- US Political System: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया शुरू; 5 नवंबर को मतदान, नए साल में होगा नए राष्ट्रपति का कार्यभार ग्रहण |
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- US Political System: राष्ट्रपति का चुनाव कब होगा?
- US Political System: उम्मीदवार कौन कौन हैं, कैसे चुने गए?
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- US Political System: चुनावी मैदान में कौन कौन सी पार्टी हैं?
- US Political System: पार्टियों का एजेंडा क्या है?
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US Political System: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया शुरू; 5 नवंबर को मतदान, नए साल में होगा नए राष्ट्रपति का कार्यभार ग्रहण |
US Political System: अमेरिका में नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। जैसे-जैसे चुनाव की तारीखें करीब आ रही हैं, वहां का सियासी तापमान भी बढ़ता जा रहा है। इस बार मुकाबला डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस और रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रंप के बीच है। दोनों ही प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हैं।
डोनाल्ड ट्रंप अपने पिछले कार्यकाल की उपलब्धियों को सामने रखते हुए जनता से फिर से समर्थन मांग रहे हैं, जबकि कमला हैरिस नए दृष्टिकोण और बदलाव की बात करते हुए मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं। दोनों उम्मीदवारों की रैलियों में भारी भीड़ उमड़ रही है, और जनता के बीच चुनावी माहौल गर्म है।
US Political System: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया काफी जटिल होती है। यहां जनता सीधे राष्ट्रपति को नहीं चुनती, बल्कि इलेक्टोरल कॉलेज के प्रतिनिधियों द्वारा चुनाव होता है। 5 नवंबर को मतदान के बाद अगले दिन परिणाम आने की संभावना है, और जनवरी में नवनिर्वाचित राष्ट्रपति अपना पदभार संभालेंगे। चुनाव में कौन जीतता है, यह देखना दिलचस्प होगा, क्योंकि दोनों पक्षों की कड़ी टक्कर है।
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US Political System: राष्ट्रपति का चुनाव कब होगा?
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव 5 नवंबर 2024 को आयोजित किए जाएंगे। इस चुनाव में मुख्य मुकाबला डेमोक्रेटिक पार्टी की कमला हैरिस और रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रंप के बीच होगा। जनता द्वारा मतदान के बाद, नतीजे अगले दिन आने की उम्मीद है। जो भी उम्मीदवार इस चुनाव में जीत दर्ज करेगा, वह 20 जनवरी 2025 को औपचारिक रूप से राष्ट्रपति पद की शपथ ग्रहण करेगा। यह चुनाव अमेरिकी राजनीति के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा, क्योंकि दोनों उम्मीदवार अपनी-अपनी नीतियों के साथ देश की दिशा निर्धारित करने का दावा कर रहे हैं।
US Political System: उम्मीदवार कौन कौन हैं, कैसे चुने गए?
US Political System: इस बार अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी से पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी से कमला हैरिस उम्मीदवार हैं। दोनों ने अपनी-अपनी पार्टियों की स्टेट प्राइमरी और कॉकस प्रक्रियाओं में अपने प्रतिद्वंद्वियों पर भारी बढ़त के साथ जीत हासिल की और राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बने। ट्रंप जहां अपने पुराने कार्यकाल की नीतियों और उपलब्धियों के आधार पर समर्थन जुटा रहे हैं, वहीं कमला हैरिस बदलाव और प्रगति की बात कर रही हैं।
इसके अलावा, कुछ स्वतंत्र उम्मीदवार भी इस बार के चुनाव में हिस्सा ले रहे हैं। इनमें से एक प्रमुख नाम रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर का था, जो पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ. कैनेडी के भतीजे हैं। उन्होंने शुरुआत में स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने की योजना बनाई थी, लेकिन अगस्त के अंत में उन्होंने अपना अभियान स्थगित कर दिया और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन करने का निर्णय लिया। कैनेडी के इस कदम से चुनावी समीकरणों में बदलाव की संभावना बन रही है, क्योंकि उनका समर्थन ट्रंप के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। आगामी चुनाव में दोनों उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है।
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US Political System: चुनावी मैदान में कौन कौन सी पार्टी हैं?
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में मुख्य मुकाबला डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टियों के बीच होता है। पिछले चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के जो बाइडन ने जीत दर्ज की थी, लेकिन इस बार उन्होंने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। इसके बाद, डेमोक्रेटिक पार्टी ने कमला हैरिस को अपना उम्मीदवार चुना है। रिपब्लिकन पार्टी से पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उम्मीदवार हैं, जो अपनी पुरानी नीतियों और उपलब्धियों के आधार पर समर्थन जुटाने की कोशिश कर रहे हैं। दोनों पार्टियों के बीच इस बार भी कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है।
US Political System: पार्टियों का एजेंडा क्या है?
US Political System: नवंबर में होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप अपने-अपने एजेंडे के साथ जनता से समर्थन मांग रहे हैं। कमला हैरिस का मुख्य फोकस देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने पर है। वह आर्थिक सुधारों, रोजगार सृजन और समाज के सभी वर्गों के लिए आर्थिक न्याय पर जोर दे रही हैं।
दूसरी तरफ, डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रीय सुरक्षा और देश के भीतर बढ़ते हिंसक अपराधों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इसके साथ ही, वे इजरायल-हमास युद्ध और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमेरिका की गिरती साख को लेकर भी चिंता जता रहे हैं। ट्रंप का दावा है कि उनके नेतृत्व में अमेरिका अंतरराष्ट्रीय मंच पर फिर से मजबूत होगा। दोनों उम्मीदवारों के बीच मुद्दों को लेकर स्पष्ट अंतर है, और यह चुनाव अमेरिका के भविष्य की दिशा तय करेगा।
US Political System: राष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है?
US Political System: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया बेहद अनोखी और जटिल है, जिसे पूरी तरह समझने के लिए यह जानना जरूरी है कि यहां राष्ट्रपति का चुनाव सीधे जनता के वोटों से नहीं होता। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए एक विशेष प्रणाली का उपयोग किया जाता है जिसे इलेक्टोरल कॉलेज कहा जाता है। इस प्रणाली के तहत, जनता अपने मत से सीधे राष्ट्रपति का चुनाव नहीं करती, बल्कि राज्यों में होने वाले चुनावों के आधार पर इलेक्टर्स का चयन करती है। यही इलेक्टर्स बाद में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का चुनाव करते हैं।
US Political System: अमेरिका के 50 राज्यों और वाशिंगटन डी.सी. में इलेक्टोरल कॉलेज के कुल 538 सदस्य होते हैं। हर राज्य को एक निश्चित संख्या में इलेक्टोरल वोट दिए जाते हैं, जो उस राज्य की जनसंख्या पर आधारित होते हैं। उदाहरण के लिए, कैलिफोर्निया जैसे बड़े राज्य को 55 इलेक्टोरल वोट मिलते हैं, जबकि छोटे राज्य जैसे वर्मोंट या डेलावेयर को 3 वोट मिलते हैं। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को जीतने के लिए 270 या उससे अधिक इलेक्टोरल वोट हासिल करने होते हैं।
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यह ध्यान देने योग्य है कि यह प्रणाली जनमत पर आधारित नहीं है। इसका मतलब यह है कि वह उम्मीदवार जो राष्ट्रीय स्तर पर सबसे अधिक वोट (पॉपुलर वोट) जीतता है, जरूरी नहीं कि वह राष्ट्रपति बन जाए। उदाहरण के लिए, 2016 के चुनाव में हिलेरी क्लिंटन ने पॉपुलर वोट में डोनाल्ड ट्रंप से अधिक वोट प्राप्त किए थे, लेकिन फिर भी वह राष्ट्रपति नहीं बन सकीं क्योंकि ट्रंप को इलेक्टोरल कॉलेज में बहुमत हासिल हुआ था।
US Political System: अमेरिकी चुनाव प्रणाली की यह खासियत है कि प्रत्येक राज्य में जो भी उम्मीदवार जीतता है, उसे उस राज्य के सभी इलेक्टोरल वोट मिल जाते हैं (कुछ अपवादों को छोड़कर)। इसे “विजेता को सब कुछ” प्रणाली कहा जाता है। इसलिए, अगर कोई उम्मीदवार किसी बड़े राज्य में थोड़े से अंतर से भी जीतता है, तो वह उस राज्य के सभी इलेक्टोरल वोट ले जाता है, जिससे चुनाव का परिणाम बदल सकता है।
US Political System: अगर किसी चुनाव में किसी उम्मीदवार को 270 इलेक्टोरल वोट नहीं मिलते, तो राष्ट्रपति का चुनाव अमेरिका की प्रतिनिधि सभा (हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स) द्वारा किया जाता है। यह स्थिति असाधारण होती है और अमेरिकी इतिहास में दुर्लभ है। उपराष्ट्रपति का चुनाव तब सीनेट के सदस्यों द्वारा किया जाता है।इस चुनाव प्रणाली का उद्देश्य यह था कि छोटे राज्यों और बड़े राज्यों के बीच संतुलन बनाए रखा जाए, ताकि बड़े राज्य छोटे राज्यों पर हावी न हो जाएं। हालांकि, इस प्रणाली पर अक्सर विवाद भी होते हैं, क्योंकि यह संभव है कि पॉपुलर वोट जीतने वाला उम्मीदवार इलेक्टोरल कॉलेज में हार जाए, जैसा कि 2000 और 2016 के चुनावों में हुआ था।
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव प्रणाली अपनी जटिलताओं और अप्रत्यक्ष प्रक्रिया के कारण अद्वितीय है। इस प्रणाली ने अमेरिकी लोकतंत्र को विशेष पहचान दी है, लेकिन इसके साथ ही इस पर सुधार और बदलाव की मांगें भी समय-समय पर उठती रहती हैं।
US Political System: चुनाव में कौन वोट डाल सकता है?
US Political System: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने के लिए अधिकांश अमेरिकी नागरिक जो 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के हैं, पात्र होते हैं। हालांकि, नॉर्थ डकोटा को छोड़कर सभी राज्यों में मतदान से पहले मतदाता पंजीकरण कराना अनिवार्य है। प्रत्येक राज्य की अपनी मतदाता पंजीकरण प्रक्रिया और समय-सीमा होती है, जिससे मतदाता सुनिश्चित कर सकते हैं कि वे चुनाव के दिन मतदान करने के योग्य होंगे।
US Political System: विदेश में रहने वाले अमेरिकी नागरिक भी मतदान में हिस्सा ले सकते हैं। वे संघीय पोस्ट कार्ड आवेदन (एफसीपीए) भरकर मतदान के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं और अनुपस्थित डाक मतपत्र (एब्सेंटि बैलट) का अनुरोध कर सकते हैं। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि विदेश में रह रहे अमेरिकी नागरिक भी चुनावी प्रक्रिया में शामिल हो सकें और अपने मताधिकार का उपयोग कर सकें। इस तरह, अमेरिका में चुनाव की प्रक्रिया सभी नागरिकों के लिए समान रूप से सुलभ बनाने का प्रयास करती है, चाहे वे देश के भीतर हों या बाहर।
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US Political System: नवंबर में राष्ट्रपति के अलाव और किसका चुनाव होगा?
US Political System: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के दौरान केवल राष्ट्रपति पद के चुनाव पर ही ध्यान केंद्रित नहीं किया जाता, बल्कि मतदाता अपने मतपत्र पर कांग्रेस के नए सदस्यों का भी चयन करते हैं। अमेरिका की कांग्रेस दो भागों में बंटी हुई है: प्रतिनिधि सभा और सीनेट। प्रतिनिधि सभा में 435 सीटों के लिए चुनाव होते हैं, जबकि सीनेट में 34 सीटों के लिए मतदान किया जाता है।
US Political System: मतदाता राष्ट्रपति के साथ-साथ इन सीटों के लिए भी मतदान करते हैं, जिससे न केवल राष्ट्रपति बल्कि नए सांसदों का चयन भी किया जाता है। यह प्रक्रिया यह सुनिश्चित करती है कि राष्ट्रपति के साथ ही एक नई कांग्रेस भी चुनी जाए, जो कानून बनाने और पारित करने की जिम्मेदारी निभाएगी। इस प्रकार, अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया में राष्ट्रपति के चुनाव के साथ-साथ कांग्रेस के सभी नए सदस्यों का चयन भी महत्वपूर्ण होता है। यह चुनावी व्यवस्था सुनिश्चित करती है कि नए राष्ट्रपति के साथ एक प्रभावी और प्रतिनिधि कांग्रेस भी देश की नीतियों और कानूनों को आकार दे सके।
US Political System: चुनाव के नतीजे कब आएंगे, नए राष्ट्रपति का शपथ कब होगा?
आमतौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम चुनाव की रात ही घोषित कर दिए जाते हैं, लेकिन 2020 के चुनाव में सभी वोटों की गिनती में कुछ दिन लग गए थे। यदि राष्ट्रपति पद के लिए कोई नया विजेता बनता है, तो चुनाव के बाद की अवधि को संक्रमण काल कहा जाता है। इस दौरान, नए प्रशासन को कैबिनेट मंत्रियों की नियुक्ति करने और अगले कार्यकाल के लिए योजनाएं तैयार करने का समय मिलता है।
US Political System: इस संक्रमण काल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होता है कि नए राष्ट्रपति और उनकी टीम के पास सत्ता संभालने के लिए आवश्यक सभी तैयारी पूरी हो जाए। जनवरी में, वाशिंगटन डीसी की कैपिटल बिल्डिंग के सामने आयोजित एक विशेष समारोह में राष्ट्रपति को आधिकारिक रूप से शपथ दिलाई जाती है। इसे उद्घाटन समारोह कहा जाता है, जो अमेरिकी लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस समारोह के दौरान, नए राष्ट्रपति अपने पद की शपथ लेते हैं और आधिकारिक रूप से राष्ट्रपति का कार्यभार संभालते हैं। यह समारोह न केवल एक नई शुरुआत को दर्शाता है, बल्कि देश की शक्ति और स्थिरता का प्रतीक भी होता है।
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