ATM Charges: ATM से पैसे निकालने वाले ग्राहकों के लिए आने वाले दिनों में यह प्रक्रिया महंगी हो सकती है। ATM charges ऑपरेटर्स ने चार्ज बढ़ाने की मांग की है, जिससे ग्राहकों को अतिरिक्त खर्च (ATM Withdrawal Charges)का सामना करना पड़ सकता है।
ATM Fees Charges: ATM से पैसे निकालना होगा महंगा, ऑपरेटर कर रहे हैं ATM withdrawal charges बढ़ाने की मांग(CASH WITHDRAWAL LIMIT)
कैश निकालने के लिए ATM का उपयोग करने वाले ग्राहकों को यह खबर निराश कर सकती है (ATM withdrawal charges), क्योंकि चार्ज में बढ़ोतरी होने से उनकी जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। ATM CASH WITHDRAWAL LIMIT ऑपरेटर्स का कहना है कि बढ़ती संचालन लागत और रखरखाव खर्च के कारण उन्हें यह कदम उठाने की आवश्यकता महसूस हो रही है।
वर्तमान समय में, ATM से पैसे निकालने पर सीमित संख्या में फ्री ट्रांजैक्शन की सुविधा मिलती है, जिसके बाद अतिरिक्त ट्रांजैक्शन पर शुल्क लगाया जाता है। यदि ATM ऑपरेटर्स की मांग मानी जाती है, तो यह शुल्क और बढ़ सकता है, जिससे ग्राहकों की परेशानी बढ़ सकती है।
आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि चार्ज बढ़ाने से ATM का उपयोग कम हो सकता है और डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा मिल सकता है। वहीं, आम लोग इस संभावित बढ़ोतरी को लेकर चिंतित हैं क्योंकि इससे उनके मासिक बजट पर असर पड़ सकता है।
आखिरकार, ATM ऑपरेटर्स और बैंकिंग नियामकों के बीच इस मुद्दे पर क्या सहमति बनती है, यह देखना दिलचस्प होगा।
ATM withdrawal charges ग्राहकों पर पड़ेगा ये असर (ATM Fees charges)
(ATM withdrawal charges) ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, ATM ऑपरेटर्स ने इंटरचेंज शुल्क बढ़ाने की मांग की है।(ATM Fees charges) इस संबंध में उन्होंने रिजर्व बैंक और भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) से संपर्क किया है। इंटरचेंज शुल्क वह राशि होती है जो ग्राहक ATM से नकदी निकालने पर चुकाते हैं।
अगर इस शुल्क में वृद्धि की जाती है, तो ATM से नकदी निकालने पर ग्राहकों को अधिक भुगतान करना पड़ेगा। ATM ऑपरेटर्स का तर्क है कि संचालन और रखरखाव की बढ़ती लागत के कारण इस वृद्धि की आवश्यकता है।
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वर्तमान में, ग्राहकों को सीमित संख्या में मुफ्त लेनदेन की सुविधा मिलती है और उसके बाद प्रत्येक अतिरिक्त लेनदेन पर शुल्क लगाया जाता है। यदि इंटरचेंज शुल्क बढ़ाया जाता है, तो इन अतिरिक्त लेनदेन की लागत भी बढ़ जाएगी।
यह कदम आम लोगों के लिए चिंताजनक हो सकता है क्योंकि इससे उनकी दैनिक बैंकिंग जरूरतें महंगी हो जाएंगी। वहीं, विशेषज्ञों का मानना है कि इस वृद्धि से डिजिटल भुगतान को बढ़ावा मिल सकता है, लेकिन साथ ही यह भी जरूरी है कि इसका संतुलित समाधान निकाला जाए जिससे ग्राहकों पर अतिरिक्त भार न पड़े।
अंततः, इस प्रस्तावित वृद्धि पर अंतिम निर्णय क्या होगा, यह देखने वाली बात होगी।
इतना बढ़ाने की हो रही मांग
ATM Charges: ATM ऑपरेटर्स के संगठन कंफेडरेशन ऑफ ATM इंडस्ट्री (सीATMआई) का कहना है कि इंटरचेंज शुल्क को बढ़ाकर अधिकतम 23 रुपये प्रति ट्रांजेक्शन किया जाना चाहिए। इसके पीछे तर्क यह है कि बढ़ती संचालन लागत और रखरखाव खर्च को पूरा करने के लिए यह वृद्धि आवश्यक है।
ATM मैन्युफैक्चरर एजीएस ट्रांजेक्ट टेक्नोलॉजीज ने इंटरचेंज शुल्क को 21 रुपये प्रति ट्रांजेक्शन करने की मांग की है। हालांकि, कई अन्य ऑपरेटर्स का मानना है कि यह राशि 23 रुपये प्रति ट्रांजेक्शन होनी चाहिए।
ATM Charges: यह मांग ऐसे समय में की जा रही है जब ATM नेटवर्क का विस्तार और रखरखाव महंगा हो रहा है। ऑपरेटर्स का कहना है कि वर्तमान शुल्क के साथ उन्हें आर्थिक दबाव का सामना करना पड़ रहा है और गुणवत्ता बनाए रखना मुश्किल हो रहा है।
अगर यह मांग मानी जाती है, तो ATM से नकदी निकालने पर ग्राहकों को अधिक शुल्क देना पड़ेगा। यह वृद्धि ग्राहकों के लिए आर्थिक बोझ बढ़ा सकती है, जिससे उनकी दैनिक बैंकिंग आवश्यकताएं महंगी हो जाएंगी।
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आखिरकार, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि रिजर्व बैंक और एनपीसीआई इस मुद्दे पर क्या निर्णय लेते हैं और इसका ग्राहकों पर क्या प्रभाव पड़ता है।
3 साल पहले हुआ था बदलाव
ATM Charges: इंटरचेंज शुल्क को आखिरी बार 2021 में संशोधित किया गया था। उस समय इसे 15 रुपये प्रति ट्रांजेक्शन से बढ़ाकर 17 रुपये प्रति ट्रांजेक्शन कर दिया गया था। तब से, यह शुल्क 17 रुपये पर स्थिर है। ATM ऑपरेटर्स का कहना है कि पिछला बदलाव काफी लंबे अंतराल के बाद किया गया था, लेकिन इस बार इतनी देरी नहीं होगी।
ATM Charges: ऑपरेटर्स का मानना है कि संचालन और रखरखाव की बढ़ती लागत के कारण इंटरचेंज शुल्क में तत्काल वृद्धि की आवश्यकता है। उनका तर्क है कि वर्तमान शुल्क उनके आर्थिक बोझ को कम करने के लिए अपर्याप्त है और गुणवत्ता सेवा बनाए रखने में कठिनाई हो रही है।
वे उम्मीद कर रहे हैं कि इस बार जल्द ही शुल्क में बदलाव किया जाएगा ताकि ATM सेवाओं की गुणवत्ता और उपलब्धता को बनाए रखा जा सके। यदि यह मांग मानी जाती है, तो ATM से नकदी निकालने पर ग्राहकों को अधिक भुगतान करना पड़ सकता है। यह वृद्धि ग्राहकों के लिए आर्थिक बोझ बढ़ा सकती है और उनकी दैनिक बैंकिंग जरूरतों को महंगा बना सकती है।
अंततः, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि रिजर्व बैंक और एनपीसीआई इस मुद्दे पर क्या निर्णय लेते हैं और इसका ग्राहकों पर क्या प्रभाव पड़ता है।
क्या है इंटरचेंज फी?
ATM Charges: इंटरचेंज शुल्क का भुगतान एक बैंक द्वारा दूसरे बैंक को किया जाता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी ग्राहक का ATM कार्ड एसबीआई का है और वह पीएनबी के ATM से पैसे निकालता है, तो इस ट्रांजेक्शन के लिए एसबीआई पीएनबी को इंटरचेंज शुल्क का भुगतान करेगा।
यह शुल्क बैंकों के बीच ATM लेनदेन के लिए होता है, जिससे ATM ऑपरेटर्स को उनके ATM का उपयोग करने के बदले मुआवजा मिलता है। अंततः, बैंक इस चार्ज का भार अपने ग्राहकों पर डालते हैं। यानी, बैंक द्वारा किए गए इंटरचेंज शुल्क का खर्च ग्राहक से वसूला जाता है, जो उनकी लेनदेन लागत में शामिल हो जाता है।
ATM ऑपरेटर्स और बैंकों का तर्क है कि इंटरचेंज शुल्क में वृद्धि आवश्यक है ताकि बढ़ती संचालन और रखरखाव लागत को कवर किया जा सके। अगर इंटरचेंज शुल्क बढ़ता है, तो यह संभव है कि बैंक भी अपनी सेवाओं की लागत बढ़ाएं, जिससे ग्राहकों को अधिक शुल्क चुकाना पड़े।
इससे ग्राहकों की दैनिक बैंकिंग आवश्यकताएं महंगी हो सकती हैं और उनकी जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ सकता है। इसलिए, यह देखना महत्वपूर्ण है कि इस प्रस्तावित वृद्धि पर क्या निर्णय लिया जाता है और इसका ग्राहकों पर क्या प्रभाव पड़ता है।
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