Sanjauli Mosque Issue: संजौली मस्जिद विवाद; कौन है जिम्मेदार, सड़कों पर संघर्ष का कारण और इसका असर - सरल शब्दों में जानिए |

Sanjauli Mosque Issue: संजौली मस्जिद विवाद; कौन है जिम्मेदार, सड़कों पर संघर्ष का कारण और इसका असर – सरल शब्दों में जानिए |

Sanjauli Mosque Issue: संजौली मस्जिद विवाद; कौन है जिम्मेदार, सड़कों पर संघर्ष का कारण और इसका असर - सरल शब्दों में जानिए |

Sanjauli Mosque Issue: संजौली में विवाद का इतिहास; वर्षों से चल रही अवैध निर्माण की शिकायतें और मंगलवार को मचा हंगामा |

Sanjauli Mosque Issue: संजौली मस्जिद विवाद; कौन है जिम्मेदार, सड़कों पर संघर्ष का कारण और इसका असर - सरल शब्दों में जानिए |
Sanjauli Mosque Issue: संजौली मस्जिद विवाद; कौन है जिम्मेदार, सड़कों पर संघर्ष का कारण और इसका असर – सरल शब्दों में जानिए |

हिमाचल प्रदेश, जो अपनी सुंदर पहाड़ियों और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है, हाल के दिनों में तनाव का सामना कर रहा है। शिमला के संजौली इलाके में मस्जिद को लेकर शुरू हुए विवाद ने अब पूरे देश का ध्यान खींचा है, और इस पर कई चर्चाएँ हो रही हैं।

मामला यह है कि हिंदू संगठन संजौली में बनी मस्जिद को अवैध निर्माण बताते हुए उसे हटाने की मांग कर रहे हैं। 11 सितंबर 2024, बुधवार को इन संगठनों ने कथित अवैध निर्माण के खिलाफ मस्जिद के पास प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने मस्जिद की दीवार गिराने का प्रयास किया, जिससे तनाव और बढ़ गया। इस दौरान काफी हंगामा हुआ और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को काफी मेहनत करनी पड़ी।

Sanjauli Mosque Issue: प्रदर्शन के बाद, शिमला में माहौल तनावपूर्ण हो गया है। प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस बल को इलाके में तैनात किया गया है ताकि शांति बहाल की जा सके और किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। यह मसला अब स्थानीय विवाद से आगे बढ़कर राष्ट्रीय बहस का विषय बन चुका है।

Sanjauli Mosque Issue: पुलिस को करना पड़ा बल प्रयोग

Sanjauli Mosque Issue: प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने पानी की बौछारों और लाठीचार्ज का सहारा लिया, लेकिन हजारों की संख्या में जुटे हिंदू संगठनों के लोग पीछे हटने को तैयार नहीं थे। रिपोर्ट के अनुसार, हिंदू संगठनों ने पहले से ही इस विरोध रैली की घोषणा की थी। मस्जिद को अवैध निर्माण बताते हुए, वे उसे गिराने की मांग कर रहे थे।

Sanjauli Mosque Issue: स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने पहले ही धारा 163 लागू कर दी थी, ताकि किसी भी प्रकार के विरोध प्रदर्शन को रोका जा सके। इसके बावजूद, बुधवार सुबह से ही विभिन्न इलाकों से हिंदू संगठनों के लोग शिमला के संजौली मस्जिद की ओर मार्च करने लगे। पुलिस ने कई प्रयास किए, लेकिन प्रदर्शनकारियों की संख्या बढ़ती गई और वे पीछे हटने को तैयार नहीं थे।

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इस पूरे घटनाक्रम ने शिमला का माहौल तनावपूर्ण बना दिया। पुलिस और प्रशासन ने इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी है, ताकि स्थिति और न बिगड़े। स्थानीय प्रशासन का कहना है कि वे हर संभव कदम उठाएंगे ताकि शांति और कानून व्यवस्था कायम रखी जा सके।

Sanjauli Mosque Issue: कहां से बाहर आया संजौली का विवाद

Sanjauli Mosque Issue: संजौली की मस्जिद को लेकर पहली बार शिकायत साल 2010 में दर्ज की गई थी, और तब से मामला अदालत में चल रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि अचानक से हिमाचल प्रदेश में इस मसले पर हंगामा क्यों मच गया? इसका मुख्य कारण 31 अगस्त को हुई घटना है, जब दो समुदायों के बीच मारपीट हुई। एक समुदाय के कुछ लोगों ने एक स्थानीय युवक के साथ मारपीट की, जिसके विरोध में हिंदू संगठन भड़क गए। इस घटना के बाद, 1 सितंबर और फिर 5 सितंबर को प्रदर्शन किए गए। इन प्रदर्शनों के दौरान मस्जिद का मुद्दा फिर से उठ खड़ा हुआ।

स्थानीय लोगों का आरोप है कि संजौली के पॉश इलाके में बिना किसी अनुमति और नक्शा पास कराए 5 मंजिला मस्जिद का निर्माण कर दिया गया है, जो अवैध है और इसे गिराया जाना चाहिए। उनका दावा है कि बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग यहाँ नमाज़ पढ़ने आते हैं, जिससे इलाके का माहौल खराब हो रहा है।

वहीं, मस्जिद के इमाम शहजाद ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उनका कहना है कि मारपीट की घटना को मस्जिद से जोड़ना गलत है, और उस पर अलग से कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि यह मस्जिद 1947 से पहले की बनी हुई है और तब यह एक कच्ची संरचना थी, जिसे बाद में पक्का किया गया।मस्जिद के निर्माण को लेकर कानूनी प्रक्रिया अभी चल रही है, लेकिन स्थानीय तनाव और विरोध ने इस मुद्दे को फिर से ताजा कर दिया है। प्रशासन को अब दोनों पक्षों के बीच शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।

Sanjauli Mosque Issue: कांग्रेस के मंत्री ने भी मस्जिद को बताया था अवैध

इस मसले पर हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार के मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने हाल ही में सदन में बयान दिया था। उन्होंने कहा कि संजौली की मस्जिद अवैध है और जिस जमीन पर मस्जिद बनी है, उस पर हिमाचल सरकार का मालिकाना हक है। इसके साथ ही उन्होंने राज्य में मुस्लिम आबादी के घुसपैठ का मुद्दा भी उठाया, जिससे मामला और गरम हो गया। उनका यह बयान विवाद के केंद्र में आ गया है, जिससे राजनीतिक और सामाजिक चर्चाएँ तेज हो गई हैं।

Sanjauli Mosque Issue: 2010 से नगर निगम कोर्ट में चल रहा केस

Sanjauli Mosque Issue: संजौली की विवादित मस्जिद का मामला 2010 से नगर निगम की कोर्ट में लंबित है। इस दौरान हिमाचल प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस, दोनों की सरकारें रही हैं, लेकिन मस्जिद के अवैध निर्माण पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी। नगर निगम की कोर्ट ने कई बार मस्जिद को लेकर नोटिस जारी किए, बावजूद इसके पांच मंजिला मस्जिद का निर्माण पूरा हो गया।

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Sanjauli Mosque Issue: शिमला में निर्माण के नियमों के तहत केवल ढाई मंजिल की इजाजत है, जबकि यह मस्जिद पांच मंजिला बन चुकी है, जिससे इसका अवैध निर्माण होने का दावा और मजबूत हो जाता है। अब इस मामले की सुनवाई की अगली तारीख 5 अक्टूबर निर्धारित की गई है।स्थानीय लोग लगातार अवैध निर्माण का विरोध कर रहे हैं, वहीं प्रशासन और न्यायालय पर सही निर्णय लेने का दबाव है। मस्जिद के निर्माण को लेकर जारी विवाद ने क्षेत्र में तनाव पैदा कर दिया है, और लोग इस मामले का कानूनी समाधान चाहते हैं।

Sanjauli Mosque Issue: विवाद में कांग्रेस और बीजेपी भी आमने-सामने

इस विवाद पर पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता जयराम ठाकुर ने कहा है कि सरकार को इस मामले में आँखें नहीं मूंदनी चाहिए और हिंदुओं तथा स्थानीय लोगों की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। उनके इस बयान से मसले पर राजनीति गरमा गई है। जवाब में मुख्यमंत्री सुक्खू ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार कानून का पालन सुनिश्चित करेगी और किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी। दोनों नेताओं के बयानों से यह विवाद राजनीतिक रूप से भी चर्चा का विषय बन गया है।

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