- India Canada Tensions: कनाडा में फिर उठी कनिष्क बमकांड की तीसरी जांच की मांग, एयर इंडिया फ्लाइट हादसे में मारे गए थे 329 यात्री |
- India Canada Tensions: किसने की कनिष्क बॉम्बिंग की तीसरी बार जांच की मांग
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- India Canada Tensions: पीड़ित परिवार के लोगों ने क्या कहा?
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India Canada Tensions: कनाडा में फिर उठी कनिष्क बमकांड की तीसरी जांच की मांग, एयर इंडिया फ्लाइट हादसे में मारे गए थे 329 यात्री |
India Canada Tensions: कनाडा में 39 साल पहले एयर इंडिया की फ्लाइट 182 में हुए बम धमाके को लेकर तीसरी बार जांच की मांग की जा रही है। यह घटना 23 जून 1985 को हुई थी, जिसे कनिष्क बॉम्बिंग के नाम से जाना जाता है। इस आतंकी हमले में 329 निर्दोष लोगों की जान गई थी। इस कांड के पीछे खालिस्तानी आतंकियों का हाथ बताया गया था, और पहले की दो जांचों में इसे साबित भी किया गया।
India Canada Tensions: हाल ही में कनाडा की संसद में इस मामले की तीसरी जांच की मांग उठाई गई है। इस मांग का भारतीय मूल के सांसद चंद्रा आर्य ने कड़ा विरोध जताया है। उन्होंने इसे भारत के खिलाफ साजिश बताते हुए कहा है कि तीसरी जांच का असली उद्देश्य खालिस्तानी आतंकियों को आरोपों से बरी करना और भारत पर दोष मढ़ने की कोशिश हो सकता है।
India Canada Tensions: सांसद चंद्रा आर्य ने इस जांच को बेवजह बताते हुए कहा कि पहले ही दो बार इस मामले में जांच हो चुकी है, और हर बार खालिस्तानी आतंकियों को दोषी पाया गया है। तीसरी जांच की मांग केवल एक षड्यंत्रकारी विचारधारा को बढ़ावा देने के लिए की जा रही है, जो भारत के हितों के खिलाफ है।कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की पार्टी के ही सांसद होने के बावजूद चंद्रा आर्य ने इस मुद्दे पर स्पष्ट और मजबूत रुख अपनाया है। उनका कहना है कि इस तरह की मांगों से कनाडा-भारत संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और यह न्याय के हित में नहीं है।
India Canada Tensions: किसने की कनिष्क बॉम्बिंग की तीसरी बार जांच की मांग
India Canada Tensions: कनाडा के लिबरल पार्टी के सांसद सुख धालीवाल ने 1985 में हुए कनिष्क बॉम्बिंग की नए सिरे से जांच की मांग उठाई है। इस मांग ने विवाद पैदा कर दिया है, क्योंकि पहले की दो जांचों में खालिस्तानी आतंकियों को इस बम धमाके के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था। एयर इंडिया की फ्लाइट 182 में हुए इस धमाके में 329 लोगों की जान गई थी, जिसमें बड़ी संख्या में भारतीय नागरिक शामिल थे।
India Canada Tensions: पहली और दूसरी जांच में स्पष्ट रूप से यह पाया गया था कि इस हमले के पीछे खालिस्तानी आतंकवादी संगठनों का हाथ था। इसके बावजूद सुख धालीवाल की तीसरी जांच की मांग को लेकर सवाल उठने लगे हैं। पीड़ित परिवारों ने भी इस नई जांच का विरोध किया है, उनका मानना है कि पहले ही न्याय हो चुका है और इस तरह की मांग से पुरानी पीड़ाओं को फिर से उजागर करना सही नहीं है।
India Canada Tensions: पीड़ितों के परिजनों का कहना है कि यह मांग केवल राजनीतिक उद्देश्य के लिए की जा रही है, जो खालिस्तानी आतंकियों को निर्दोष साबित करने की साजिश हो सकती है। तीसरी बार जांच की जरूरत पर भी गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं, क्योंकि पहले से ही इस मामले में पर्याप्त जांच हो चुकी है।
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India Canada Tensions: पीड़ित परिवार के लोगों ने क्या कहा?
India Canada Tensions: भारतीय मूल के सांसद चंद्रा आर्य ने एयर इंडिया की फ्लाइट 182 में हुए कनिष्क बॉम्बिंग को कनाडा के इतिहास की सबसे बड़ी सामूहिक हत्या बताते हुए कहा कि 39 साल पहले खालिस्तानी आतंकियों ने इस हमले को अंजाम दिया था, जिसमें 329 निर्दोष लोग मारे गए थे। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस हमले की जिम्मेदारी लेने वाली विचारधारा आज भी कनाडा में सक्रिय है, जो चिंताजनक है।
India Canada Tensions: चंद्रा आर्य ने इस संदर्भ में रमा नाम की महिला का भी उल्लेख किया, जिनकी इस हमले में मौत हो गई थी। उनके पति ने ग्लोब एंड मेल से बातचीत में कहा कि नई जांच की मांग निराशाजनक है और यह पुराने जख्मों को फिर से हरा करने जैसी है। उनका मानना है कि यह आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने और समर्थन हासिल करने की कोशिश है, जो सही नहीं है।
आर्य ने इस बात को भी रेखांकित किया कि कनाडा की सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही खालिस्तानी आतंकियों को इस हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया है। ऐसे में बार-बार नई जांच की मांग करना केवल राजनीतिक फायदे के लिए खालिस्तानी तत्वों को बचाने की साजिश हो सकता है, जो पीड़ित परिवारों के लिए और भी अधिक कष्टदायक है।