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Doctor Rape Case: 36 घंटे की शिफ्ट को अमानवीय मानते हुए SC ने डॉक्टर्स के कार्यकाल पर चिंता जताई, टास्क फोर्स को दिए विशेष निर्देश |

Doctor Rape Case: कोलकाता रेप मर्डर मामले की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने 36 घंटे की डॉक्टरों की शिफ्ट पर चिंता जताई, नेशनल टास्क फोर्स को दिए निर्देश |

Doctor Rape Case: 36 घंटे की शिफ्ट को अमानवीय मानते हुए SC ने डॉक्टर्स के कार्यकाल पर चिंता जताई, टास्क फोर्स को दिए विशेष निर्देश |
Doctor Rape Case: 36 घंटे की शिफ्ट को अमानवीय मानते हुए SC ने डॉक्टर्स के कार्यकाल पर चिंता जताई, टास्क फोर्स को दिए विशेष निर्देश |

Doctor Rape Case: कोलकाता के रेप और मर्डर केस की सुनवाई गुरुवार, 22 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में हुई। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले की गंभीरता को देखते हुए डॉक्टरों की 36 घंटे लंबी शिफ्ट पर चिंता जताई। बेंच ने इस शिफ्ट को अमानवीय और थकावट का कारण बताते हुए इसे तत्काल सुधारने की आवश्यकता पर जोर दिया। कोर्ट ने कहा कि लंबे कार्यकाल से डॉक्टरों की शारीरिक और मानसिक सेहत पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है, जो कि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है।

Doctor Rape Case: इस चिंता के मद्देनजर, सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल टास्क फोर्स को निर्देश जारी किए हैं कि वे इस मुद्दे पर तुरंत कार्रवाई करें। टास्क फोर्स को डॉक्टरों की शिफ्ट की अवधि और काम के हालात को लेकर एक व्यापक रिपोर्ट तैयार करने और सुधारात्मक उपायों की सिफारिश करने के लिए कहा गया है। कोर्ट ने आशा जताई कि इस पहल से स्वास्थ्यकर्मियों की कामकाजी स्थिति में सुधार होगा और उनके काम की गुणवत्ता भी बेहतर होगी।

Doctor Rape Case: नेशनल टास्क फोर्स को निर्देश जारी करते हुए चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि डॉक्टरों के लिए 36 या 48 घंटे की ड्यूटी की शिफ्ट अमानवीय है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है और ऑन-ड्यूटी घंटों को सुव्यवस्थित करने पर विचार किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि डॉक्टरों की सुरक्षा को गंभीरता से लेते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव, राज्य के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों (डीजीपी) के साथ चर्चा की जाए।

Doctor Rape Case: सुप्रीम कोर्ट की बेंच में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के अलावा जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा भी शामिल हैं। बेंच ने स्पष्ट किया कि डॉक्टरों की लंबी शिफ्टें न केवल उनके स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं, बल्कि मरीजों की देखभाल की गुणवत्ता पर भी असर डालती हैं। इस निर्देश के माध्यम से कोर्ट ने उम्मीद जताई है कि स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में सुधार होंगे और डॉक्टरों को बेहतर कामकाजी परिस्थितियां प्राप्त होंगी।

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कही ये बात

Doctor Rape Case: सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने हाल ही में देशभर में रेजिडेंट डॉक्टरों की लंबी और अमानवीय काम के घंटों पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि कुछ डॉक्टर 36 घंटे तक लगातार शिफ्ट कर रहे हैं, जो उनके स्वास्थ्य और काम की गुणवत्ता को प्रभावित कर रहा है। इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर चिंता व्यक्त की है और इसे सुधारने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता को रेखांकित किया।

Doctor Rape Case: 36 घंटे की शिफ्ट को अमानवीय मानते हुए SC ने डॉक्टर्स के कार्यकाल पर चिंता जताई, टास्क फोर्स को दिए विशेष निर्देश |
Doctor Rape Case: 36 घंटे की शिफ्ट को अमानवीय मानते हुए SC ने डॉक्टर्स के कार्यकाल पर चिंता जताई, टास्क फोर्स को दिए विशेष निर्देश |

Doctor Rape Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी के मामले की अगली सुनवाई 5 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में होगी। इस मामले में सीबीआई और पश्चिम बंगाल सरकार को स्थिति रिपोर्ट फिर से सील करने का आदेश दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि मामले की निष्पक्ष और त्वरित सुनवाई हो, सभी संबंधित पक्षों से विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। कोर्ट की यह पहल सुरक्षा मानकों और कानूनी प्रक्रिया की गंभीरता को दर्शाती है, और यह सुनिश्चित करती है कि न्याय की प्रक्रिया पारदर्शी और प्रभावी हो।

केंद्र और बंगाल सरकार से कही ये बात

Doctor Rape Case: सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता रेप मामले के संदर्भ में केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार को स्पष्ट निर्देश दिया है कि इस घटना को राजनीतिक रंग न दें। कोर्ट ने इस मुद्दे पर किसी भी प्रकार की राजनीतिक गतिविधि या बयानबाजी को टालने की अपील की है, ताकि न्याय प्रक्रिया पर असर न पड़े। इसके साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों के खिलाफ किसी भी सख्ती या दंडात्मक कार्रवाई से बचने की बात की है।

Doctor Rape Case: कोलकाता रेप मामले के चलते डॉक्टरों ने हड़ताल का सहारा लिया है। उनकी मुख्य मांग है कि अस्पतालों में डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों से हड़ताल समाप्त करने और अपने कार्य पर लौटने का आग्रह किया है। कोर्ट ने यह भी सुनिश्चित किया है कि डॉक्टरों के उचित सुरक्षा उपायों पर ध्यान दिया जाएगा, ताकि उनकी चिंता को दूर किया जा सके और स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू रूप से चल सकें।

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