Israel Iran Attack: अक्टूबर में हुए हमले का बदला नहीं लेगा इजरायल, ईरान के परमाणु कार्यक्रम और तेल संयंत्रों पर हमले से किया इनकार|
Israel Iran Attack: इजरायल ने ईरान के खिलाफ अपने कदमों की योजना तैयार कर ली है, हालांकि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने स्पष्ट किया है कि उनका देश ईरान के परमाणु कार्यक्रम और तेल संयंत्रों पर हमला नहीं करेगा। नेतन्याहू ने यह भी कहा कि इजरायल की सेना किसी भी समय ईरान के सैन्य ठिकानों पर हमला करने के लिए तैयार है। सूत्रों के अनुसार, इजरायल 5 नवंबर से पहले ईरान पर हमला कर सकता है। 1 अक्टूबर को ईरान द्वारा इजरायल पर किए गए हमले के जवाब में इजरायल अपनी रणनीति बना रहा है। इजरायल इस हमले का बदला लेने की पूरी तैयारी में है और उसकी सेना हाई अलर्ट पर है।
Israel Iran Attack: यह मामला तब और अधिक गंभीर हो गया जब ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने लगा है। इजरायल की ओर से स्पष्ट किया गया है कि वे किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। अब पूरी दुनिया की नजरें इस क्षेत्र के हालात पर टिकी हुई हैं।
Israel Iran Attack: परमाणु और तेल संयंत्रों पर हमला नहीं करेगा इजरायल
Israel Iran Attack: वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार, इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने स्पष्ट किया है कि इजरायल ईरान के परमाणु कार्यक्रम और तेल संयंत्रों पर हमला नहीं करेगा। यह घोषणा महत्वपूर्ण है क्योंकि यह क्षेत्र में बढ़ते तनाव को देखते हुए आती है। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और नेतन्याहू के बीच हुई बातचीत के दौरान, दोनों नेताओं ने ईरान के खिलाफ संभावित जवाबी हमलों के विकल्पों पर चर्चा की थी। इस वार्ता में बाइडेन ने यह भी कहा कि अमेरिका ईरान के परमाणु और तेल संयंत्रों पर हमले का समर्थन नहीं करेगा, जिससे स्थिति और भी स्पष्ट हो गई है।
Israel Iran Attack: इजरायल और अमेरिका के बीच ईरान पर हमले की रणनीति पर विचार-विमर्श हो रहा है, जिसमें नेतन्याहू ने कहा कि वे ऐसे हमलों की योजना बनाने पर सहमत हैं, जो अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों पर नकारात्मक प्रभाव नहीं डालें। यह बयान इस बात का संकेत है कि इजरायल अपने रणनीतिक लक्ष्यों को हासिल करने के साथ-साथ अमेरिकी राजनीतिक स्थिति का भी ध्यान रख रहा है।
इस स्थिति में, इजरायल की रणनीति को लेकर चिंताएँ बढ़ रही हैं। ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर दोनों देशों की चिंताएँ स्पष्ट हैं, और इसी के चलते अमेरिका और इजरायल के बीच सहयोग बढ़ रहा है। ऐसे में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि दोनों देशों की यह रणनीति क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता को किस प्रकार प्रभावित करती है।
Israel Iran Attack: इस वजह से नही करेगा तेल संयंत्रों पर हमला
Israel Iran Attack: रिपोर्टों के अनुसार, अगर इजरायल ईरान के तेल संयंत्रों पर हमला करता है, तो इसका प्रभाव वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतों पर पड़ेगा। ऐसी स्थिति में, अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को जनता की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है, खासकर यदि तेल की कीमतों में तेजी आती है। यह चिंता इस बात को लेकर भी है कि उच्च तेल कीमतें चुनावी माहौल को प्रभावित कर सकती हैं, जिससे डेमोक्रेटिक उम्मीदवारों को नुकसान हो सकता है।
Israel Iran Attack: इस बीच, 1 अक्टूबर को ईरान ने इजरायल पर 180 से अधिक बैलेस्टिक मिसाइलें दागी थीं। इन मिसाइलों में से अधिकांश को इजरायल और अमेरिका के एयर डिफेंस सिस्टम द्वारा सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया गया। हालांकि, कुछ मिसाइलें एंटी-मिसाइल सिस्टम को भेदने में सफल रही, जिससे दो इजरायली नागरिक घायल हो गए। इस हमले के बाद से तनाव और बढ़ गया है, और इजरायल ने ईरान के खिलाफ अपनी सैन्य रणनीतियों पर विचार करना शुरू कर दिया है। ऐसे में क्षेत्र में स्थिति और जटिल हो सकती है, जिससे वैश्विक बाजारों पर भी असर पड़ेगा।