TCS Record Breaking: आईटी सेक्टर में सबसे बड़ा आईपीओ फिलहाल टाटा समूह की टीसीएस के नाम, जो करीब दो दशक पहले लॉन्च हुआ था…
TCS Record Breaking: आईटी सेक्टर में सबसे बड़ा आईपीओ का रिकॉर्ड फिलहाल टाटा समूह की कंपनी टीसीएस के नाम है, जिसका आईपीओ करीब दो दशक पहले आया था। अब इस रिकॉर्ड को तोड़ने की तैयारी में एक नई कंपनी है—मुंबई स्थित आईटी सर्विस प्रोवाइडर हेक्सावेयर टेक्नोलॉजीज। शेयर बाजार में हाल ही में आईपीओ की बाढ़ आई हुई है और हेक्सावेयर टेक्नोलॉजीज भी इस प्रवृत्ति में शामिल होने जा रही है।
TCS Record Breaking: हेक्सावेयर टेक्नोलॉजीज ने अपने आईपीओ के लिए बाजार नियामक सेबी के पास ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) जमा कर दिया है। इसके जरिए कंपनी की योजना है कि वह अपने आईपीओ के माध्यम से निवेशकों से पूंजी जुटाए और बाजार में अपनी स्थिति को मजबूत करे। हेक्सावेयर का यह आईपीओ आईटी सेक्टर में नई ऊँचाइयों को छूने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। यदि यह आईपीओ सफल होता है, तो यह आईटी सेक्टर के आईपीओ इतिहास में एक नया रिकॉर्ड स्थापित कर सकता है।
TCS Record Breaking: आईटी सेक्टर का सबसे बड़ा आईपीओ
TCS Record Breaking: हेक्सावेयर टेक्नोलॉजीज ने अपने आगामी आईपीओ के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना बनाई है, जिसके तहत वह लगभग 10 हजार करोड़ रुपये का भारी-भरकम आईपीओ लाने की तैयारी कर रही है। यदि बाजार नियामक सेबी इस प्लान को मंजूरी दे देता है, तो हेक्सावेयर का आईपीओ भारतीय बाजार में एक नया रिकॉर्ड स्थापित कर सकता है।
TCS Record Breaking: यह आईपीओ न केवल देश के सबसे बड़े आईपीओ के रूप में दर्ज हो सकता है, बल्कि आईटी सेक्टर के लिए भी यह अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ साबित होगा। हेक्सावेयर के इस आईपीओ की सफलता से न केवल कंपनी की बाजार में स्थिति मजबूत होगी, बल्कि भारतीय शेयर बाजार में एक नया मील का पत्थर भी साबित होगा।इस तरह की विशाल पूंजी जुटाने की योजना से यह भी संकेत मिलता है कि कंपनी के विकास की योजनाएं बहुत बड़ी हैं और वह भविष्य में एक प्रमुख खिलाड़ी बनने की दिशा में अग्रसर है। यदि यह आईपीओ सफल होता है, तो यह भारतीय शेयर बाजार के इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना के रूप में दर्ज होगा।
TCS Record Breaking: टूट जाएगा टीसीएस का ये रिकॉर्ड
घरेलू बाजार में आईटी सेक्टर का सबसे बड़ा आईपीओ वर्तमान में टाटा समूह की आईटी कंपनी टीसीएस के नाम दर्ज है, जो भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी भी मानी जाती है। टीसीएस, यानी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, ने करीब दो दशक पहले 4,713 करोड़ रुपये का आईपीओ लॉन्च किया था। यह आईपीओ तब से लेकर अब तक आईटी सेक्टर में सबसे बड़ा माना जाता है।
TCS Record Breaking: अब हेक्सावेयर टेक्नोलॉजीज के पास 9,950 करोड़ रुपये का विशाल आईपीओ लाने की योजना है। अगर यह आईपीओ सफल होता है, तो यह टीसीएस के आईपीओ की तुलना में लगभग 2 गुना बड़ा होगा। हेक्सावेयर का यह प्रस्तावित आईपीओ आईटी सेक्टर में एक नया रिकॉर्ड स्थापित कर सकता है और बाजार में एक महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है।हेक्सावेयर का यह आईपीओ आईटी सेक्टर में अपनी नई ऊँचाइयों को छूने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल कंपनी की ताकत को दर्शाएगा, बल्कि भारतीय शेयर बाजार में भी एक नया मानक स्थापित करेगा।
TCS Record Breaking: 2021 में कार्लाइल ने किया अधिग्रहण
हेक्सावेयर टेक्नोलॉजीज ने अपने आगामी आईपीओ के लिए प्रमुख निवेश बैंकों को मैनेजर नियुक्त किया है, जिसमें कोटक इन्वेस्टमेंट बैंकिंग, सिटी ग्लोबल मार्केट्स, जेपी मॉर्गन, एसबीसी सिक्योरिटीज और आईआईएफएल सिक्योरिटीज शामिल हैं। ये प्रतिष्ठित फाइनेंशियल संस्थान हेक्सावेयर के आईपीओ की योजना और कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
TCS Record Breaking: इस आईटी कंपनी में अमेरिकी प्राइवेट इक्विटी फर्म कार्लाइल प्रमोटर के रूप में शामिल है। कार्लाइल ने 2021 में हेक्सावेयर को बेयरिंग प्राइवेट इक्विटी एशिया (अब ईक्यूटी) से लगभग 3 बिलियन डॉलर में अधिग्रहित किया था। इस अधिग्रहण ने हेक्सावेयर की विकास संभावनाओं को और भी मजबूत किया और कंपनी को वैश्विक बाजार में नई ऊँचाइयों तक पहुंचाने में मदद की।
हेक्सावेयर का यह आईपीओ कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जिससे न केवल पूंजी जुटाने में मदद मिलेगी, बल्कि यह बाजार में उसकी स्थिति को भी मजबूत करेगा। निवेशक और विश्लेषक इस आईपीओ पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं, और इसके सफल होने पर भारतीय शेयर बाजार में एक नया अध्याय जुड़ सकता है।
TCS Record Breaking: इस कारण प्लान पर मचा हंगामा
हेक्सावेयर टेक्नोलॉजीज के आईपीओ की योजना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। दरअसल, यह आईटी कंपनी पहले भी शेयर बाजार में लिस्टेड रह चुकी है। हेक्सावेयर ने जून 2002 में शेयर बाजार में लिस्टिंग की थी, लेकिन लगभग चार साल पहले उसे डीलिस्ट कर दिया गया था। इस बदलाव के पीछे पुरानी प्रमोटर कंपनी बेयरिंग प्राइवेट इक्विटी एशिया का निर्णय था, जिसने 2020 में हेक्सावेयर को प्राइवेट करने का निर्णय लिया था।
अब, हेक्सावेयर टेक्नोलॉजीज बढ़ी हुई वैल्यूएशन के साथ एक बार फिर आईपीओ लाने की योजना बना रही है, जिसे लेकर कुछ लोग संदेह और सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि एक लिस्टेड कंपनी का पहले प्राइवेट होना और फिर नई वैल्यूएशन के साथ आईपीओ लाना निवेशकों के साथ धोखा हो सकता है। यह स्थिति निवेशकों के लिए भ्रमित करने वाली हो सकती है, और इसके परिणामस्वरूप उन्हें संभावित जोखिमों के प्रति सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है।हेक्सावेयर का यह कदम शेयर बाजार में एक नई चर्चा को जन्म दे रहा है और इसके संभावित प्रभावों का मूल्यांकन निवेशकों और विश्लेषकों द्वारा किया जा रहा है।
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