Sri Lanka China Relations: श्रीलंका में चीन के साथ बदलते समीकरण! विदेश मंत्री जयशंकर से मुलाकात के बाद राष्ट्रपति दिसानायके का बड़ा बयान |

Sri Lanka China Relations: विदेश मंत्री एस जयशंकर की श्रीलंका के नए राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके से मुलाकात, विभिन्न मुद्दों पर हुई महत्वपूर्ण चर्चा |

Sri Lanka China Relations: श्रीलंका में चीन के साथ बदलते समीकरण! विदेश मंत्री जयशंकर से मुलाकात के बाद राष्ट्रपति दिसानायके का बड़ा बयान |
Sri Lanka China Relations: श्रीलंका में चीन के साथ बदलते समीकरण! विदेश मंत्री जयशंकर से मुलाकात के बाद राष्ट्रपति दिसानायके का बड़ा बयान |

Sri Lanka China Relations: शुक्रवार, 4 अक्टूबर को विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने श्रीलंका के नए राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके से मुलाकात की। इस महत्वपूर्ण बैठक में दोनों नेताओं ने भारत-श्रीलंका के बीच लंबे समय से चले आ रहे संबंधों को और मजबूत करने पर विचार-विमर्श किया। दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को और गहरा करने के तरीकों पर चर्चा की गई, विशेष रूप से आर्थिक और विकासात्मक पहलुओं पर।

Sri Lanka China Relations: मुलाकात के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने श्रीलंका के आर्थिक पुनर्निर्माण के लिए भारत की ओर से हरसंभव सहायता जारी रखने का आश्वासन दिया। उन्होंने श्रीलंका के समग्र विकास और स्थिरता के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। इसके अलावा, दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की, जिससे दक्षिण एशिया में स्थिरता और शांति के प्रयासों को प्रोत्साहन मिलेगा।

यह बैठक दोनों देशों के बीच विश्वास और सहयोग को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई है। भारत और श्रीलंका के बीच ऐसे महत्वपूर्ण संवाद क्षेत्रीय सुरक्षा, व्यापार, और विकास में सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए आवश्यक हैं।

Sri Lanka China Relations: श्रीलंका के राष्ट्रपति ने कही ये बात

श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ बैठक के दौरान आश्वासन दिया कि श्रीलंकाई क्षेत्र से भारत विरोधी कोई भी गतिविधि नहीं होगी। यह बात दोनों देशों के बीच सुरक्षा और विश्वास को और मजबूत करने के संदर्भ में महत्वपूर्ण रही। एस. जयशंकर, अनुरा कुमारा दिसानायके के पदभार संभालने के बाद श्रीलंका का दौरा करने वाले पहले विदेश मंत्री बने, जिससे दोनों देशों के रिश्तों को और प्रगाढ़ बनाने की दिशा में यह यात्रा एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई।

इससे भी पढ़े:-  टमाटर, प्याज और आलू की बढ़ती कीमतों पर शोध पत्र से सामने आई चौकाने वाली जानकारी |

Sri Lanka China Relations: श्रीलंका में चीन के साथ बदलते समीकरण! विदेश मंत्री जयशंकर से मुलाकात के बाद राष्ट्रपति दिसानायके का बड़ा बयान |
Sri Lanka China Relations: श्रीलंका में चीन के साथ बदलते समीकरण! विदेश मंत्री जयशंकर से मुलाकात के बाद राष्ट्रपति दिसानायके का बड़ा बयान |

Sri Lanka China Relations: अनुरा कुमार दिसानायके ने चुनाव प्रचार के दौरान उठाए थे सवाल

विपक्ष में रहते हुए अनुरा कुमारा दिसानायके ने भारतीय परियोजनाओं, विशेष रूप से अडाणी समूह द्वारा संचालित सतत ऊर्जा परियोजनाओं पर सवाल उठाए थे। उन्होंने आरोप लगाया था कि ये परियोजनाएं श्रीलंका के हितों के खिलाफ हैं और वादा किया था कि सत्ता में आने पर वे इन परियोजनाओं को रद्द कर देंगे। दिसानायके का मानना था कि ऐसे समझौते श्रीलंका की संप्रभुता और राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंचा सकते हैं, इसलिए इन पर पुनर्विचार आवश्यक है। उनके इस रुख ने श्रीलंका में भारतीय निवेश पर चिंता का विषय उत्पन्न किया था।

Sri Lanka China Relations: श्रीलंका के विदेश मंत्री विजिता हेराथ से भी हुई एस जयशंकर की मुलाकात

Sri Lanka China Relations: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कोलंबो में श्रीलंका के विदेश मंत्री विजिता हेराथ से मुलाकात की, जिसमें दोनों देशों के बीच संबंधों और साझेदारी के विभिन्न पहलुओं पर व्यापक चर्चा हुई। जयशंकर ने सोशल मीडिया पर इस बैठक की जानकारी देते हुए कहा, “विदेश मंत्री विजिता हेराथ के साथ विस्तृत और सार्थक बातचीत हुई। उन्हें उनकी नई जिम्मेदारी के लिए शुभकामनाएं दीं।”

Sri Lanka China Relations: इस बैठक में भारत-श्रीलंका साझेदारी के विभिन्न आयामों की समीक्षा की गई। जयशंकर ने श्रीलंका के आर्थिक पुनर्निर्माण में भारत की ओर से निरंतर समर्थन देने का आश्वासन दिया, जिससे श्रीलंका की आर्थिक स्थिति को स्थिर करने में मदद मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि भारत की ‘पड़ोस प्रथम नीति’ और ‘सागर दृष्टिकोण’ (समुद्र में सुरक्षा और विकास के लिए क्षेत्रीय सहयोग) भारत-श्रीलंका संबंधों की प्रगति में हमेशा मार्गदर्शक रहेंगे।यह बैठक दोनों देशों के बीच घनिष्ठ सहयोग और सामरिक साझेदारी को और मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है, जो क्षेत्रीय शांति और विकास के लिए आवश्यक है।

इससे भी पढ़े:-  युवा भड़के तो देश में उत्पन्न होंगे गंभीर हालात, नरसिंहानंद के पैगंबर पर आपत्तिजनक बयान पर AIMPLB की प्रतिक्रिया |

Leave a Reply

Scroll to Top