- Canada Khalistani Issue: एबीपी न्यूज के सवाल पर कनाडा सरकार का खुलासा; इस साल अगस्त तक 217 खालिस्तानी आतंकियों को दी शरण |
- घटना की निंदा की, लेकिन हमला करने वालों को कुछ नहीं कहा
- अगस्त 2024 तक 217 खालिस्तानी आतंकियों को पनाह दे चुका है कनाडा
- टेरर फंडिंग करने वालों को लिस्ट मिलने के बाद भी नहीं सौंपा
- टेरर फंडिंग करने वालों को ट्रूडो सरकार दे रही सरकारी नौकरी
- वोट बैंक सबसे बड़ी वजह, जगमीत सिंह फैक्टर भी ट्रूडो पर हावी
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- घटना की निंदा की, लेकिन हमला करने वालों को कुछ नहीं कहा
Canada Khalistani Issue: एबीपी न्यूज के सवाल पर कनाडा सरकार का खुलासा; इस साल अगस्त तक 217 खालिस्तानी आतंकियों को दी शरण |
Canada Khalistani Issue: ब्रैम्प्टन में हिंदू सभा मंदिर पर हुए हमले ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के खालिस्तानी प्रेम को एक बार फिर उजागर किया है। इस घटना ने यह दर्शाया है कि ट्रूडो सरकार ने खालिस्तानी कट्टरपंथियों के विरोध प्रदर्शनों की चेतावनी के बावजूद सुरक्षा को लेकर लापरवाही बरती। सरकार की यह लापरवाही कई सवाल उठाती है, खासकर जब हमले की पूर्व सूचना होने के बावजूद उचित सुरक्षा उपाय नहीं किए गए।
Canada Khalistani Issue: हालांकि, इस फजीहत के बाद कनाडा की सरकार हरकत में आई है। पुलिस ने हमले में शामिल तीन संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया है, और एक पुलिसकर्मी को भी सस्पेंड किया गया है। यह कार्रवाई तब हुई जब देश भर में इस हमले के खिलाफ तीव्र प्रतिक्रिया और विरोध देखने को मिला। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि खालिस्तानियों को आखिरकार शह किसने दी? यह घटना केवल एक मंदिर पर हमले तक सीमित नहीं है, बल्कि यह कनाडा में हिंदू समुदाय की सुरक्षा और स्थिरता के लिए भी एक गंभीर चेतावनी है। क्या कनाडा की सरकार अब खालिस्तानी कट्टरपंथियों के खिलाफ ठोस कदम उठाएगी?
घटना की निंदा की, लेकिन हमला करने वालों को कुछ नहीं कहा
Canada Khalistani Issue: इस हमले के बाद कनाडा के भारतीय मूल के सांसद चंद्र आर्य ने कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि यह घटना दर्शाती है कि कनाडा में खालिस्तानी उग्रवाद अब हिंसक रूप ले चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि खालिस्तानी चरमपंथियों ने अब ‘रेड लाइन क्रॉस कर ली है’, जिससे स्थिति और भी गंभीर होती जा रही है। दूसरी ओर, प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का दोहरा चेहरा सामने आया है। उन्होंने इस घटना की निंदा की, लेकिन इस हिंसा को अंजाम देने वालों के प्रति एक शब्द भी नहीं कहा। यह बात स्पष्ट करती है कि खालिस्तानी कट्टरपंथी ट्रूडो के लिए कितने करीब हैं।
Canada Khalistani Issue: आर्य ने कहा कि यह अस्वीकार्य है कि कनाडा में ऐसे उग्रवादियों को सुरक्षित पनाहगाह दी गई है, जो न केवल भारतीय समुदाय को बल्कि कनाडा की सुरक्षा को भी खतरे में डाल रहे हैं। कुल मिलाकर, यह स्थिति ट्रूडो के लिए एक गंभीर चुनौती है। उन्होंने जिस आतंक को अपने देश में शरण दी है, वह अब खुद उनके लिए भस्मासुर साबित होता जा रहा है। इस स्थिति को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
अगस्त 2024 तक 217 खालिस्तानी आतंकियों को पनाह दे चुका है कनाडा
Canada Khalistani Issue: एबीपी न्यूज़ के सवाल के जवाब में कनाडा सरकार ने खुलासा किया है कि इस साल अगस्त तक कनाडा ने कुल 217 खालिस्तानी आतंकियों को अपने देश में शरण दी है। इन आतंकियों का कहना है कि उन्हें भारत में खतरा है, क्योंकि वहां उनके खिलाफ आतंकवाद से जुड़े मामले दर्ज हैं। यह स्पष्ट है कि कनाडा की ट्रूडो सरकार ने सब कुछ जानने के बावजूद इन्हें पनाह दी है, और यह सिलसिला पिछले चार सालों से जारी है।
Canada Khalistani Issue: कनाडा की सरकार ने एबीपी न्यूज को जो दस्तावेज उपलब्ध कराए हैं, उनके अनुसार, सिर्फ खालिस्तानी आतंकियों ही नहीं, बल्कि भारत के अन्य हिस्सों में आतंकवाद फैलाने वाले 618 लोगों को भी कनाडा ने शरण दी है। यह स्थिति दर्शाती है कि कैसे कनाडा की नीतियां उग्रवादियों के प्रति सहानुभूति रखती हैं। यह कदम केवल भारतीय समुदाय के लिए ही नहीं, बल्कि कनाडा की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा बन गया है। कनाडा सरकार को अब इस गंभीर मुद्दे पर विचार करना चाहिए और ऐसे तत्वों को अपने देश में शरण देने की नीतियों पर पुनर्विचार करना चाहिए।
टेरर फंडिंग करने वालों को लिस्ट मिलने के बाद भी नहीं सौंपा
Canada Khalistani Issue: इसके अलावा, प्रतिबंधित आतंकी संगठन बब्बर खालसा के कई आतंकी कनाडा में सक्रिय हैं और वहां से आतंकवादी वित्तपोषण (टेरर फंडिंग) कर रहे हैं। इनमें से एक प्रमुख नाम है पर्वकर सिंह दुलाई का। भारत सरकार ने पिछले साल कनाडा के साथ 21 लोगों की एक सूची साझा की थी, जो भारत में खालिस्तान के नाम पर आतंकवादी गतिविधियों के लिए फंडिंग कर रहे हैं।
Canada Khalistani Issue: इस सूची में पर्वकर सिंह दुलाई का नाम शामिल होने के बावजूद, अब तक उसके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। यह स्थिति न केवल भारत के लिए चिंताजनक है, बल्कि यह कनाडा की सरकार की नीतियों पर भी सवाल उठाती है।
Canada Khalistani Issue: कनाडा में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले ऐसे तत्वों की पहचान होने के बावजूद, सरकार की निष्क्रियता से यह साफ होता है कि सुरक्षा और शांति के प्रति उनकी प्रतिबद्धता कितनी कमजोर है। ऐसे आतंकवादियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई न करना कनाडा की अंतरराष्ट्रीय छवि को भी नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए, कनाडा को इस दिशा में गंभीरता से कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि आतंकवाद का यह खतरा नियंत्रित किया जा सके।
टेरर फंडिंग करने वालों को ट्रूडो सरकार दे रही सरकारी नौकरी
Canada Khalistani Issue: कनाडा ने पर्वकर सिंह दुलाई को नो फ्लाई लिस्ट में डाल रखा है, क्योंकि कनाडा की सरकार ने खुद यह दावा किया था कि यह व्यक्ति विमान में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दे सकता है। इसके बावजूद, दुलाई न केवल कनाडा में खुला घूम रहा है, बल्कि वह कनाडा की सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं के साथ बैठकों में भी शामिल होता है और उनके करीबियों में शुमार है। यह स्थिति चिंताजनक है, क्योंकि यह दर्शाती है कि कनाडा की सुरक्षा नीतियों में कितनी कमी है।
Canada Khalistani Issue: इसके अलावा, कनाडा की सरकार ने कई खालिस्तानी आतंकियों को सरकारी नौकरियां भी दी हुई हैं। यह सवाल उठता है कि एक ऐसा व्यक्ति, जिसे खतरनाक माना जा चुका है, वह कैसे सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं के साथ संवाद स्थापित कर सकता है। यह स्थिति कनाडा की आतंकवाद के प्रति दृष्टिकोण को स्पष्ट करती है और यह बताती है कि कनाडा की सरकार इन तत्वों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने में असफल रही है। इससे न केवल भारत- कनाडा के संबंध प्रभावित होते हैं, बल्कि यह कनाडा की राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी गंभीर खतरा उत्पन्न करता है।
वोट बैंक सबसे बड़ी वजह, जगमीत सिंह फैक्टर भी ट्रूडो पर हावी
Canada Khalistani Issue: दरअसल, प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का खालिस्तानियों के प्रति प्रेम की सबसे बड़ी वजह उनके वोट बैंक का महत्व है। सरकार जिन खालिस्तानियों को शरण देती है, वे कनाडा में एक मजबूत वोट बैंक और राजनीतिक चंदे का एक पूरा इकोसिस्टम तैयार करते हैं। यह स्थिति ट्रूडो के लिए राजनीतिक दृष्टिकोण से फायदेमंद है, क्योंकि वह इन समूहों के समर्थन से अपने शासन को मजबूती प्रदान कर सकते हैं।
Canada Khalistani Issue: कनाडा में खालिस्तानी आंदोलन को बढ़ावा देने वालों में सबसे बड़ा नाम जगमीत सिंह का है। ट्रूडो सरकार को चलाने में जगमीत सिंह का समर्थन महत्वपूर्ण है। कनाडा के हाउस ऑफ कॉमन्स में 338 सीटें हैं, जिसमें ट्रूडो की पार्टी के पास 153 सीटें हैं। एनडीपी (जगमीत सिंह की पार्टी) के 25 सीटों के समर्थन से ही ट्रूडो की सरकार चल रही है। यदि एनडीपी का समर्थन समाप्त हो जाता है, तो ट्रूडो की सरकार अल्पमत में आ जाएगी। इस स्थिति में, उनके लिए सत्ता बनाए रखना कठिन होगा। इस प्रकार, खालिस्तानी समुदाय का राजनीतिक महत्व ट्रूडो सरकार की स्थिरता के लिए एक निर्णायक कारक बन गया है।
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