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Delhi Coaching Centre Flooding: धीरे-धीरे बढ़ रहा था पानी और फिर…’, जब शीशे तोड़कर आया सपनों को डुबोने वाला मौत का सैलाब |

Delhi Coaching Centre Flooding: कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से तीन छात्रों की डूबकर मौत, कई घंटे बाद निकाली गई लाशें |

Delhi Coaching Centre Flooding: धीरे-धीरे बढ़ रहा था पानी और फिर…’, जब शीशे तोड़कर आया सपनों को डुबोने वाला मौत का सैलाब |

दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में स्थित एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भर जाने से तीन छात्रों की डूबकर मौत हो गई। कई घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद उनकी लाशों को बाहर निकाला गया। इस हादसे ने पूरे इलाके के लोगों को भीतर से झकझोर कर रख दिया है। यह सोचकर ही शरीर में सिहरन दौड़ जाती है कि बेसमेंट में पानी भरने के बाद जान बचाने के लिए छात्रों ने कितनी कोशिशें की होंगी।

Delhi Coaching Centre Flooding: उस समय की छटपटाहट और पानी के बढ़ते स्तर ने कैसे तीन निर्दोष जिंदगियों को निगल लिया होगा, यह सोचकर ही दिल दहल उठता है। कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में लगभग 15 मिनट तक मौत का तांडव चलता रहा, जिसके परिणामस्वरूप तीन छात्रों ने अपनी जान गंवा दी। यह हादसा न केवल उन परिवारों के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक बड़ी त्रासदी बन गया है।

Delhi Coaching Centre Flooding: शनिवार, 27 जुलाई की शाम, जब बच्चे ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित राऊज कोचिंग सेंटर में पढ़ने के लिए आए, तो उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि कुछ ही पलों में क्या होने वाला है। बारिश के कारण कोचिंग सेंटर के बाहर पानी जमा हो गया था। तभी एक कार तेज गति से वहां से गुजरी, जिससे पानी की एक बड़ी लहर उठी और बेसमेंट की खिड़कियों को तोड़ते हुए अंदर घुस गई।

Delhi Coaching Centre Flooding: पानी इतनी तेजी से बेसमेंट में भर गया कि छात्रों को बाहर निकलने का मौका तक नहीं मिला। किसी तरह कुछ छात्र पानी से बाहर निकलने में सफल हुए, लेकिन इस हादसे ने कई मासूम जिंदगियों को संकट में डाल दिया। यह दुर्घटना सभी के लिए एक बड़ा सदमा बनकर आई और उस शाम की भयावहता को कोई भी भुला नहीं सकता।

धीरे-धीरे बेसमेंट में घुस रहा था पानी: चश्मदीद

Delhi Coaching Centre Flooding: बारिश के कारण सड़क पर लगभग तीन फीट पानी भर गया था। घटनास्थल पर मौजूद एक चश्मदीद छात्र के अनुसार, बेसमेंट में स्थित लाइब्रेरी में लगभग 30-35 छात्र मौजूद थे। हादसे से पहले पानी धीरे-धीरे अंदर जा रहा था। लाइब्रेरी का बंद होने का समय शाम 7 बजे था, लेकिन उससे पहले ही मौत ने दस्तक दे दी। चश्मदीद छात्रों का कहना है कि 27 जुलाई को, जैसे ही वे लाइब्रेरी से बाहर निकले, उन्होंने सामने से बहुत तेज प्रेशर में पानी आते हुए देखा।

Delhi Coaching Centre Flooding: पानी इतनी तेजी से भर रहा था कि किसी को भी संभलने का मौका नहीं मिला। इस हादसे ने सभी को स्तब्ध कर दिया और एक भयानक त्रासदी का रूप ले लिया। छात्रों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं और इस हादसे ने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि ऐसी स्थिति में क्या किया जाना चाहिए था।

चंद मिनटों में पानी से लबालब भर गया कोचिंग सेंटर का बेसमेंट

Delhi Coaching Centre Flooding: घटनास्थल पर मौजूद छात्रों ने बताया कि सड़क पर जमा पानी बेसमेंट की ऊपरी खिड़कियां तोड़ते हुए तेजी से अंदर दाखिल हुआ। ठीक वैसे ही जैसे फिल्मों में दिखाया जाता है कि समंदर में डूबते जहाज के केबिन में पानी कितनी तेजी से दाखिल होता है। उसी तेजी से पानी ने छात्रों को चारों ओर से घेर लिया। जब तक छात्र लाइब्रेरी से बाहर निकलने की कोशिश करते, तब तक घुटनों तक पानी भर चुका था, जिसने चंद मिनटों में पूरे बेसमेंट को अपने आगोश में ले लिया।

सीढ़ियों से लेकर खिड़कियों तक, हर रास्ते पर पानी ने अवरोध खड़ा कर दिया था। इस हादसे ने छात्रों को घबराहट और दहशत से भर दिया, और उन्हें बचने का कोई मौका नहीं मिला। यह हादसा न केवल दर्दनाक था, बल्कि इसने सभी को सुरक्षा के महत्वपूर्ण मुद्दों पर सोचने के लिए मजबूर कर दिया।

बेसमेंट में ऐसा क्या था, जिससे फंस गए छात्र?

Delhi Coaching Centre Flooding: RAU कोचिंग इंस्टीट्यूट के साथ बनी इमारतों के बेसमेंट में छात्रों को खतरे में डालकर पढ़ाई कराई जाती है। मीडिया में आई खबरों के बाद अब इस इलाके की लाइब्रेरी को बंद किया जा रहा है और बोर्ड भी उतारे जा रहे हैं। राजेंद्र नगर में RAU कोचिंग इंस्टीट्यूट की तरह लगभग 90% लाइब्रेरी बेसमेंट में ही चल रही हैं। छात्र 3500 रुपए का मेंबरशिप लेते हैं और अपनी जान जोखिम में डालकर यहां पढ़ाई करते हैं। इस घटना ने छात्रों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं खड़ी कर दी हैं।

Delhi Coaching Centre Flooding: धीरे-धीरे बढ़ रहा था पानी और फिर…’, जब शीशे तोड़कर आया सपनों को डुबोने वाला मौत का सैलाब |

बेसमेंट में स्थित इन लाइब्रेरियों में पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए यह एक बड़ा जोखिम है, खासकर बारिश के मौसम में जब पानी भरने का खतरा बढ़ जाता है। इस हादसे के बाद प्रशासन को सुरक्षा के इंतजामों पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं से बचा जा सके।

Delhi Coaching Centre Flooding: बेसमेंट में चलने वाली लाइब्रेरियों में आमतौर पर एक ही दरवाजा होता है, जिसमें फिंगर प्रिंट के जरिए एंट्री होती है। बिजली जाने या किसी तकनीकी खराबी के दौरान इन दरवाजों से बाहर निकलना बेहद मुश्किल हो जाता है। AC, वाईफाई जैसी सुविधाओं का लालच देकर छात्रों को इन खतरनाक हालातों में पढ़ने के लिए आकर्षित किया जाता है। माना जा रहा है कि एक ही दरवाजा होने के कारण ही हादसे के समय छात्रों को बाहर निकलने का मौका नहीं मिल पाया।

Delhi Coaching Centre Flooding: इस तरह की व्यवस्थाओं में सुरक्षा मानकों की अनदेखी कर छात्रों की जान को जोखिम में डाला जाता है। यह बेहद चिंता का विषय है कि मामूली सुविधाओं के बदले छात्रों की जान को दांव पर लगाया जा रहा है। इस हादसे ने सुरक्षा व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं और अब प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों और सभी लाइब्रेरियों में उचित सुरक्षा प्रबंध किए जाएं।

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