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Sri Lanka President: क्या श्रीलंका के नए राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके भारत के लिए एक नई चुनौती साबित होंगे?

Sri Lanka President: अनुरा कुमारा दिसानायके के राष्ट्रपति बनने से श्रीलंका में भारत की चिंताएँ बढ़ी |

Sri Lanka President: क्या श्रीलंका के नए राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके भारत के लिए एक नई चुनौती साबित होंगे?
Sri Lanka President: क्या श्रीलंका के नए राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके भारत के लिए एक नई चुनौती साबित होंगे?

Sri Lanka President: आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका को नया राष्ट्रपति मिल गया है। हाल ही में हुए राष्ट्रपति पद के चुनाव में मार्क्सवादी नेता अनुरा कुमारा दिसानायके ने प्रभावशाली जीत हासिल की है। उनका राष्ट्रपति बनना अब तय है, जिससे भारत की चिंताएँ बढ़ गई हैं। अनुरा कुमारा के बारे में यह माना जाता है कि वे चीन समर्थक हैं और चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने यह वादा किया कि वह भारत के साथ चल रहे कई परियोजनाओं को रोक देंगे।

Sri Lanka President: भारत के लिए यह स्थिति चिंताजनक है, खासकर जब मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भी भारत विरोधी अभियान चलाकर सत्ता में आने की कोशिश की थी। यदि अनुरा कुमारा अपने वादों को पूरा करते हैं, तो इससे भारत-श्रीलंका संबंधों में तनाव उत्पन्न हो सकता है। ऐसे में, श्रीलंका की राजनीतिक दिशा और अनुरा कुमारा की नीतियों पर नजर रखना आवश्यक होगा। इस नए राजनीतिक बदलाव का क्षेत्रीय सुरक्षा और आर्थिक सहयोग पर भी व्यापक असर पड़ सकता है।

Sri Lanka President: भारत के लिए चीन सबसे बड़ी सुरक्षा चुनौती बना हुआ है। इसके साथ ही, बांग्लादेश में भी एक पाकिस्तान समर्थक सरकार का गठन हुआ है, जो भारत के लिए चिंता का विषय है। पाकिस्तान स्वयं एक चीन समर्थक देश है, और इसी तरह मालदीव में भी मोहम्मद मुइज्जू की सरकार चीन के प्रति झुकाव रखती है। अब श्रीलंका में मार्क्सवादी सरकार का आगमन हो रहा है, जो भारत के लिए नई चुनौतियाँ पेश कर सकता है।

इन घटनाओं से स्पष्ट होता है कि दक्षिण एशिया में भारत का पड़ोसी क्षेत्र तेजी से चीन के प्रभाव में आ रहा है। इस स्थिति में भारत को अपनी विदेश नीति और सुरक्षा रणनीति पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है, ताकि वह अपने पड़ोसी देशों के साथ संतुलन बनाए रख सके और क्षेत्रीय स्थिरता को सुनिश्चित कर सके।

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Sri Lanka President: श्रीलंका में पहली बार मार्क्सवादी नेता की सरकार

Sri Lanka President: अनुरा कुमारा दिसानायके की पार्टी, जनता विमुक्ति पेरेमुना (JVP), ने नेशनल पीपुल्स पावर (NPP) के साथ गठबंधन किया है, जिससे वे राष्ट्रपति पद के लिए गठबंधन के उम्मीदवार बन गए हैं। उनका दृष्टिकोण आर्थिक नीति में मजबूत राज्य हस्तक्षेप, कम टैक्स और अधिक बंद बाजार का समर्थन करता है। 55 वर्षीय अनुरा कुमारा को उनके जोशीले भाषणों के लिए जाना जाता है, और उनका राष्ट्रपति बनना श्रीलंका के लिए ऐतिहासिक क्षण है, क्योंकि यह पहली बार है जब कोई मार्क्सवादी नेता इस पद पर आ रहा है।

Sri Lanka President: क्या श्रीलंका के नए राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके भारत के लिए एक नई चुनौती साबित होंगे?
Sri Lanka President: क्या श्रीलंका के नए राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके भारत के लिए एक नई चुनौती साबित होंगे?

Sri Lanka President: भारत इस चुनाव पर ध्यान केंद्रित किए हुए है, खासकर क्योंकि दिसानायके ने चुनाव अभियान के दौरान भारतीय कंपनी अडानी ग्रुप के खिलाफ कई बार बयान दिए हैं। उनके बयान भारतीय-श्रीलंकाई संबंधों को प्रभावित कर सकते हैं, और इससे भारत की चिंताएँ बढ़ी हैं। यदि दिसानायके अपने वादों को निभाते हैं, तो यह भारतीय निवेश और सहयोग के लिए नई चुनौतियाँ उत्पन्न कर सकता है, जिससे क्षेत्रीय स्थिरता पर असर पड़ सकता है।

Sri Lanka President: भारत के प्रोजेक्ट को बंद करेंगे दिसानायके

Sri Lanka President: द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, मतदान से पहले सोमवार को अनुरा कुमारा दिसानायके ने भारत के साथ कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट बंद करने की बात कही। यह बयान उनके चुनावी अभियान का हिस्सा था, जो भारत-श्रीलंका संबंधों के लिए चिंता का विषय बन गया है। श्रीलंका, जो historically भारत का सबसे भरोसेमंद पड़ोसी रहा है, अब एक नई राजनीतिक दिशा में बढ़ रहा है।

Sri Lanka President: अनुरा कुमारा की संभावित नीति परिवर्तन से यह सवाल उठता है कि क्या श्रीलंका अपने ऐतिहासिक सहयोगी भारत से दूर हो जाएगा। चुनाव के परिणामों के बाद, यह देखना होगा कि उनकी सरकार की प्राथमिकताएँ क्या होंगी और वे किस दिशा में आगे बढ़ेंगे। भारत के लिए, यह स्थिति चिंताजनक है, खासकर जब क्षेत्र में चीन का प्रभाव बढ़ रहा है। यदि अनुरा कुमारा अपने वादों को पूरा करते हैं, तो इससे भारत के लिए नई चुनौतियाँ उत्पन्न हो सकती हैं। इस बदलाव का क्षेत्रीय स्थिरता और आर्थिक सहयोग पर व्यापक असर पड़ सकता है, जिसे दोनों देशों को ध्यान में रखना होगा।

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