- Tirupati Laddu Controversy: तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर के प्रसाद में मिलावट की पुष्टि, घी में मिली जानवरों की चर्बी |
- Tirupati Laddu Controversy: उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने कही ये बात
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- Tirupati Laddu Controversy: मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने लगाया था पशु चर्बी मिलाने का आरोप
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Tirupati Laddu Controversy: तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर के प्रसाद में मिलावट की पुष्टि, घी में मिली जानवरों की चर्बी |
Tirupati Laddu Controversy: तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर के प्रसाद में मिलावट की पुष्टि से भक्तों में गहरा आक्रोश फैल गया है। रिपोर्ट के अनुसार, प्रसाद के रूप में वितरित किए जाने वाले लड्डुओं में इस्तेमाल किए गए घी में जानवरों की चर्बी पाई गई है। तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) ने दावा किया है कि गुजरात स्थित पशुधन प्रयोगशाला ने इस मिलावट की जांच और पुष्टि की है। टीडीपी ने आरोप लगाया कि लड्डू बनाने में गोमांस की चर्बी, मछली के तेल और ताड़ के तेल का उपयोग किया जा रहा था, जो धार्मिक आस्थाओं का उल्लंघन है।
Tirupati Laddu Controversy: इस मामले के सामने आने के बाद आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस घटना को सनातन धर्म पर हमला बताते हुए ‘सनातन धर्म रक्षण बोर्ड’ की स्थापना की मांग की है। पवन कल्याण का कहना है कि यह मुद्दा केवल धार्मिक नहीं, बल्कि आस्था और परंपराओं से जुड़ा है, और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। मंदिर प्रशासन और संबंधित अधिकारियों से भी स्थिति की गंभीरता को समझते हुए आवश्यक कदम उठाने की मांग की जा रही है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।
Tirupati Laddu Controversy: उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने कही ये बात
Tirupati Laddu Controversy: आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट के मामले पर सोशल मीडिया पर अपनी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा, “तिरुपति बालाजी के प्रसाद में जानवरों की चर्बी, जैसे मछली का तेल, सूअर की चर्बी और गोमांस की चर्बी मिलाए जाने की खबर से हम सभी बेहद आहत हैं।” पवन कल्याण ने इस गंभीर मामले पर तत्कालीन वाईसीपी सरकार द्वारा गठित टीटीडी बोर्ड से जवाबदेही की मांग की है और कहा कि बोर्ड को कई सवालों का जवाब देना होगा।
उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार इस मुद्दे पर सख्त कार्रवाई के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। हालांकि, उन्होंने इस घटना को केवल मिलावट तक सीमित नहीं रखा, बल्कि इसे मंदिरों के अपमान, भूमि से जुड़े मुद्दों और अन्य धार्मिक प्रथाओं से जुड़े कई बड़े मामलों की ओर इशारा किया है। पवन कल्याण का मानना है कि यह घटना केवल एक धार्मिक अपराध नहीं, बल्कि सनातन धर्म और परंपराओं के खिलाफ एक व्यापक हमले का हिस्सा है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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Tirupati Laddu Controversy: पवन कल्याण ने तिरुपति प्रसाद विवाद पर अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि पूरे भारत में मंदिरों से जुड़े सभी मुद्दों पर गंभीरता से विचार किया जाए। उन्होंने ‘सनातन धर्म रक्षण बोर्ड’ के गठन की मांग की, जो राष्ट्रीय स्तर पर मंदिरों और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा। पवन कल्याण ने कहा, “यह आवश्यक है कि नीति निर्माताओं, धार्मिक प्रमुखों, न्यायपालिका, नागरिकों, मीडिया और विभिन्न क्षेत्रों के अन्य विशेषज्ञों द्वारा इस मुद्दे पर खुली बहस हो।”
Tirupati Laddu Controversy: उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सनातन धर्म के अपमान को किसी भी रूप में सहन नहीं किया जाना चाहिए। पवन कल्याण का मानना है कि देश भर के लोगों को मिलकर ऐसे प्रयासों को रोकने के लिए एकजुट होना होगा, जो धर्म और उसकी परंपराओं के खिलाफ हैं। उन्होंने धार्मिक आस्थाओं की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि केवल कानून और व्यवस्था के माध्यम से ही नहीं, बल्कि समाज के सभी वर्गों को मिलकर धर्म की रक्षा के लिए आगे आना चाहिए। उनका मानना है कि ‘सनातन धर्म रक्षण बोर्ड’ इस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल हो सकती है।
Tirupati Laddu Controversy: मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने लगाया था पशु चर्बी मिलाने का आरोप
Tirupati Laddu Controversy: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने पूर्ववर्ती जगन मोहन सरकार पर तिरुपति मंदिर के पवित्र लड्डू प्रसादम में पशु चर्बी मिलाने का गंभीर आरोप लगाया। नायडू ने बुधवार, 18 सितंबर को एक बयान में कहा कि YSR कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने तिरुमाला की पवित्रता को नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि मंदिर के प्रसाद और अन्नदानम की गुणवत्ता के साथ समझौता किया गया है, जिससे श्रद्धालुओं की भावनाओं को ठेस पहुंची है।
Tirupati Laddu Controversy: चंद्रबाबू नायडू ने इस मामले पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि तिरुपति बालाजी मंदिर की धार्मिक परंपराओं और आस्था के साथ इस तरह का खिलवाड़ अस्वीकार्य है। उन्होंने यह भी कहा कि जगन मोहन सरकार के दौरान मंदिर की व्यवस्थाओं में आई गिरावट ने तिरुमाला की प्रतिष्ठा को धूमिल किया है। नायडू ने जनता और सरकार से इस मुद्दे पर ध्यान देने और जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। उनका मानना है कि इस तरह की घटनाएं केवल धार्मिक अस्थिरता ही नहीं बल्कि धार्मिक स्थलों की पवित्रता के प्रति उदासीनता को भी दर्शाती हैं।