Ukraine War: क्या रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत की पहल से लगेगा विराम? NSA अजित डोभाल का नया कदम, जानिए पूरी योजना |

Ukraine War: क्या रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत की पहल से लगेगा विराम? NSA अजित डोभाल का नया कदम, जानिए पूरी योजना |

Ukraine War: क्या रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत की पहल से लगेगा विराम? NSA अजित डोभाल का नया कदम, जानिए पूरी योजना |

Ukraine War: रूस-यूक्रेन तनाव के शांतिपूर्ण समाधान के लिए पीएम मोदी की लगातार पहल, भारत हर संभव कदम उठाने को तैयार |

Ukraine War: क्या रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत की पहल से लगेगा विराम? NSA अजित डोभाल का नया कदम, जानिए पूरी योजना |
Ukraine War: क्या रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत की पहल से लगेगा विराम? NSA अजित डोभाल का नया कदम, जानिए पूरी योजना |

Ukraine War: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार रूस और यूक्रेन के बीच जारी तनाव को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने की पैरवी कर रहे हैं। उन्होंने कई मौकों पर कहा है कि भारत इस संकट के समाधान के लिए हरसंभव पहल करने को तैयार है। पीएम मोदी का मानना है कि युद्ध किसी भी देश के लिए लाभदायक नहीं होता, और शांति स्थापित करने के प्रयासों में सभी को मिलकर योगदान देना चाहिए।

Ukraine War: इसी कड़ी में एक महत्वपूर्ण कदम के तहत भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल जल्द ही मॉस्को की यात्रा करेंगे। उनका उद्देश्य रूस-यूक्रेन युद्ध के शांतिपूर्ण समाधान पर उच्च-स्तरीय चर्चा करना है। इस प्रयास के जरिए भारत एक बार फिर वैश्विक मंच पर शांति की पहल को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है।

Ukraine War: रूस और यूक्रेन दोनों देशों ने पहले भी इस बात को स्वीकार किया है कि भारत एक कूटनीतिक शक्ति के रूप में इस युद्ध को समाप्त करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। हाल ही में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने भी इस बात को दोहराया कि भारत की मध्यस्थता से युद्ध को कूटनीतिक तरीके से सुलझाया जा सकता है, जिससे शांति स्थापित हो सकेगी।

Ukraine War: ‘भारत यूक्रेन में संघर्ष को सुलझाने में भूमिका निभा सकता है’

अजित डोभाल के संभावित मॉस्को दौरे की खबर ऐसे समय में आई है, जब रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत से दुनिया की उम्मीदें बढ़ रही हैं। वैश्विक मंच पर भारत की बढ़ती भूमिका को देखते हुए, कई देश उम्मीद कर रहे हैं कि भारत इस संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान में एक अहम भूमिका निभा सकता है।

Ukraine War: इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने 7 सितंबर, 2024 को इस बात पर जोर दिया कि भारत और चीन जैसे देशों की भूमिका इस संघर्ष को सुलझाने में महत्वपूर्ण हो सकती है। मेलोनी, जिन्हें पीएम नरेंद्र मोदी की अच्छी मित्र के रूप में जाना जाता है, ने यह बयान उत्तरी इटली के सेर्नोबियो शहर में आयोजित एम्ब्रोसेटी फोरम में दिया। इस मंच पर उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोद‍िमिर जेलेंस्की के साथ भी चर्चा की थी।

मेलोनी का यह बयान भारत की कूटनीतिक ताकत और वैश्विक शांति प्रयासों में उसकी अहमियत को रेखांकित करता है। रूस और यूक्रेन दोनों ही भारत से इस युद्ध को समाप्त करने के लिए कूटनीतिक समाधान की उम्मीद रखते हैं, और अजीत डोभाल की संभावित मॉस्को यात्रा इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती है।

Ukraine War: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कही थी ये बात

Ukraine War: 6 सितंबर, 2024 को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत जैसे मित्रों और साझेदारों की सराहना की, जो रूस-यूक्रेन संघर्ष को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने के प्रयास कर रहे हैं। पुतिन का यह बयान उन देशों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है जो युद्ध के समाधान के लिए कूटनीतिक रास्ते तलाशने में जुटे हैं।

Ukraine War: क्या रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत की पहल से लगेगा विराम? NSA अजित डोभाल का नया कदम, जानिए पूरी योजना |
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Ukraine War: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 23 अगस्त, 2024 को कीव यात्रा इस दिशा में एक ऐतिहासिक कदम थी। यह पहली बार था जब पीएम मोदी यूक्रेन गए, और इस यात्रा ने भारत की मध्यस्थता की संभावना को और मजबूत किया। खास बात यह थी कि यह किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की यूक्रेन के स्वतंत्र होने के बाद पहली आधिकारिक यात्रा थी।

प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा ऐसे समय में हुआ जब पूरी दुनिया इस संघर्ष को लेकर चिंतित है और शांति की पहल की प्रतीक्षा कर रही है। भारत, जिसने हमेशा अहिंसा और शांति का पक्ष लिया है, अब इस संघर्ष को सुलझाने के लिए एक अहम भूमिका निभा सकता है। पुतिन की तारीफ और मोदी की यात्रा दोनों ही इस बात को साबित करते हैं कि भारत का कूटनीतिक प्रभाव वैश्विक स्तर पर लगातार बढ़ रहा है।

Ukraine War: जेलेंस्की ने भारत में पीस समिट कराने की कही थी बात

यूक्रेन दौरे के दौरान, राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भारत में दूसरा पीस समिट आयोजित करने की इच्छा व्यक्त की थी। यह समिट वैश्विक शांति और संघर्ष समाधान के प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल हो सकती है। जेलेंस्की ने भारत की कूटनीतिक स्थिति और शांति के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए यह प्रस्ताव रखा।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान जोर देकर कहा कि भारत हमेशा से ही शांति का समर्थक रहा है और किसी भी संघर्ष का समाधान बातचीत और सहयोग के माध्यम से निकाला जाना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि भारत अंतरराष्ट्रीय शांति प्रयासों में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए तैयार है और संकटग्रस्त क्षेत्रों में स्थिरता लाने के लिए हर संभव मदद करेगा।

Ukraine War: भारत का ऐतिहासिक दृष्टिकोण भी शांति और अहिंसा पर आधारित रहा है, और इस संदर्भ में पीएम मोदी का संदेश वैश्विक मंच पर भारत की स्थायी नीति की पुष्टि करता है। जेलेंस्की की यह पहल इस बात का प्रतीक है कि भारत को विश्व शांति के लिए एक महत्वपूर्ण और प्रभावी खिलाड़ी के रूप में देखा जा रहा है, और आने वाले समय में भारत की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो सकती है।

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