Smriti Irani VS Priyanka Gandhi: प्रियंका गांधी की वायनाड सीट से चुनाव लड़ने के फैसले के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज, क्या बीजेपी स्मृति ईरानी को इस सीट से चुनाव लड़ा सकेगी?
Smriti Irani VS Priyanka Gandhi:राहुल गांधी की चुनावी सफलता के बाद, उन्होंने वायनाड और रायबरेली से जीत हासिल की थी। लेकिन अब वायनाड से इस्तीफा देने का निर्णय लिया गया है, जबकि रायबरेली से उनका निरंतर संबंध बना रहेगा। कांग्रेस ने वायनाड से प्रियंका गांधी को उपचुनाव में प्रस्तावित किया है, जिससे गांधी परिवार का एक और सदस्य दक्षिण भारतीय राजनीति में अपनी पहचान बना सके। यह स्थिति सीखने लायक है, कि राहुल गांधी की राजनीतिक रणनीति और पार्टी के प्रयास चुनौतीपूर्ण और स्थिर हैं, जो कांग्रेस को राष्ट्रीय स्तर पर बचाव और साथ ही विकास के माध्यम के रूप में प्रस्तुत करने में मदद कर सकते हैं।
Smriti Irani VS Priyanka Gandhi: गांधी परिवार का साउथ से पुराना रिश्ता है। 1978 में इंदिरा गांधी ने कर्नाटक के चिकमगलूर से उपचुनाव जीता था, और बाद में 1980 में आंध्र के मेडक सीट से भी जीत हासिल की थी। 1999 में सोनिया गांधी ने भी अपना राजनीतिक करियर दक्षिण से शुरू किया था। उन्होंने अमेठी और कर्नाटक की बेल्लारी सीट से चुनाव लड़ा था, और दोनों सीटों पर जीत हासिल की थी। लेकिन बाद में बेल्लारी सीट को छोड़ दिया गया था।
गांधी परिवार के ये दक्षिण से रिश्तेदारी राजनीतिक मामलों में एक महत्वपूर्ण कड़ा है। यह साबित करता है कि वे देश के विभिन्न क्षेत्रों में भी अपनी रूचि और बढ़ती जनसंख्या के आधार पर अपनी राजनीतिक मौजूदगी को मजबूती दे रहे हैं।
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वायनाड से क्या स्मृति ईरानी पर दांव खेलेगी बीजेपी?
Smriti Irani VS Priyanka Gandhi: वायनाड से प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने के फैसले के बाद सोशल मीडिया समेत राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है कि इस सीट से बीजेपी किसे उम्मीदवार बनाएगी। चर्चा ये भी है कि बीजेपी तेज तर्रार नेता स्मृति ईरानी को वायनाड सीट से उतार सकती है। भले ही स्मृति ईरानी इस बार अमेठी से के एल शर्मा के सामने लोकसभा चुनाव हार गई हों, लेकिन 2019 में वे कांग्रेस के गढ़ अमेठी से राहुल गांधी को हरा चुकी हैं। ऐसे में बीजेपी उन्हें इस सीट से उतार कर मुकाबला दिलचस्प बना सकती है। इससे पहले कि वायनाड में प्रियंका गांधी की उम्मीदवारी की खबरें सामने आईं, लोगों के बीच वायनाड में बीजेपी के उम्मीदवार की चर्चा थी कि कौन भी बीजेपी के नाम उम्मीदवार होंगे, वह इस सीट के लिए एक मजबूत मुकाबला दे सकते हैं।
1999 में जब सुषमा स्वराज ने लड़ा सोनिया के खिलाफ चुनाव
Smriti Irani VS Priyanka Gandhi: 1999 में, सोनिया गांधी के बेल्लारी सीट से डेब्यू की खबर सामने आते ही, बीजेपी ने सुषमा स्वराज को उसी सीट के लिए उम्मीदवार बनाया था। इससे चुनावी मैच की रोचकता में भी इजाफा हो गया था। सुषमा स्वराज ने इस चुनावी मुकाबले में सोनिया गांधी को कड़ी टक्कर दी थीं, लेकिन उन्हें इस चुनौती का सामना करना पड़ा। हालांकि, इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। सोनिया गांधी को 414000 वोट मिले थे, जबकि सुषमा स्वराज ने साढ़े तीन लाख से ज्यादा वोट हासिल किए थे। फिर भी, उन्होंने इस चुनाव में बाहरी टक्कर से करीब 56000 वोटों की जीत दर्ज की थी।
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Smriti Irani VS Priyanka Gandhi: इस तरह की चुनौतीपूर्ण चुनावी टक्करें राजनीतिक मैदान में हमेशा जोर दर्शाती रही हैं। बीजेपी के ऐसे फैसले ने साबित किया कि वह चुनौतियों को हरने के लिए तैयार हैं और अपने उम्मीदवारों को बेहतर तैयारी और प्रचार-प्रसार के जरिए लोकतंत्र के महापर्व में भागीदारी करने के लिए उत्सुक हैं। इसके अलावा, इस चुनौतीपूर्ण चुनावी मुकाबले ने यह भी साबित किया कि लोकतंत्र में नागरिकों के मत का महत्व है और चुनावी प्रक्रिया में उनकी सक्रिय भागीदारी के लिए उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए। इससे हमारे लोकतंत्र की गहरी नींव का अभिवादन होता है जो समर्थन और अविश्वास के बीच चलता है।
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