मायावती का कांग्रेस के Constitutional Respect Ceremony पर हमला; ‘दोगली सोच’ से लोगों को सावधान रहने की अपील |
बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने शनिवार को प्रयागराज में कांग्रेस द्वारा आयोजित Constitutional Respect Ceremony पर जोरदार हमला किया। समारोह में कांग्रेस ने संविधान और उसके सम्मान को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जताई, लेकिन मायावती ने इस पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस पार्टी की आलोचना की। उन्होंने अपने बयान में कहा कि कांग्रेस की यह कार्रवाई उनकी वास्तविक नीयत को नहीं छुपा सकती और लोगों को इससे सावधान रहना चाहिए।
मायावती ने अपने बयान में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर, कांशीराम और सुप्रीम कोर्ट के उन फैसलों का जिक्र किया जो एससी और एसटी आरक्षण से जुड़े थे। उन्होंने कहा कि संविधान के निर्माता बाबा साहब अंबेडकर को उनके जीवनकाल और मृत्यु के बाद भी भारतरत्न की उपाधि से सम्मानित नहीं किया गया, जो कि कांग्रेस पार्टी की दोगली सोच को दर्शाता है। मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “कल प्रयागराज में Constitutional Respect Ceremony करने वाली कांग्रेस पार्टी को बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के अनुयायी कभी माफ नहीं करेंगे।”
Constitutional Respect Ceremony: मायावती ने कांग्रेस की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब अंबेडकर ने भारतीय संविधान को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, तब कांग्रेस ने उन्हें उचित सम्मान देने में विफल रही। उन्होंने कांग्रेस के इस समारोह को एक दिखावा करार दिया और यह भी कहा कि अब वक्त आ गया है कि समाज के कमजोर वर्गों को खुद अपने अधिकारों के लिए खड़ा होना होगा।
मायावती का यह बयान राजनीतिक माहौल में एक नई गरमागरमी पैदा कर सकता है। उनका यह भी कहना है कि कांग्रेस के इस प्रकार के कार्यक्रम केवल चुनावी रणनीति के तहत किए जा रहे हैं और इससे समाज के वास्तविक मुद्दों का समाधान नहीं हो सकता। इस आलोचना के बाद कांग्रेस के Constitutional Respect Ceremony की राजनीतिक और सामाजिक दृष्टि से क्या प्रतिक्रिया होगी, यह देखना दिलचस्प होगा।
मायावती ने साधा निशाना
Constitutional Respect Ceremony: बसपा सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की विचारधारा को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले श्री कांशीराम के निधन पर कांग्रेस ने एक दिन का राष्ट्रीय शोक भी घोषित नहीं किया। मायावती ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की सरकार के रहते इस मुद्दे को नजरअंदाज किया गया और समाजवादी पार्टी (सपा) की सरकार ने भी राजकीय शोक की घोषणा नहीं की।
Constitutional Respect Ceremony: उन्होंने इस पर गहरी नाराजगी जताते हुए कहा कि यह कांग्रेस और सपा की दोगली सोच और चरित्र को उजागर करता है। मायावती ने लोगों को चेतावनी दी कि वे इस प्रकार की राजनीतिक चालाकियों से सजग रहें। उनका कहना है कि इस तरह की नीतियों और दृष्टिकोण से समाज के कमजोर वर्गों को वास्तविक सम्मान और समर्थन नहीं मिलता। मायावती का यह बयान कांग्रेस और सपा पर राजनीतिक दबाव बनाने के प्रयास के रूप में देखा जा सकता है।
Constitutional Respect Ceremony: मायावती ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उन्होंने अपनी सरकार में राष्ट्रीय जातीय जनगणना नहीं कराई, जबकि अब वे इसे लेकर बातें कर रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि केंद्र में बीजेपी की सत्ता आने से पहले कांग्रेस ने यह जनगणना क्यों नहीं करवाई, जबकि बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) हमेशा इसके पक्ष में रही है। मायावती ने कहा कि जातीय जनगणना कमजोर वर्गों के हित में अत्यंत आवश्यक है, और बीएसपी ने हमेशा इसके समर्थन में आवाज उठाई है।
Constitutional Respect Ceremony: इसके अतिरिक्त, मायावती ने एससी/एसटी आरक्षण को कमजोर करने के लिए चल रही साजिशों पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस, सपा और बीजेपी इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं, जबकि आरक्षण में वर्गीकरण और क्रीमीलेयर के जरिए इसे निष्प्रभावी बनाने की कोशिश की जा रही है। मायावती ने यह भी कहा कि यह चुप्पी इन पार्टियों के दलित प्रेम की असलियत को उजागर करती है। उन्होंने लोगों से सतर्क रहने की अपील की और इन दलों की नीयत पर सवाल उठाया।
Constitutional Respect Ceremony: मायावती ने आरक्षण विरोधी पार्टियों जैसे समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस पर तंज कसते हुए सवाल उठाया कि क्या इन पार्टियों के साथ किसी भी चुनाव में गठबंधन करना अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के हित में उचित होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि इन पार्टियों की नीतियां आरक्षण के खिलाफ हैं और उनके साथ किसी प्रकार के राजनीतिक समझौते से इन वर्गों को कोई लाभ नहीं होगा।
Constitutional Respect Ceremony: मायावती ने कहा कि इन पार्टियों के साथ गठबंधन करना SC, ST, और OBC वर्गों के अधिकारों की सुरक्षा और उनके हितों के खिलाफ होगा। इसलिए, उनके अनुसार, अब समय आ गया है कि इन वर्गों को अपने अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए खुद अपने दम पर खड़ा होना चाहिए। मायावती ने इन वर्गों को सलाह दी कि वे अपनी ताकत और एकता के बल पर अपनी राजनीतिक स्थिति मजबूत करें और किसी भी ऐसे दल से गठबंधन करने से बचें जो उनके अधिकारों का सम्मान नहीं करता।
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