- Jammu Kashmir politics: 8 अक्टूबर को आएंगे जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजे, एग्जिट पोल्स ने जताई हंग असेंबली की आशंका |
- Jammu Kashmir politics: निर्वाचित सदस्यों के बराबर ही होंगी मनोनीत पर शक्तियां
- Jammu Kashmir politics: तो 48 होगा बहुमत के लिए जरूरी आंकड़ा
- Jammu Kashmir politics: PDP, NC, कांग्रेस सब कर रहे विरोध
- एजेंसी
- BJP
- कांग्रेस-एनसी
- पीडीपी
- अन्य
- एक्सिस माय इंडिया
- 24-34
- 35-45
- 4-6
- 8-23
- दैनिक भास्कर
- 20-25
- 35-40
- 4-7
- 12-18
- इंडिया टुडे- सीवोटर
- 27-32
- 40-48
- 6-12
- 6-11
Jammu Kashmir politics: 8 अक्टूबर को आएंगे जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजे, एग्जिट पोल्स ने जताई हंग असेंबली की आशंका |
Jammu Kashmir politics: जम्मू-कश्मीर में 8 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होंगे। इससे पहले आए ज्यादातर एग्जिट पोल्स ने हंग असेंबली की संभावना जताई है, यानी कोई भी पार्टी स्पष्ट बहुमत हासिल करने में असफल हो सकती है। ऐसी स्थिति में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा मनोनीत किए जाने वाले 5 सदस्य बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। यह पांच सदस्य सरकार गठन की दिशा में किंगमेकर साबित हो सकते हैं, क्योंकि उनके समर्थन से सरकार बनाने के समीकरण बदल सकते हैं।
Jammu Kashmir politics: उपराज्यपाल प्रशासन द्वारा इन पांच सदस्यों को मनोनीत करने के प्रस्ताव को लेकर विवाद भी खड़ा हो गया है। कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस जैसे प्रमुख राजनीतिक दल खुलकर इस कदम का विरोध कर रहे हैं। उनका मानना है कि यह प्रक्रिया लोकतांत्रिक ढांचे को प्रभावित कर सकती है और सरकार गठन की स्वाभाविक प्रक्रिया में हस्तक्षेप का प्रयास है। इस मुद्दे पर राजनीतिक दलों के बीच मतभेद गहराते जा रहे हैं, जिससे आगामी चुनाव परिणामों के बाद का राजनीतिक परिदृश्य और भी जटिल हो सकता है।
Jammu Kashmir politics: उप राज्यपाल द्वारा मनोनीत किए जाने वाले इन सदस्यों का चुनाव विधानसभा की पहली बैठक से पहले किया जाएगा। इन सदस्यों को विश्वास मत में भी वोट देने का अधिकार प्राप्त होगा, जिससे उनकी भूमिका महत्वपूर्ण हो जाएगी। सूत्रों के अनुसार, जिन 5 सदस्यों को उप राज्यपाल मनोनीत करेंगे, उनमें एक महिला, एक पीओके से आए शरणार्थी, दो कश्मीरी विस्थापित और एक अन्य शामिल होगा। प्रत्येक श्रेणी के लिए 5-6 नामों की सिफारिश की गई है, जिनमें से अंतिम चयन होगा।
Jammu Kashmir politics: निर्वाचित सदस्यों के बराबर ही होंगी मनोनीत पर शक्तियां
Jammu Kashmir politics: जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 हटने के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव हुआ है, जिसमें तीन चरणों में मतदान संपन्न हुआ। नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। लेकिन इससे पहले उपराज्यपाल प्रशासन द्वारा पांच सदस्यों को मनोनीत करने के प्रस्ताव को लेकर विवाद शुरू हो गया है। इन मनोनीत सदस्यों की भूमिका नई सरकार के गठन में महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
Jammu Kashmir politics: जम्मू-कश्मीर जन प्रतिनिधित्व अधिनियम में किए गए संशोधन के तहत सरकार को पांच सदस्यों को मनोनीत करने का अधिकार दिया गया है, जो कश्मीरी विस्थापित और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) के लोगों का प्रतिनिधित्व करेंगे। इन सदस्यों को निर्वाचित विधायकों के समान अधिकार और विधायी शक्तियां प्राप्त होंगी, जिससे विश्वास मत में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण हो जाएगी।
Jammu Kashmir politics: इस प्रस्ताव का कई राजनीतिक दलों ने विरोध किया है, उनका मानना है कि इससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप हो सकता है। कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस जैसे दलों ने इस कदम पर आपत्ति जताई है, जिसके कारण राजनीतिक माहौल गरमा गया है। नतीजे आने के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि इन मनोनीत सदस्यों का चुनावी परिदृश्य पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
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Jammu Kashmir politics: तो 48 होगा बहुमत के लिए जरूरी आंकड़ा
Jammu Kashmir politics: नई व्यवस्था के तहत जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पांच मनोनीत सदस्यों को जोड़ने के बाद कुल सदस्यों की संख्या 95 हो जाएगी। इससे सरकार बनाने के लिए बहुमत की आवश्यकता 48 सीटों तक बढ़ जाएगी। इन पांच सदस्यों को उपराज्यपाल गृह मंत्रालय की सलाह के आधार पर मनोनीत करेंगे।
Jammu Kashmir politics: यह प्रक्रिया जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 में संशोधन के बाद लागू की गई है। इस अधिनियम को 26 जुलाई 2023 को और संशोधित किया गया, ताकि इन मनोनीत सदस्यों को पेश किया जा सके। ये सदस्य कश्मीरी विस्थापितों और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) के शरणार्थियों का प्रतिनिधित्व करेंगे। इन्हें निर्वाचित विधायकों की तरह ही सभी अधिकार और विशेषाधिकार प्राप्त होंगे, जिससे इनका सरकार गठन में महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है।
Jammu Kashmir politics: यह व्यवस्था जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक समीकरणों में बड़ा बदलाव ला सकती है, खासकर जब विधानसभा में हंग असेंबली की संभावना जताई जा रही है। पांच मनोनीत सदस्य किंगमेकर की भूमिका में आ सकते हैं, जिससे कई राजनीतिक दलों में असंतोष भी देखा जा रहा है। इस संशोधन को लेकर विभिन्न दलों ने अपनी चिंताएं व्यक्त की हैं, क्योंकि इससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है।
Jammu Kashmir politics: PDP, NC, कांग्रेस सब कर रहे विरोध
Jammu Kashmir politics: पीडीपी नेता इकबाल त्रंबू ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पांच मनोनीत सदस्यों की नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस कदम का असली उद्देश्य सत्तारूढ़ दल को लाभ पहुंचाना है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा इस प्रक्रिया के माध्यम से पिछले दरवाजे से जम्मू-कश्मीर सरकार के गठन में हस्तक्षेप करना चाहती है। त्रंबू के इस बयान ने राजनीतिक हलकों में नई बहस छेड़ दी है।
Jammu Kashmir politics: नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रवक्ता इमरान डार ने भी इस फैसले की आलोचना की। उनका मानना है कि कश्मीरी प्रवासियों और पीओजेके (पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर) के विस्थापितों को शामिल करना उनके मुद्दों को हल करने की बजाय, नई सरकार की स्थिरता को कमजोर करने का एक प्रयास है। डार का कहना है कि इस प्रक्रिया से सरकार के गठन और कार्य करने में कठिनाइयां आ सकती हैं।
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सुनील शर्मा ने भी इस फैसले का विरोध किया। उनका कहना है कि सदस्यों के मनोनयन का अधिकार एक निर्वाचित सरकार को होना चाहिए, जिसे जनता का पूर्ण समर्थन और जनादेश प्राप्त हो। उन्होंने कहा कि यह फैसला लोकतांत्रिक प्रक्रिया के विपरीत है और इसे जल्द से जल्द वापस लिया जाना चाहिए।
Jammu Kashmir politics: क्या कह रहे जम्मू कश्मीर के एग्जिट पोल?
एजेंसी |
BJP |
कांग्रेस-एनसी |
पीडीपी |
अन्य |
एक्सिस माय इंडिया |
24-34 |
35-45 |
4-6 |
8-23 |
दैनिक भास्कर |
20-25 |
35-40 |
4-7 |
12-18 |
इंडिया टुडे- सीवोटर |
27-32 |
40-48 |
6-12 |
6-11 |