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Rahul Gandhi USA: अमेरिका में राहुल गांधी का मोदी जी पर चौंकाने वाला बयान; ‘मुझे मोदी जी पसंद हैं’

Rahul Gandhi USA: अमेरिका दौरे पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी का PM मोदी पर अहम बयान |

Rahul Gandhi USA: अमेरिका में राहुल गांधी का मोदी जी पर चौंकाने वाला बयान; ‘मुझे मोदी जी पसंद हैं’

Rahul Gandhi USA: अमेरिका दौरे के दौरान कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर एक महत्वपूर्ण बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि उन्हें मोदी जी पसंद हैं। राहुल गांधी ने अपनी बात को स्पष्ट करते हुए कहा, “भारत एक संघ है, जो विभिन्न भाषाओं, परंपराओं और धर्मों से बना है। जब भारतीय अपने धार्मिक स्थलों पर जाते हैं, तो वे अपने देवता में एकाकार हो जाते हैं। यह भारत की विशिष्टता है।”

उन्होंने आगे कहा कि भाजपा और आरएसएस की समझ में गलती यह है कि वे भारत को विभिन्न हिस्सों का एक समूह मानते हैं, जबकि भारत एक समग्र संस्कृति और सभ्यता है। राहुल गांधी ने चौंकाने वाला बयान देते हुए कहा, “आपको यह सुनकर आश्चर्य हो सकता है, लेकिन मुझे मोदी जी पसंद हैं। मैं वास्तव में नरेंद्र मोदी से नफरत नहीं करता। हालांकि मैं उनके दृष्टिकोण से सहमत नहीं हूं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मैं उनसे नफरत करता हूं।”

Rahul Gandhi USA: राहुल गांधी ने यह भी कहा कि कई अवसरों पर उन्होंने मोदी के प्रति सहानुभूति महसूस की है। इस बयान से राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है, क्योंकि राहुल गांधी लंबे समय से पीएम मोदी के आलोचक माने जाते रहे हैं। हालांकि, इस बयान से उन्होंने स्पष्ट किया कि मतभेदों के बावजूद, वे व्यक्तिगत रूप से किसी के प्रति घृणा नहीं रखते। राहुल गांधी के इस बयान ने भारत और अमेरिका दोनों ही देशों में चर्चाओं को जन्म दिया है, और इसे भारतीय राजनीति में एक नई सोच के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।

Rahul Gandhi USA: RSS पर फिर साधा निशाना

Rahul Gandhi USA: कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता, राहुल गांधी ने हाल ही में चुनाव प्रक्रिया और भारतीय लोकतंत्र की वर्तमान स्थिति पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि चुनावों से पहले कांग्रेस लगातार इस बात पर जोर देती रही कि भारतीय संस्थाओं पर कब्ज़ा कर लिया गया है। उनके अनुसार, आरएसएस ने शिक्षा व्यवस्था, मीडिया और जांच एजेंसियों को अपने नियंत्रण में कर लिया है, जिससे निष्पक्ष चुनाव की अवधारणा पर संकट मंडरा रहा है।

Rahul Gandhi USA: राहुल गांधी ने कहा, “हम लंबे समय से इस बात को जनता तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे थे कि लोकतंत्र की नींव मानी जाने वाली संस्थाओं पर कब्ज़ा कर लिया गया है। परन्तु उस समय लोगों को यह बात समझ में नहीं आ रही थी। लेकिन जब मैंने संविधान को प्राथमिकता देनी शुरू की और संविधान की रक्षा का संदेश दिया, तब गरीब और उत्पीड़ित भारत ने इसे गंभीरता से समझा। उन्होंने जान लिया कि अगर संविधान नष्ट हो गया, तो लोकतंत्र की पूरी व्यवस्था समाप्त हो जाएगी।”

Rahul Gandhi USA: उन्होंने स्पष्ट किया कि गरीबों और दलितों ने यह समझ लिया कि यह लड़ाई केवल चुनावी मुकाबला नहीं है, बल्कि संविधान को बचाने वालों और उसे खत्म करने वालों के बीच का संघर्ष है। इस संदर्भ में जाति जनगणना का मुद्दा भी अचानक प्रमुख हो गया, जो सामाजिक न्याय के संदर्भ में एक अहम मुद्दा बना।राहुल गांधी ने भाजपा पर यह भी आरोप लगाया कि चुनावों के दौरान निष्पक्षता का पालन नहीं किया गया। उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि निष्पक्ष चुनाव में भाजपा को 246 सीटें मिलनी चाहिए थीं। उन्हें बहुत बड़ा वित्तीय लाभ मिला था। हमारे बैंक खाते बंद कर दिए गए थे और चुनाव आयोग वही कर रहा था जो भाजपा चाहती थी।”

Rahul Gandhi USA: उनका मानना है कि चुनावी अभियान इस तरह से तैयार किया गया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश भर में अपने काम को जारी रख सकें, और जिन राज्यों में भाजपा कमजोर थी, वहां अभियान को अलग तरीके से डिजाइन किया गया। राहुल गांधी ने इसे ‘स्वतंत्र चुनाव’ नहीं बल्कि ‘नियंत्रित चुनाव’ करार दिया।इस संदर्भ में राहुल गांधी ने लोकतंत्र की मौजूदा चुनौतियों और चुनाव प्रणाली में आवश्यक सुधार की जरूरत पर जोर दिया। उनके बयान से यह स्पष्ट होता है कि वे भारतीय लोकतंत्र के भविष्य को लेकर चिंतित हैं, विशेष रूप से जब यह सवाल संस्थागत स्वतंत्रता और निष्पक्षता से जुड़ा हो।

Rahul Gandhi USA: राहुल गांधी के इन आरोपों ने एक बार फिर से भारतीय राजनीति में लोकतंत्र और संस्थाओं की स्वायत्तता पर बहस को जन्म दिया है। उनका मानना है कि भारतीय संविधान की रक्षा के लिए संघर्ष करना समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है, और इसे बचाने में गरीब और उत्पीड़ित वर्ग की भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है।यह बयान न केवल विपक्ष के नजरिए को सामने लाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारत की चुनाव प्रणाली और लोकतंत्र पर किस प्रकार के खतरे मंडरा रहे हैं।

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