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3 terms of Modi government: मंत्रिमंडल में किस जाति और दल के कितने नेता शामिल हुए? PM Modi Cabinet 2024

Today Breaking News नरेंद्र मोदी (PM Modi Cabinet 2024) ने लगातार तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेकर जवाहरलाल नेहरू के तीन बार प्रधानमंत्री बनने के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है। 9 जून, रविवार को प्रधानमंत्री मोदी के साथ 71 मंत्रियों ने भी पद और गोपनीयता की शपथ ली। इनमें 30 कैबिनेट मंत्री, 5 स्वतंत्र प्रभार और 36 राज्य मंत्री शामिल हैं। मोदी कैबिनेट (Modi Cabinet) में जातीय समीकरण का विशेष ध्यान रखा गया है।

3 terms of Modi government : एनडीए (NDA Government) में किस दल से कितने मंत्री बने, उनकी जाति और राज्यवार जानकारी

3 terms of Modi government 🙁 Modi Cabinet) इस बार के मंत्रिमंडल में विभिन्न जातियों और समुदायों को प्रतिनिधित्व देने का प्रयास किया गया है, ताकि सभी वर्गों का संतुलन बना रहे। यह जातीय संतुलन केंद्र सरकार की नीतियों और निर्णयों में विविधता और समावेशिता को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। मंत्रिमंडल में शामिल नेताओं का चयन करते समय उनके राजनीतिक अनुभव और क्षेत्रीय प्रभाव को भी ध्यान में रखा गया है। इसके साथ ही विभिन्न राज्यों से मंत्रियों को शामिल कर क्षेत्रीय संतुलन को भी महत्व दिया गया है। इस नए मंत्रिमंडल के गठन से उम्मीद की जा रही है कि यह सरकार सभी वर्गों और समुदायों के विकास को प्राथमिकता देगी और देश की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

Today Breaking News मोदी कैबिनेट 3.0 (Modi 3.0 Cabinet) में जातीय और सामाजिक संतुलन को ध्यान में रखते हुए 28 जनरल, 27 ओबीसी, 10 अनुसूचित जाति और 5 अनुसूचित जनजाति के मंत्रियों को शामिल किया गया है। इस बार सबसे ज्यादा मंत्री ब्राह्मण समुदाय से बनाए गए हैं। नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में पांच अल्पसंख्यक समुदाय के मंत्री भी शामिल हैं, लेकिन इनमें कोई भी मुस्लिम नहीं है।

3 terms of Modi government ( Modi Cabinet): गौरतलब है कि बीजेपी और उसके समर्थन वाले दलों से कोई भी मुस्लिम उम्मीदवार इस बार के लोकसभा चुनाव में विजयी नहीं हो पाया है, जिसके कारण कैबिनेट में मुस्लिम प्रतिनिधित्व नहीं हो सका। यह एक महत्वपूर्ण पहलू है जो सामाजिक और राजनीतिक चर्चा का विषय बना हुआ है।

इस प्रकार, मोदी कैबिनेट 3.0 (PM Modi Cabinet 2024) ने जातीय और सामाजिक संतुलन पर ध्यान दिया है, लेकिन कुछ समुदायों की अनुपस्थिति भी देखने को मिल रही है। यह कैबिनेट विभिन्न समुदायों के विकास और समावेशिता को ध्यान में रखकर कार्य करने की अपेक्षा के साथ बनाई गई है, जो आने वाले समय में देश की नीति और निर्णयों पर प्रभाव डालेगी।

PM Modi Cabinet 2024 कुर्मी, ठाकुर, ब्राह्मण, भूमिहार कितने

3 terms of Modi government : अगर जाति की बात करें तो मोदी कैबिनेट में ब्राह्मण जाति से 8 नेताओं को शामिल किया गया है। भूमिहार जाति से 2 नेताओं, ललन सिंह और गिरिराज सिंह को कैबिनेट में जगह मिली है, जो दोनों ही बिहार से आते हैं। इसके अलावा, 3 राजपूत नेताओं को भी कैबिनेट में शामिल किया गया है, जिसमें एक डोगरा राजपूत जितेंद्र सिंह भी शामिल हैं। इस बार दो कुर्मी मंत्रियों को भी कैबिनेट में जगह दी गई है।

3 terms of Modi government : मोदी कैबिनेट में विभिन्न जातियों का संतुलन बनाने का प्रयास किया गया है, ताकि सरकार सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व कर सके। यह संतुलन सरकार की नीतियों में विविधता और समावेशिता को बढ़ावा देने का संकेत है। बिहार से भूमिहार नेताओं का शामिल होना और विभिन्न राज्यों के राजपूत और कुर्मी नेताओं को जगह मिलना, क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व को भी दर्शाता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह जातीय विविधता सरकार की कार्यप्रणाली और निर्णयों पर कैसे प्रभाव डालती है और सभी समुदायों के विकास को कैसे सुनिश्चित करती है।

इसके अलावा, मोदी कैबिनेट में 2 जाट और 2 सिख मंत्री शामिल किए गए हैं। यूपी के जयंत चौधरी जाट समुदाय से हैं, जबकि हरदीप सिंह पुरी और रवनीत सिंह बिट्टू सिख समुदाय से आते हैं। कैबिनेट में 2 मराठा, 2 वोकालिंगा और एक लिंगायत समुदाय के मंत्री भी शामिल हैं। इसके अलावा, एक महादलित, एक निषाद, एक लोधी, दो यादव और एक मतुआ समुदाय से आने वाले मंत्रियों को भी शामिल किया गया है।

3 terms of Modi government : मोदी कैबिनेट में एक अहीर, एक गुर्जर, एक खटिक, दो बनिया और एक पाटीदार समुदाय के नेताओं को भी जगह दी गई है। इस तरह, कैबिनेट में विभिन्न जातियों और समुदायों का समावेश किया गया है ताकि समाज के विभिन्न वर्गों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जा सके।

3 terms of Modi government : यह जातीय और सामाजिक विविधता सरकार की समावेशी नीतियों और सभी वर्गों के विकास की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। विभिन्न समुदायों और क्षेत्रों से मंत्रियों का चयन, न केवल राजनीतिक संतुलन को बनाए रखने में सहायक होगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि सरकार की योजनाएं और नीतियां सभी वर्गों और समुदायों की आवश्यकताओं और आकांक्षाओं को ध्यान में रखकर बनाई जाएं।

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महिलाओं का मोदी सरकार में कितना दबदबा (Modi 3.0 Cabinet)

3 terms of Modi government ( PM Modi Cabinet 2024): लोकसभा चुनाव 2024 में कुल 74 महिलाएं जीतकर संसद पहुंची हैं। ये सभी महिलाएं बीजेपी, कांग्रेस समेत 14 राजनीतिक पार्टियों के टिकट पर चुनाव मैदान में थीं। इनमें से 43 महिलाएं पहली बार चुनाव जीतकर आई हैं। सबसे ज्यादा 31 महिलाओं ने बीजेपी के टिकट पर जीत हासिल की। इसके अलावा, कांग्रेस से 13, तृणमूल कांग्रेस से 11 और समाजवादी पार्टी से 5 महिला सांसद बनीं।

इस प्रकार, 18वीं लोकसभा में महिला सांसदों का प्रतिशत 13.6% है। महिला सांसदों की यह संख्या भारतीय राजनीति में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को दर्शाती है। विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा महिलाओं को टिकट देने और उनके जीतने का यह आंकड़ा, महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

महिलाओं का मोदी सरकार में कितना दबदबा (Modi 3.0 Cabinet)

3 terms of Modi government : महिलाओं की बढ़ती भागीदारी न केवल संसद में महिलाओं की आवाज को मजबूती प्रदान करेगी, बल्कि यह समाज में भी सकारात्मक बदलाव लाने में सहायक होगी। 18वीं लोकसभा में महिलाओं की इस महत्वपूर्ण उपस्थिति से उम्मीद है कि महिला संबंधित मुद्दों पर अधिक संवेदनशीलता और गंभीरता से विचार किया जाएगा और नीतिगत निर्णय लिए जाएंगे।मोदी कैबिनेट में कुल 7 महिलाओं को मंत्री बनाया गया है। ये महिला मंत्री हैं – निर्मला सीतारमण, अन्नपूर्णा देवी, रक्षा खड़से, सावित्री ठाकुर, अनुप्रिया पटेल, नीमूबेन बमभानिया और शोभा करंदलाजे। इनमें से अनुप्रिया पटेल को छोड़कर सभी महिलाएं बीजेपी की सदस्य हैं। इस प्रकार, बीजेपी ने अपनी 31 महिला सांसदों में से 6 को मंत्रिमंडल में जगह दी है।

3 terms of Modi government

हालांकि, 2014 और 2019 में मोदी कैबिनेट में 9-9 महिला सांसदों को शामिल किया गया था, जो इस बार की संख्या से अधिक थी। महिलाओं की इस महत्वपूर्ण उपस्थिति से सरकार के नीतिगत निर्णयों में महिलाओं की भागीदारी और उनकी समस्याओं पर ध्यान देने की उम्मीद की जा सकती है।

यह भी दर्शाता है कि बीजेपी महिला नेताओं को उच्च पदों पर स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है। मंत्रिमंडल में महिलाओं की यह भागीदारी, न केवल महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह समाज में लैंगिक समानता की दिशा में भी एक सकारात्मक संदेश है। महिलाओं की बढ़ती भागीदारी से सरकार की नीतियों में विविधता और समावेशिता का प्रतिबिंब देखने को मिलता है।

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मोदी कैबिनेट में गठबंधन के कितने मंत्री (PM Modi Cabinet 2024)

Today Breaking News  2014 और 2019 में भी एनडीए सरकार बनी थी, मगर तब दोनों चुनावों में बीजेपी ने अकेले दम पर बहुमत हासिल किया था। इस बार, बीजेपी केवल 240 सीटें (बहुमत से 32 सीटें कम) ही जीत सकी। 2014 और 2019 में सहयोगी दलों के क्रमश: 5 और 4 नेताओं को मंत्री पद दिया गया था। 2024 में 13 सहयोगी पार्टियों के 11 नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है।

3 terms of Modi government : बीजेपी ने अपने 60 मंत्रियों को मंत्रिमंडल में जगह दी है। 30 कैबिनेट मंत्रियों में से 25 बीजेपी से हैं और 5 सहयोगी दलों के नेता हैं। 5 राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) में से तीन बीजेपी से हैं और दो सहयोगी दलों से हैं। 36 राज्यमंत्रियों में से 32 बीजेपी से हैं और 4 सहयोगी दलों से हैं।

इस प्रकार, 2024 के चुनावों के बाद गठित एनडीए सरकार में सहयोगी दलों का महत्व बढ़ा है। बीजेपी ने अपने सहयोगी दलों को अधिक प्रतिनिधित्व देकर एक मजबूत गठबंधन की नींव रखी है। यह न केवल राजनीतिक संतुलन को बनाए रखने में मदद करेगा, बल्कि सरकार के निर्णयों में विविधता और समावेशिता को भी बढ़ावा देगा। सहयोगी दलों के नेताओं की बढ़ती भागीदारी सरकार की नीतियों और योजनाओं को अधिक व्यापक और सभी वर्गों के लिए लाभकारी बनाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।

3 terms of Modi government : सहयोगी दलों में टीडीपी, जेडीयू, एलजेपी (रामविलास), अपना दल (एस), एचएएम, जेडीएस, शिवसेना, आरएलडी और आरपीआईए के सांसदों को मंत्री पद का मौका मिला है। जेडीयू और टीडीपी को 2-2 मंत्री पद मिले हैं, जिनमें एक कैबिनेट मंत्री और एक राज्यमंत्री शामिल हैं।

3 terms of Modi government : यह कदम बीजेपी की गठबंधन राजनीति को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। सहयोगी दलों को मंत्री पद देकर, एनडीए सरकार ने अपने गठबंधन को और भी मजबूत किया है और विभिन्न क्षेत्रों और समुदायों के प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित किया है। टीडीपी और जेडीयू जैसे प्रमुख सहयोगी दलों को अधिक महत्वपूर्ण पद देकर, सरकार ने उनके साथ अपने संबंधों को और मजबूत करने का प्रयास किया है।

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इस समावेशी दृष्टिकोण से, एनडीए सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि हर क्षेत्र और समुदाय की आवाज़ को सुना जाए और उनकी आवश्यकताओं को ध्यान में रखा जाए। सहयोगी दलों की यह भागीदारी न केवल राजनीतिक स्थिरता को बढ़ावा देगी, बल्कि सरकार की नीतियों और योजनाओं को अधिक व्यापक और प्रभावी बनाने में भी मदद करेगी।

मोदी कैबिनेट में गठबंधन के कितने मंत्री (PM Modi Cabinet 2024)

किस राज्य से कितने मंत्री? (Modi 3.0 Cabinet)

3 terms of Modi government : मोदी सरकार में सबसे ज्यादा 11 मंत्री उत्तर प्रदेश से शामिल किए गए हैं। इसके बाद बिहार से आठ मंत्री और गुजरात से छह मंत्री हैं। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और कर्नाटक से 5-5 मंत्री हैं। राजस्थान से 4 मंत्री मंत्रिमंडल में शामिल हुए हैं। हरियाणा, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा के 3-3 नेताओं को जगह मिली है। असम, तेलंगाना, झारखंड, पश्चिम बंगाल से 2-2 मंत्री चुने गए हैं।

वहीं पंजाब, दिल्ली, गोवा, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, अरुणाचल प्रदेश और उत्तराखंड से 1-1 नेता को ही मोदी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है।

इससे स्पष्ट होता है कि मोदी सरकार ने विभिन्न राज्यों से समर्थन लेकर अपने मंत्रिमंडल को समृद्ध किया है। राज्यों के प्रतिनिधित्व के माध्यम से, सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों की आवश्यकताओं और मुद्दों को समझा है और एक समर्थनीय गठबंधन की स्थापना की है। इससे देशवासियों को अधिक प्रतिभागी और सम्मानित महसूस होने का अवसर मिला है।

2019 लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद मोदी सरकार में यूपी और महाराष्ट्र से सबसे ज्यादा 9-9 मंत्री शामिल हुए थे। बिहार, कर्नाटक, मध्य प्रदेश से 5-5 मंत्रियों को जगह दी थी। गुजरात, हरियाणा, राजस्थान के 3-3 नेता मंत्रिमंडल में चुने गए थे। पंजाब, झारखंड, पश्चिम बंगाल से 2-2 नेता आए।वहीं दिल्ली, उत्तराखंड, गोवा, जम्मू-कश्मीर, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, असम, ओडिशा से एक-एक मंत्री को जगह मिली थी।

इस प्रकार, मोदी सरकार ने देश के विभिन्न हिस्सों से प्रतिनिधित्व को मंत्रिमंडल में समाहित किया है। इससे न केवल राजनीतिक संतुलन बना रहा है, बल्कि विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों की आवाज को भी मंत्रिमंडल में सुनियोजित किया जा रहा है। इससे देश की विकास योजनाओं में समर्थन और सहयोग का माहौल बना रहेगा।

कम सांसद चुने गए, फिर भी मंत्रियों की संख्या ज्यादा क्यों?

हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड ऐसे राज्य हैं जहां चुनाव में कम एनडीए सांसद (NDA Government) चुने जाने के बावजूद ज्यादा मंत्री पद दिए गए हैं। हरियाणा में सिर्फ 5 सांसदों ने जीत हासिल की, लेकिन आधे से ज्यादा 3 नेताओं को मंत्री पद दिया गया है। ऐसे ही महाराष्ट्र में 17 में 6 और झारखंड में 9 में 2 नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। इसका कारण है चुनाव। इन तीनों ही राज्यों में इसी साल के आखिरी तक विधानसभा चुनाव होना है।

अगले साल 2025 में दो राज्यों में चुनाव होना है- दिल्ली और बिहार। यहां भी कम सांसदों पर ज्यादा मंत्री बनाए गए हैं। दिल्ली की सभी 7 सीटें बीजेपी ने जीती हैं। यहां को एक नेता को मंत्री बनाया गया है। बिहार में एनडीए गठबंधन ने 40 में से 30 सीटें जीती और यहां से आठ नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है।

21वीं सदी के सबसे बड़े मंत्रिपरिषद की शपथ

21वीं सदी के सबसे बड़े मंत्रिपरिषद की शपथ

21वीं सदी में 5 बार लोकसभा चुनाव हो चुके हैं। 2024 में 18वीं लोकसभा के लिए प्रधानमंत्री समेत सबसे ज्यादा 72 नेताओं ने एक दिन में शपथ ली। ये 21वीं सदी का सबसे बड़ा मंत्रिपरिषद है। इससे पहले 2004 में 68, 2009 में 60, 2014 में 46 और 2019 में 58 नेताओं का एक दिन में शपथग्रहण हुआ था। मोदी कैबिनेट 3.0 में 71 मंत्रियों को शामिल किया गया है। सभी मंत्रियों को विभागों का बंटवारा कर दिया गया है।

 

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