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Assam CM ने मेघालय की यूनिवर्सिटी के गेट की तुलना मक्का से की, पहले लगाया था ‘बाढ़ जिहाद’ का आरोप |

Assam CM:  मेघालय की ‘साइंस एंड टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी’ महबुबुल हक द्वारा संचालित फाउंडेशन के अंतर्गत आती है |

Assam CM ने मेघालय की यूनिवर्सिटी के गेट की तुलना मक्का से की, पहले लगाया था ‘बाढ़ जिहाद’ का आरोप |

Assam CM हिमंत बिस्वा सरमा ने एक बार फिर मेघालय की ‘साइंस एंड टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी’ पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने यूनिवर्सिटी की इमारत के आर्किटेक्चर की तुलना इस्लाम के पवित्र स्थल ‘मक्का’ से की है। मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि इस शिक्षण संस्थान का डिज़ाइन शिक्षा के मूल्यों को प्रभावित कर रहा है, और इसके गुंबद वाले गेट ‘जिहाद’ का प्रतीक माने जा सकते हैं।

सरमा का मानना है कि यह यूनिवर्सिटी न केवल शिक्षा के क्षेत्र में नकारात्मक प्रभाव डाल रही है, बल्कि समाज में विभाजन की भावना को भी बढ़ावा दे रही है। उन्होंने पहले भी यूनिवर्सिटी पर ‘बाढ़ जिहाद’ का आरोप लगाया था, जिससे लोगों के बीच काफी विवाद उत्पन्न हुआ था। सीएम सरमा के इन बयानों ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में एक नई बहस को जन्म दिया है, जिससे यूनिवर्सिटी और इसके प्रशासन की आलोचना हो रही है।

Assam CM: हिमंत बिस्वा सरमा ने इस महीने की शुरुआत में गुवाहाटी में आई अचानक बाढ़ के लिए मेघालय के री-भोई जिले में स्थित एक यूनिवर्सिटी के निर्माण को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने आरोप लगाया कि इस यूनिवर्सिटी के निर्माण के दौरान वनों और पहाड़ियों की कटाई की गई, जिसके कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई। यह यूनिवर्सिटी एक फाउंडेशन द्वारा संचालित है, जिसे बंगाली मुस्लिम महबुबुल हक ने स्थापित किया था।

Assam CM: महबुबुल हक इस ‘साइंस एंड टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी’ के चांसलर हैं। मुख्यमंत्री सरमा ने इस मुद्दे को उठाते हुए यूनिवर्सिटी पर पर्यावरणीय क्षति का आरोप लगाया और इसे गुवाहाटी में बाढ़ की एक प्रमुख वजह बताया। उनके इन बयानों ने यूनिवर्सिटी के प्रशासन और उसके फाउंडेशन पर सवाल खड़े कर दिए हैं, जिससे क्षेत्र में विवाद बढ़ गया है।

यूनिवर्सिटी में जाना शर्मनाक: हिमंत बिस्वा सरमा

Assam CM हिमंत बिस्वा सरमा ने मेघालय की ‘साइंस एंड टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी’ के मुख्य गेट पर बने तीन गुंबदों पर टिप्पणी करते हुए दावा किया कि यह मक्का और मदीना जैसा दिखता है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, सरमा ने कहा कि इस गेट के नीचे से गुजरना उनके लिए शर्मनाक है, क्योंकि इसे मक्का की तरह डिज़ाइन किया गया है।

उन्होंने सुझाव दिया कि अगर वहां मक्का जैसा कुछ बनाया गया है, तो उसके साथ-साथ एक नामघर (सामुदायिक प्रार्थना कक्ष) और चर्च भी बनाना चाहिए। सरमा ने कहा, “अगर वहां मक्का रखा गया है, तो नामघर और चर्च भी बनने दीजिए। हम तीनों के नीचे से गुजरेंगे, एक के नीचे क्यों?” उनके इस बयान ने व्यापक चर्चा को जन्म दिया है, जिससे यूनिवर्सिटी के आर्किटेक्चर और धार्मिक प्रतीकों के उपयोग पर बहस छिड़ गई है।

मेघालय की पहाड़ियों को बताया बाढ़ के लिए जिम्मेदार

Assam CM हिमंत बिस्वा सरमा ने मेघालय की ‘साइंस एंड टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी’ (यूएसटीएम) के प्रशासन पर ‘जिहाद के जनक’ होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने इस यूनिवर्सिटी के बारे में बात की, तो उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ा, लेकिन इससे पहले असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने भी गुवाहाटी में बाढ़ का मुख्य कारण जोराबाट को बताया था।

Assam CM: सरमा ने अपने बयानों की तुलना करते हुए कहा कि गोगोई ने भी गुवाहाटी में बार-बार आने वाली बाढ़ के लिए जोराबाट को दोषी ठहराया था, इसलिए उनकी चिंताएं भी वैध हैं। सरमा ने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर ध्यान देना जरूरी है, क्योंकि यूनिवर्सिटी का निर्माण और उसका प्रशासन क्षेत्र की पर्यावरणीय और सामाजिक समस्याओं का कारण बन रहा है। उनके इन बयानों ने राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया है और यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ नाराजगी बढ़ा दी है।

Assam CM हिमंत बिस्वा सरमा ने मेघालय की जोराबाट पहाड़ियों को लेकर एक गंभीर दावा किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि इन पहाड़ियों को मेघालय की ओर नहीं, बल्कि गुवाहाटी की ओर काटा गया है। सरमा ने सवाल उठाते हुए कहा, “पहाड़ियां गुवाहाटी की ओर ही क्यों काटी गईं, मेघालय की ओर क्यों नहीं? क्या इसे ‘बाढ़ जिहाद’ नहीं कहा जाना चाहिए?”

Assam CM: सरमा का यह बयान बाढ़ के कारणों को लेकर उनके पहले के आरोपों की कड़ी में जुड़ा है, जहां उन्होंने यूनिवर्सिटी निर्माण को बाढ़ का जिम्मेदार ठहराया था। उनके इस बयान से स्थानीय लोगों और प्रशासन के बीच बहस छिड़ गई है। गुवाहाटी में बार-बार आने वाली बाढ़ को लेकर पहले से ही कई सवाल उठाए जा रहे हैं, और सरमा का यह आरोप इस मुद्दे को और भी गर्मा रहा है।

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