Fact Check: फैक्ट चेक न्यूज़, प्रधानमंत्री मोदी की पटना साहिब गुरुद्वारे की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं
Fact Check: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में बिहार की राजधानी पटना में स्थित तख्त श्री हरमिंदर जी पटना साहिब गुरुद्वारा गए। वहां, अपनी यात्रा के दौरान पटना साहिब गुरुद्वारे में भक्तों को लंगर में भोजन परोसते हुए देखे गए। इसी दौरान, एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें दिखाया जा रहा है कि पीएम मोदी एक खाली बाल्टी को हाथ में लिए हुए हैं।
इस तस्वीर के बारे में कई दावे किए जा रहे हैं, जैसे कि बाल्टी खाली होने से यह सुझाव दिया जा रहा है कि पीएम मोदी ने भोजन परोसने का दिखावा किया है। हालांकि, इसका सचाई और समर्थन कोई स्पष्ट आधार पर नहीं है। इसलिए, इसे एक तस्वीर के रूप में ही देखना चाहिए और इस पर अफवाहों को बेजिजकत न मानना चाहिए।
Fact Check: जब बूम ने पीएम मोदी के लंगर की तस्वीरों की जांच की, तो पता चला कि ये तस्वीरें फर्जी दावे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर की गई थीं। पीएम मोदी ने जिस बाल्टी को हाथ में लिया था, उसमें खीर थी। 13 मई, 2024 को पटना साहिब गुरुद्वारा जाते समय, पीएम मोदी ने पगड़ी पहनी और हाथ में खीर की बाल्टी ली थी। ये गुरुद्वारा गुरु गोबिंद सिंह के जन्मस्थान के रूप में जाना जाता है और यहां भक्तों को भोजन प्रदान किया जाता है। इस घटना ने फर्जी खबरों के प्रसार में विश्वासघात का खुलासा किया है, जिससे सामाजिक मीडिया पर वायरल हो रही अफवाहें नकारात्मक सिद्ध हो रही हैं।
पीएम मोदी की तस्वीर को लेकर क्या दावा किया गया?
Fact Check: “सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक यूजर ने रविंद्र कपूर नाम से एक पोस्ट किया, “बिग ब्रेकिंग, नरेंद्र मोदी एक्सपोज़. नरेंद्र मोदी लंगर सेवा नहीं कर रहे हैं, वे पंजाब में आगामी लोकसभा चुनाव के लिए फोटो शूट कर रहे हैं। ध्यान से देखें कि मोदी खाना परोस रहे हैं, लेकिन कतार में बैठे लोगों के सामने या पीछे की थाली में खाना नहीं है। परोसने वाले चम्मच में या परोसने वाले बर्तन में खाना नहीं है।”
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Fact Check: इस पोस्ट को जांचने के बाद पता चला कि यह एक फर्जी खबर है और उसकी सत्यता कोई समर्थन नहीं करती है। इसके बावजूद, ऐसी तरह की फर्जी पोस्टें सोशल मीडिया पर फैलाने से लोगों के बीच भ्रमिति और अस्वस्थ वातावरण उत्पन्न होता है। ऐसी खबरों का सत्यापन करना महत्वपूर्ण है ताकि सही जानकारी ही लोगों तक पहुँचे।
पोस्ट में आगे कहा गया, “वह सिर्फ पंजाब में आगामी लोकसभा चुनाव में सिख समुदाय से वोट पाने के लिए फोटोशूट करा रहे हैं। मोदी वोट पाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं, उनके मन में जीवित या मृत लोगों के लिए कोई भावना नहीं है। भारत में रहने वाली एक हृदयहीन आत्मा।” इस तस्वीर को कई अन्य सोशल मीडिया यूजर्स ने भी वायरल किया है।
Fact Check: इस प्रकार की खबरें सोशल मीडिया पर वायरल होने से बचाना चाहिए, क्योंकि इससे असही जानकारी फैलने का खतरा बढ़ जाता है। परंतु, इस पोस्ट में दी गई जानकारी की सत्यता का सत्यापन करने के बिना यह कठिन है कि यह एक सच्चाई है या फिर किसी का भ्रम है। इसलिए, ऐसे दावों को बिना सत्यापन किए स्वीकार न करें और सत्य जानकारी पर ही भरोसा करें।
फैक्ट चेक में क्या सामने आया?
Fact Check: बूम ने फैक्ट चेक किया तो पता चला कि पटना साहिब गुरुद्वारे में पीएम मोदी साफ तौर पर खीर की बाल्टी से भोजन परोस रहे हैं। बाल्टी के खाली होने का झूठा दावा करते हुए इस तस्वीर को शेयर किया गया है। वायरल वीडियो से लिए गए स्क्रीनशॉट में रोशनी और खाना परोसने के लिए इस्तेमाल हुए स्टेनलेस स्टील की प्लेटों की वजह से परोसे गए खाने को पहचानना मुश्किल हो गया।
Fact Check: बूम के फैक्ट चेक से स्पष्ट हो गया कि यह तस्वीर फर्जी है और इसमें दिखाए गए खाने की बाल्टी खाली नहीं थी। ऐसे दुरुपयोगी तस्वीरों को वायरल होने से रोकना हमारी सामाजिक जागरूकता और सही जानकारी को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है।
#WATCH | PM Narendra Modi serves langar at Gurudwara Patna Sahib in Patna, Bihar pic.twitter.com/FWBdcj40Fe
— ANI (@ANI) May 13, 2024
#WATCH | PM Narendra Modi serves langar at Gurudwara Patna Sahib in Patna, Bihar pic.twitter.com/qhj5RuHTHh
— ANI (@ANI) May 13, 2024
Fact Check: हालांकि, जब समाचार एजेंसी एएनआई की तरफ से शेयर किए गए वीडियो की जांच की गई तो पता चला कि पीएम मोदी ने बाल्टी से खीर निकालकर लोगों को परोसा था। इस वीडियो को 13 मई, 2024 को एएनआई के जरिए शेयर किया गया था। पीएम मोदी को गुरुद्वारा में खाना बनाते हुए भी देखा गया, जिसका वीडियो एएनआई ने ट्वीट किया था। इस तरह साफ हो गया कि पीएम मोदी की फर्जी तस्वीर वायरल की गई।
Fact Check: इस घटना से सामाजिक मीडिया पर फर्जी खबरों और तस्वीरों के प्रसार का खुलासा हुआ। सही जानकारी के अभाव में इस तरह की खबरों का प्रसार न करें और उन्हें सत्यापित सूत्रों से ही मानें। इससे सामाजिक जागरूकता और सही जानकारी को प्रमोट करने में सहायक होगा।
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