस सम्मान समारोह में राष्ट्रपति मुर्मू से इस सम्मान को लेने के लिए उनकी विधवा पत्नी स्मृति सिंह आई थीं, जिनका एक वीडियो वायरल हो रहा है और जिसमें उन्होंने अपने पति के बलिदान की महिमा को बखूबी बयां किया।

स्मृति सिंह ने नम आंखों से लिया सम्मान

Captain Anshuman Singh Wife: दरअसल, शहीद कैप्टन अंशुमन सिंह की विधवा पत्नी स्मृति सिंह और उनकी मां मंजू सिंह राष्ट्रपति भवन में आयोजित रक्षा अलंकरण समारोह में पहुंची थीं। दोनों लोग शहीद को दिए गए कीर्ति चक्र को लेने के लिए मंच तक गए। इस दौरान बताया गया कि किस तरह कैप्टन ने अपनी जान की परवाह किए बगैर सियाचिन में जरूरी दवाओं, उपकरणों और अन्य जवानों को बचाने के लिए जान की बाजी लगा दी। जिस समय ये बातें बताई जा रही थीं, उस वक्त स्मृति सिंह की आंखों में आंसुओं को साफ देखा जा सकता है।

Captain Anshuman Singh Wife: वह नम आंखों से अपने वीर पति के उस किस्से को सुन रही थीं, जिसके लिए उन्हें मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया जा रहा था। सफेद रंग की साड़ी पहनकर आई स्मृति ने डबडबाई आंखों के साथ राष्ट्रपति से कीर्ति चक्र सम्मान हासिल किया। वीडियो में स्मृति के चेहरे पर दुख, दर्द और पीड़ा को साफ तौर पर देखा जा सकता है। उनके दुख का अंदाजा भी लग रहा है। राष्ट्रपति ने सम्मान देने के बाद स्मृति के कंधे पर हाथ रखकर उन्हें ढंढास भी बांधी। यही वीडियो अब तेजी से वायरल हो रहा है।

शहीद कैप्टन अंशुमन की बहादुरी का किस्सा सुना रोने लगीं स्मृति

Captain Anshuman Singh Wife: स्मृति सिंह ने अंशुमन से मुलाकात और उनके जीवन के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा, “हमारी मुलाकात कॉलेज के पहले दिन हुई थी। हमें पहली नजर में ही प्यार हो गया। एक महीने के बाद उनका सेलेक्शन आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज के लिए हो गया। हमारी मुलाकात इंजीनियरिंग कॉलेज में हुई थी और वह मेडिकल कॉलेज के लिए सेलेक्ट हो गए। वह बहुत ही ज्यादा बुद्धिमान शख्स थे। एक महीने की मुलाकात के बाद यह 8 सालों तक चला लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप था।”

Captain Anshuman Singh Wife: स्मृति ने अपने दिल की बात साझा करते हुए बताया, “उन्होंने मुझसे कहा कि अब हमें शादी कर लेनी चाहिए और हमने उस समय उनकी बात मानते हुए शादी कर ली। दुर्भाग्यवश, शादी के महज दो महीने बाद ही उनकी पोस्टिंग सियाचिन में हो गई। 18 जुलाई, 2023 को हमारे बीच एक लंबी और गहन बातचीत हुई, जिसमें हमने अपने भविष्य के 50 वर्षों की योजनाओं पर चर्चा की। उस दिन हमने घर खरीदने और बच्चों के बारे में सपने देखे।” जब स्मृति ने ये बातें साझा कीं, तो उनकी आवाज में एक दर्दभरी उदासी छा गई। यह पल उनके लिए बेहद भावुक था, क्योंकि उन्होंने उस समय के ख्यालों और उम्मीदों को याद किया, जो अब केवल यादें बनकर रह गई थीं।

Captain Anshuman Singh Wife: शहीद कैप्टन की पत्नी की बातें सुनकर हर कोई उनकी स्थिति और उनके शहीद पति के प्रति सम्मान की भावना को महसूस कर सकता था। यह दृश्य एक सशस्त्र बल के सदस्य की सर्वोच्च बलिदान की कहानी को दर्शाता है, जो अपने परिवार की सुख-समृद्धि के लिए अपनी जान की बाजी लगा देता है।

Captain Anshuman Singh Wife: उन्होंने आगे बताया, “19 जुलाई की सुबह हमें फोन आया कि अंशुमन अब इस दुनिया में नहीं रहे। शुरुआत के 7-8 घंटों तक हमें यह यकीन नहीं हुआ। हमें लग रहा था कि यह सब झूठ है, लेकिन फिर उनके शहीद होने की पुष्टि हो गई। मैं खुद को समझाने की कोशिश कर रही थी कि शायद यह सच नहीं है।” उन्होंने रोते हुए आगे कहा, “मगर अब मेरे हाथ में कार्ति चक्र है, इसका मतलब है कि यह सच है। वह हीरो हैं। हम अपनी जिंदगी को मैनेज कर लेंगे, जैसे उन्होंने भी बहुत कुछ मैनेज किया। उन्होंने अपनी जान की बाजी लगाई, ताकि तीन लोगों का परिवार बच सके।”

Captain Anshuman Singh Wife: यह शब्द उनके दर्द और गर्व को एक साथ प्रकट करते हैं। एक तरफ उन्होंने अपने पति को खोने का दर्द सहा, तो दूसरी तरफ उनके शहीद होने पर गर्व भी महसूस किया। यह कहानी एक वीर जवान की है जिसने अपने देश की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। उनके परिवार ने उनके जाने के बाद भी उनकी यादों और उनके बलिदान को अपने जीवन का हिस्सा बना लिया है। यह कहानी हमें यह सिखाती है कि किसी के बलिदान को याद रखना और उनके आदर्शों को जीवन में उतारना ही सच्ची श्रद्धांजलि है।

कैसे शहीद हो गए कैप्टन अंशुमन सिंह? 

कैप्टन अंशुमन सिंह पंजाब रेजिमेंट की 26वीं बटालियन के सेना मेडिकल कोर में सेवा दे रहे थे। ऑपरेशन मेघदूत के तहत वे सियाचिन में मेडिकल ऑफिसर के रूप में तैनात थे। पिछले साल 19 जुलाई को सियाचिन के चंदन ड्रॉपिंग जोन में एक भीषण अग्निदुर्घटना घटी। इस दुर्घटना के दौरान अंशुमन ने वहां फंसे लोगों को बचाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

Captain Anshuman Singh Wife: आग जब मेडिकल इंवेस्टिगेशन सेंटर तक फैल गई, तब कैप्टन अंशुमन ने अपनी जान की परवाह न करते हुए उस आग में कूदने का साहसिक निर्णय लिया। उनके इस निस्वार्थ और वीरतापूर्ण कार्य ने कई लोगों की जान बचाई। उन्होंने अपनी जान की बाजी लगाकर दूसरों की सुरक्षा सुनिश्चित की, जो उनके असाधारण साहस और कर्तव्यनिष्ठा को दर्शाता है।

Captain Anshuman Singh Wife: कैप्टन अंशुमन सिंह का यह बलिदान हमेशा याद रखा जाएगा। उनकी बहादुरी और समर्पण ने उन्हें एक सच्चा हीरो बना दिया है। यह घटना न केवल उनकी बहादुरी का प्रमाण है, बल्कि हमें यह भी सिखाती है कि सच्ची निष्ठा और साहस किसे कहते हैं। उनका योगदान भारतीय सेना और देश के लिए एक अमूल्य धरोहर है।

Captain Anshuman Singh Wife: शहीद कैप्टन ने जीवनरक्षक दवाइयों और उपकरणों को बचाने के लिए सेंटर में प्रवेश किया था। 17 हजार फीट की ऊंचाई पर तेज हवाओं के कारण शेल्टर आग की लपटों में घिर गया। उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की गई, लेकिन असफल रहे। सियाचिन में उन्होंने वीरगति प्राप्त की। उनका साहस और समर्पण हमेशा याद रखा जाएगा, और उनकी वीरता की कहानी हर भारतीय के दिल में जीवित रहेगी। उनकी शहादत ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान का प्रतीक बनकर उन्हें अमर कर दिया।

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