Cyber Attack: सी-एज टेक्नोलॉजीस पर साइबर हमला, 300 से अधिक छोटे बैंकों का कामकाज ठप |
Cyber Attack: टेक्नोलॉजी सर्विस प्रोवाइडर सी-एज टेक्नोलॉजीस पर साइबर हमला हुआ है, जिससे देशभर के करीब 300 छोटे बैंक और वित्तीय संस्थानों का बैंकिंग से जुड़ा कामकाज ठप पड़ गया है। इस हमले के कारण ग्राहक एटीएम से पैसा निकालने में असमर्थ हो गए हैं और यूपीआई के माध्यम से राशि ट्रांसफर करने में भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
इस Cyber Attack ने बैंकिंग सेवाओं को गंभीर रूप से प्रभावित किया है, जिससे ग्राहकों को भारी परेशानी हो रही है। एटीएम सेवाओं के ठप हो जाने से नकदी की समस्या उत्पन्न हो गई है और डिजिटल भुगतान सेवाओं में भी रुकावट आ गई है। सी-एज टेक्नोलॉजीस के इस हमले ने छोटे बैंकों और वित्तीय संस्थानों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के Cyber Attack से न केवल बैंकिंग सेवाओं पर असर पड़ता है बल्कि ग्राहकों के विश्वास को भी नुकसान होता है। प्रशासन और साइबर सुरक्षा एजेंसियां इस घटना की जांच कर रही हैं और प्रभावित सेवाओं को जल्द से जल्द बहाल करने के प्रयास किए जा रहे हैं। ग्राहकों को सलाह दी जा रही है कि वे सतर्क रहें और अपने बैंकिंग लेन-देन की निगरानी करते रहें।
अधिकारियों ने इस मामले में जानकारी दी है कि सी-एज टेक्नोलॉजीस पर Cyber Attack के कारण देशभर के कई सहकारी बैंक और ग्रामीण क्षेत्रीय बैंकों के ग्राहकों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ये बैंक SBI और TCS के जॉइंट वेंचर सी-एज टेक्नोलॉजीस पर निर्भर हैं। हालांकि, अन्य बैंकिंग सेवाएं सामान्य रूप से चल रही हैं।
Cyber Attack: सी-एज टेक्नोलॉजीस के सिस्टम में सेंधमारी का पता चलने के बाद बीते दो दिनों से इस परेशानी का सामना किया जा रहा है। अधिकारियों के अनुसार, बड़ी पेमेंट सिस्टम की सुरक्षा के लिए सी-एज सिस्टम को अलग करना पड़ा है और जरूरी सावधानियां भी बरती गई हैं। भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ के चेयरमैन दिलीप संघानी ने बताया कि गुजरात के 17 जिला सहकारी बैंकों समेत देशभर के लगभग 300 बैंक पिछले दो-तीन दिनों से समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बैंकों को 29 जुलाई से परेशानी हो रही है और सॉफ्टवेयर कंपनी के अधिकारी इसे तकनीकी खराबी बता रहे हैं। इस Cyber Attack के कारण एटीएम से पैसा निकालना और यूपीआई के माध्यम से राशि ट्रांसफर करना मुश्किल हो गया है। प्रशासन और साइबर सुरक्षा एजेंसियां इस घटना की जांच कर रही हैं और प्रभावित सेवाओं को जल्द से जल्द बहाल करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
ग्राहकों को सलाह दी जा रही है कि वे सतर्क रहें और अपने बैंकिंग लेन-देन की निगरानी करते रहें। इस घटना ने बैंकिंग सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं और इसे ठीक करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
Cyber Attack: क्या है रैनसमवेयर?
दरअसल, रैनसमवेयर एक प्रकार का मालवेयर होता है जो आपके कंप्यूटर में घुसकर एक्सेस हासिल कर लेता है। यह आपके सभी फाइलों को एन्क्रिप्टेड कर देता है और डेटा तथा एक्सेस वापस देने के बदले फिरौती की मांग करता है। रैनसमवेयर हमले के कारण उपयोगकर्ता अपने महत्वपूर्ण डेटा तक नहीं पहुंच पाते और उन्हें भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है। यह साइबर सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है।
Cyber Attack: भारत में बड़े रैनसमवेयर हमले कब कब हुए?
Cyber Attack: मई 2017 में दुनियाभर के दर्जनों देशों में वानाक्राई रैनसमवेयर का हमला हुआ था, जिसने 2 लाख से अधिक कंप्यूटर सिस्टम को प्रभावित किया। इस Cyber Attack ने भारत को भी अपनी चपेट में लिया। हैकर्स ने कंप्यूटर सिस्टम को लॉक कर दिया और डेटा को पुनः प्राप्त करने के लिए 300 से 600 डॉलर की फिरौती की मांग की।
वानाक्राई रैनसमवेयर की इस हमले में सबसे अधिक नुकसान अमेरिकी हेल्थकेयर सिस्टम को हुआ। अस्पतालों और मेडिकल सेवाओं को प्रभावित किया गया, जिसके कारण मरीजों की देखभाल में बाधा उत्पन्न हुई और महत्वपूर्ण चिकित्सा डेटा भी लॉक हो गया।
इस हमले ने यह स्पष्ट कर दिया कि रैनसमवेयर और अन्य साइबर हमलों से सुरक्षा कितनी महत्वपूर्ण है। इससे बचाव के लिए मजबूत साइबर सुरक्षा उपाय और नियमित डेटा बैकअप की जरूरत है। वानाक्राई के हमले ने वैश्विक स्तर पर साइबर सुरक्षा की अहमियत को एक बार फिर उजागर किया और इसके प्रभावी उपायों पर ध्यान देने की आवश्यकता को रेखांकित किया।
Cyber Attack: 22 मार्च 2018 को उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम के पंचकुला स्थित हेड ऑफिस के कंप्यूटर सिस्टम में एक मैसेज आया, जिसमें लिखा था कि आपका कंप्यूटर हैक हो गया है। हैकर्स ने इसके बदले 1 करोड़ रुपये की फिरौती की मांग की, जिसे बिटकॉइन के माध्यम से जमा करना था। हालांकि, निगम ने एक हफ्ते के भीतर ही अपने सिस्टम को सफलतापूर्वक रिस्टोर कर लिया।
इसके बाद, 29 अप्रैल 2019 को तेलंगाना और आंध्र प्रदेश स्टेट पॉवर यूटिलिटी पर रैनसमवेयर हमला हुआ। इस हमले के दौरान, हैकर्स ने सिस्टम पर पूरी तरह से कंट्रोल कर लिया और बिटकॉइन के माध्यम से फिरौती की मांग की। इस हमले ने ऊर्जा क्षेत्र में कामकाज को प्रभावित किया, लेकिन संबंधित अधिकारियों ने तेजी से प्रतिक्रिया दी और सिस्टम को फिर से बहाल कर लिया।
ये घटनाएं दिखाती हैं कि रैनसमवेयर हमलों के प्रति सभी संगठनों को सतर्क रहने की आवश्यकता है और साइबर सुरक्षा उपायों को सख्त करना कितना महत्वपूर्ण है। लगातार बढ़ते साइबर खतरों को देखते हुए, सुरक्षा प्रणालियों और बैकअप प्रबंधन में सुधार की जरूरत है।
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