Rupauli by-election Result: जेडीयू की साख रूपौली में बचाने में असफल, NDA को हार पर उपेंद्र कुशवाहा ने दिया महत्वपूर्ण संदेश |

Rupauli by-election Result: रुपौली उपचुनाव के परिणाम पर सभी पार्टियां कर रहीं समीक्षा, जेडीयू और आरजेडी की हार में महत्वपूर्ण फैक्टर्स का खुलासा |

Rupauli by-election Result: रुपौली उपचुनाव के परिणाम ने बिहारी राजनीतिक समुदाय को चौंका दिया है, जहां निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह ने 8,204 वोटों से जीत हासिल की है. उनकी जीत ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू और लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी को बड़ा झटका पहुंचाया है. बिहार में जातिगत राजनीति का प्रभाव अब भी महसूस होता है, और रुपौली विधानसभा का चुनाव इस तत्व को दर्शाता है.

Rupauli by-election Result
Rupauli by-election Result: जेडीयू की साख रूपौली में बचाने में असफल, NDA को हार पर उपेंद्र कुशवाहा ने दिया महत्वपूर्ण संदेश |

Rupauli by-election Result: इस चुनाव में शंकर सिंह की जीत के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि जातिगत वोटिंग ब्लॉक का बदलता दृष्टिकोण, लोकल मुद्दों पर फोकस, और व्यक्तिगत सम्बंधों का महत्व। उनकी जीत ने बिहारी राजनीतिक मंच पर एक नई रणनीति की चर्चाएं उत्पन्न की हैं, जहां निर्दलीय प्रत्याशियों को भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता सामने आई है।

Rupauli by-election Result : रुपौली उपचुनाव के परिणाम में ये मुद्दे रहे खास

  1. Rupauli by-election Result:  रुपौली विधानसभा क्षेत्र में जातीय समीकरण विशेष रूप से गंगोता समाज के वोटों पर निर्भर करता है। इस चुनाव में, जेडीयू के प्रत्याशी कलाधर प्रसाद मंडल और आरजेडी की प्रत्याशी बीमा भारती दोनों गंगोता समाज से थे। यहां गंगोता समाज के 100% वोट नीतीश कुमार को मिलने की राह चली थी, लेकिन इस बार कुछ अलग हुआ। जेडीयू को लगभग 70% और बीमा भारती को लगभग 30% गंगोता वोट मिला। यह दर्शाता है कि इस चुनाव में गंगोता वोट में विभाजन हुआ, जिससे प्रतिस्पर्धी पार्टियों को बांटने पर मजबूर होना पड़ा। यह स्थिति नीतीश कुमार के लिए एक चुनौती भी हो सकती है, जबकि अन्य पार्टियों के लिए एक अवसर भी।
  2. Rupauli by-election Result: ‘इंडिया’ गठबंधन के सबसे बड़े वोट बैंक मुस्लिम समुदाय हैं और रुपौली विधानसभा क्षेत्र में उनकी संख्या लगभग 60,000 के पास है। इस समुदाय का 100% वोट लालू प्रसाद यादव के पक्ष में होता है, लेकिन इस बार चुनाव में मुस्लिम वोटों में विभाजन देखने को मिला। लगभग 40% मुस्लिम वोट निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह के खाते में गया, जिसमें उनके पति अवधेश मंडल के साथ मुस्लिम समुदाय के बीच विवाद है। इसके फलस्वरूप, मुस्लिम समाज ने अपने विकल्प के रूप में शंकर सिंह को चुन लिया। चुनाव प्रचार में तेजस्वी यादव की भागीदारी कम रही, जिससे उनका प्रभाव वोटर पर प्रभावित नहीं हुआ।
  3. Rupauli by-election Result: तीसरा महत्वपूर्ण कारण यह रहा कि बीमा भारती पिछले 23 सालों से विधानसभा की सदस्य रही हैं और 2005 से जेडीयू के पक्ष में स्थिर रही हैं। इतने समय में उनके क्षेत्र में प्रगति का साक्षात्कार नहीं हुआ है, और उनके पति अवधेश मंडल का दबदबा भी वहाँ बना रहा है। इसी कारण आरजेडी में आने के बावजूद भी बीमा भारती से वोटरों का नाराजगी था। वहाँ के दलित समाज से भी लगभग 25% वोटर खफा थे, जिससे शंकर सिंह को फायदा हुआ। उन्होंने इस विवादित परिस्थिति का फायदा उठाया और उन्हें विधानसभा चुनाव में सफलता मिली।
  4. Rupauli by-election Result: बीमा भारती से जुड़े लोगों की नाराजगी में एक बड़ा कारण यह रहा कि इससे राजद को नुकसान हुआ है, लेकिन इसके साथ ही जेडयू भी नुकसान झेलना पड़ा। पहले से ही बीमा भारती के कई शिकायतें थीं, लेकिन पार्टी ने उन पर संज्ञान नहीं लिया था।
  5. Rupauli by-election Result: पांचवा मुख्य कारण यह बताया जा रहा है कि 2 जून को गोपाल की हत्या हुई थी, जिसमें बीमा भारती के बेटे का नाम आया था। गोपाल वैश्य समाज से थे और इस हत्याकांड ने वैश्य समाज की नाराजगी को चुनाव में दिखाया। वैश्य समाज को आमतौर पर एनडीए का कोर वोटर माना जाता है, लेकिन इस घटना से वैश्य समाज न केवल बीमा भारती से नाराज था, बल्कि जेडीयू से भी उनकी नाराजगी दिखी।
  6. Rupauli by-election Result: छठी मुख्य कारण यह रहा कि निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह की छवि बाहुबली में रही हो, लेकिन उनकी क्षेत्र के वैश्य समाज में उनकी पहचान अच्छी है और वह समाज सेवी के रूप में भी प्रस्तुत हैं। बताया जाता है कि शंकर सिंह ने पहले से ही वैश्य समाज का समर्थन किया है। इसी कारण लगभग 50% वैश्य समुदाय का वोट शंकर सिंह को मिला है।
  7. Rupauli by-election Result: सातवां महत्वपूर्ण कारण यह रहा कि शंकर सिंह अगड़ी जाति से आते हैं और अगड़ी जाति के लोग भी उन्हें एक विकल्प के रूप में देख रहे थे। इस क्षेत्र में लगभग 40 से 45 प्रतिशत वोट अगड़ी जाति का होता है, जिसमें अधिकांश राजपूत, ब्राह्मण और कुछ भूमिहार शामिल हैं। माना जाता है कि यदि 10 प्रतिशत वोट छोड़ दिया जाए तो सभी वोट शंकर सिंह को मिले हैं, जो एनडीए के कोर वोटर माने जाते हैं। इस कारण से जेडीयू को भारी नुकसान भी झेलना पड़ा है।
  8. Rupauli by-election Result: बीमा भारती तीसरे स्थान पर रहीं और उन्हें केवल 30,114 वोट प्राप्त हुए। इसकी मुख्य वजह यह बताई जा रही है कि अगर आरजेडी ने बीमा भारती को छोड़कर किसी और को टिकट दिया होता, तो आरजेडी को अधिक वोट मिलते और एनडीए प्रत्याशी की जीत होती।
  9. Rupauli by-election Result: इस क्षेत्र में यादव समुदाय के ज्यादा सक्रिय वोटर नहीं हैं। लगभग 10 से 12 हजार यादव वोट का हिस्सा हैं, लेकिन इस समुदाय के वोट में भी बिखराव देखने को मिला। स्थानीय लोगों के अनुसार, बीमा भारती के पति अवेधश मंडल से यादव समाज की पुरानी अदावत रही है, जिसके कारण लगभग 50% वोट आरजेडी में ट्रांसफर हुए हैं जबकि 50% वोट जदयू के पक्ष में गए। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर तेजस्वी यादव एक-दो दिन और कैंपेनिंग करते, तो यादव समुदाय का समर्थन बीमा भारती को पूरा हो सकता था।
  10. Rupauli by-election Result: दसवां महत्वपूर्ण कारण यह भी है कि कलाधर प्रसाद मंडल कुछ महीने पहले लोकसभा चुनाव के वक्त जेडीयू में शामिल हुए थे। इसके अलावा, एंटी इनकंबेंसी भी एक वजह बनी, जिससे कुछ जेडीयू कार्यकर्ताओं में नाराजगी थी। इसके परिणामस्वरूप, अति पिछड़ा वर्ग का कुछ वोट शंकर सिंह के पक्ष में ट्रांसफर हो गया है।

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