NASA Alert: NASA ने दी जानकारी; एक ही दिन में दो एस्टेरॉयड धरती के पास से गुजरेंगे, निगरानी जारी|
NASA Alert: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA ने गुरुवार, 1 अगस्त को चेतावनी जारी की है कि दो विशाल उल्का पिंड धरती के बहुत करीब से गुजरेंगे। NASA ने स्पष्ट किया है कि इन दोनों उल्का पिंड से फिलहाल कोई खतरा नहीं है, लेकिन यह वैज्ञानिकों के लिए उन्हें अध्ययन करने का एक उत्कृष्ट अवसर है।
NASA Alert: इन उल्का पिंडों में से एक, 2024 OE, एक इमारत के आकार जितना बड़ा है, जबकि दूसरा, 2024 OO, एक हवाई जहाज के बराबर है। NASA के अनुसार, ये उल्का पिंड धरती के काफी नजदीक से गुजरेंगे और NASA का केंद्र, जो पृथ्वी के पास से गुजरने वाली वस्तुओं पर नजर रखता है, इन उल्का पिंडों पर विशेष ध्यान दे रहा है।
NASA के वैज्ञानिकों का मानना है कि इस घटना से उन्हें इन खगोलीय पिंडों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होगी, जिससे भविष्य में पृथ्वी की सुरक्षा को लेकर बेहतर रणनीतियाँ बनाई जा सकेंगी। ऐसे मौके विरले ही आते हैं, जब वैज्ञानिक इतने करीब से इन उल्का पिंडों का अध्ययन कर सकते हैं। इस घटना ने खगोलविदों और वैज्ञानिक समुदाय में भारी उत्साह पैदा किया है।
NASA Alert: इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, NASA ने हाल ही में धरती के पास से गुजरने वाले दो एस्टेरॉयडों के संभावित प्रभाव के बारे में जानकारी साझा की है। यह घटना एक महीने के अंदर दूसरी बार हो रही है जब ऐसा नजारा देखा जा रहा है। जुलाई में, NASA ने दक्षिणी कैलिफोर्निया स्थित अपनी लैब से दो एस्टेरॉयडों की पहचान की थी जो पृथ्वी के करीब से गुजरने वाले थे। इनमें से एक एस्टेरॉयड के चारों ओर एक छोटा चंद्रमा परिक्रमा कर रहा था, जबकि दूसरे एस्टेरॉयड को पृथ्वी के करीब आने से महज 13 दिन पहले खोजा गया था।
NASA Alert: इन घटनाओं के दौरान, वैज्ञानिकों को यह मौका मिलता है कि वे इन खगोलीय पिंडों के अध्ययन के माध्यम से ग्रहों की रक्षा के लिए आवश्यक प्रौद्योगिकियों और रणनीतियों को बेहतर समझ सकें। एस्टेरॉयडों की इस तरह की निगरानी न केवल उनके प्रभाव का आकलन करने में सहायक होती है, बल्कि भविष्य में संभावित खतरों से निपटने के लिए भी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करती है।
NASA Alert: क्या धरती के लिए खतरा?
NASA के अधिकारियों के अनुसार, धरती के पास से गुजरने वाले उल्का पिंडों के धरती से टकराने की कोई संभावना नहीं है। एक अधिकारी ने बताया कि उनकी टीम इन उल्का पिंडों के हर मूवमेंट पर महीनों से बारीकी से नजर रख रही है और यह सुनिश्चित किया गया है कि ये केवल पृथ्वी के पास से गुजरेंगे, टकराएंगे नहीं। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस घटना में किसी प्रकार के विध्वंस का खतरा नहीं है और इसे एक अवसर के रूप में देखा जा रहा है।
अधिकारी ने यह भी बताया कि 13 दिन पहले भी इसी तरह की घटनाओं को अंतरिक्ष कैमरों के माध्यम से कैद किया गया था, जो अंतरिक्ष के रहस्यों को उजागर करने में सहायक हो सकता है। इन नए उल्का पिंडों का अध्ययन वैज्ञानिकों के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा, क्योंकि इससे उन्हें खगोलीय पिंडों के बारे में नई जानकारी प्राप्त करने और भविष्य में संभावित खतरों से निपटने के लिए बेहतर रणनीतियाँ विकसित करने में मदद मिलेगी। इस अध्ययन से अंतरिक्ष की समझ में वृद्धि होगी और हमारी सुरक्षा प्रौद्योगिकियों को भी मजबूती मिलेगी।
NASA Alert: जानिए क्या होते हैं एस्टेरॉयड?
NASA के अनुसार, एस्टेरॉयड्स को कभी-कभी छोटे ग्रहों के रूप में भी संदर्भित किया जाता है, क्योंकि ये सौर मंडल के निर्माण के समय के चट्टानी अवशेष हो सकते हैं, जो लगभग 4 अरब साल पहले अस्तित्व में आए थे। एस्टेरॉयड्स आमतौर पर सूर्य की परिक्रमा करते हुए पाए जाते हैं।
इनके आकार में काफी विविधता होती है। सबसे बड़े एस्टेरॉयड, 4 वेस्टा, का व्यास लगभग 530 किलोमीटर है, जबकि सबसे छोटे एस्टेरॉयड्स का व्यास 33 फीट से भी कम हो सकता है। सभी एस्टेरॉयड्स का कुल द्रव्यमान हमारे चंद्रमा से भी कम है।
NASA Alert: इन एस्टेरॉयड्स का अध्ययन करने से वैज्ञानिकों को सौर मंडल के प्रारंभिक चरणों और इसकी संरचना के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है। वे न केवल अंतरिक्ष के अध्ययन में योगदान देते हैं, बल्कि भविष्य में संभावित खतरों के लिए तैयारी में भी सहायक हो सकते हैं। एस्टेरॉयड्स के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने से हमें ब्रह्मांड की गहराई से समझने में मदद मिलती है।