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Hezbollah Powerful Weapons: मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ा; 5 बिंदुओं में जानें क्यों इजरायल और हिज़्बुल्लाह में हुआ टकराव, दुनिया पर क्या हो सकते हैं इसके असर?

Hezbollah Powerful Weapons: मिडिल ईस्ट में फिर बढ़ा तनाव: इजरायल और हिज़्बुल्लाह के बीच टकराव, क्या ईरान की भूमिका है?

Hezbollah Powerful Weapons: मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ा; 5 बिंदुओं में जानें क्यों इजरायल और हिज़्बुल्लाह में हुआ टकराव, दुनिया पर क्या हो सकते हैं इसके असर?

Hezbollah Powerful Weapons: मिडिल ईस्ट में एक बार फिर से तनाव बढ़ता नजर आ रहा है, खासकर लेबनान और इजरायल के बीच. यह स्थिति तब और गंभीर हो गई जब इजरायल ने लेबनान में हमला किया, जिसके बाद हिज़्बुल्लाह ने जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी. हिज़्बुल्लाह ने दावा किया है कि उसने इजरायल पर 320 रॉकेट दागे हैं, जिससे इस क्षेत्र में हिंसा की लहर और तेज हो गई है.

Hezbollah Powerful Weapons: इजरायली सेना ने बताया कि उनके अधिकांश हमले दक्षिणी लेबनान में केंद्रित हैं, जहां हिज़्बुल्लाह का प्रभाव सबसे अधिक है. हालांकि, इजरायली सेना ने यह भी स्पष्ट किया है कि वे किसी भी संभावित खतरे को समाप्त करने के लिए अन्य क्षेत्रों में भी हमले कर सकते हैं.

Hezbollah Powerful Weapons: इस टकराव ने मिडिल ईस्ट में तनाव की स्थिति को और गंभीर बना दिया है, जिससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी चिंतित है. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इस स्थिति को जल्द नियंत्रित नहीं किया गया तो इसका प्रभाव पूरे क्षेत्र और दुनिया पर पड़ सकता है.

Hezbollah Powerful Weapons: इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच जारी संघर्ष का दुनिया पर असर

Hezbollah Powerful Weapons: इजरायल और हिज़्बुल्लाह के बीच जारी संघर्ष ने वैश्विक स्तर पर एक नया संकट खड़ा कर दिया है, खासकर तब जब इजरायल पहले से ही हमास के साथ युद्धरत है। हिज़्बुल्लाह की इस संघर्ष में भागीदारी ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया है, जिसका असर पूरी दुनिया पर पड़ सकता है। इस तनाव में ईरान की भूमिका भी नजर आ रही है, जो पहले से ही इस क्षेत्र में सक्रिय है।

Hezbollah Powerful Weapons: रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह संघर्ष और बढ़ा तो इसका असर न केवल मिडिल ईस्ट की ऊर्जा सुरक्षा पर पड़ेगा, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था भी इसके दुष्प्रभावों से बच नहीं पाएगी। मिडिल ईस्ट विश्व के प्रमुख तेल उत्पादक क्षेत्रों में से एक है, और यहां के तेल आपूर्ति में रुकावट से तेल की कीमतें आसमान छू सकती हैं। इसका सीधा असर भारत पर भी पड़ेगा, क्योंकि भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों का बड़ा हिस्सा मिडिल ईस्ट से आयात करता है। तेल की कीमतों में वृद्धि से भारतीय अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ेगा, जिससे महंगाई और अन्य आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

Hezbollah Powerful Weapons: इस मसले पर अमेरिका शुरू से इजरायल के समर्थन में है, जो इस संघर्ष को और भी जटिल बना देता है। अमेरिका की ओर से इजरायल को समर्थन मिलने से ईरान और उसके समर्थक गुटों के बीच तनाव और बढ़ सकता है। यह तनाव न केवल मिडिल ईस्ट, बल्कि वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए भी खतरा पैदा कर सकता है।स्थिति पर नज़र बनाए रखना और कूटनीतिक प्रयासों से समाधान निकालने की कोशिश करना अब सभी संबंधित देशों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हो गया है।

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