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Modi Speech: पीएम मोदी ने ‘सेकुलर’ और ‘सांप्रदायिक’ शब्दों का उल्लेख किया: समझें इनका वास्तविक अर्थ|

Modi Speech: पीएम मोदी का लाल किले से बयान;देश में सेक्युलर सिविल कोड की आवश्यकता, जानिए ‘सेक्युलर’ और ‘सांप्रदायिक’ शब्दों का अर्थ |

Modi Speech: पीएम मोदी ने ‘सेकुलर’ और ‘सांप्रदायिक’ शब्दों का उल्लेख किया: समझें इनका वास्तविक अर्थ|

Modi Speech: आज पूरे देश में स्वतंत्रता दिवस धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस विशेष अवसर पर प्रधानमंत्री हर साल लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करते हैं, और इस साल भी पीएम मोदी ने अपने संबोधन में महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया। पीएम मोदी ने विशेष रूप से ‘सेक्युलर’ और ‘सांप्रदायिक’ जैसे शब्दों का उल्लेख किया, जो देश की सामाजिक और राजनीतिक धारा पर गहरा प्रभाव डालते हैं।

Modi Speech: ‘सेक्युलर’ शब्द का अर्थ है धर्मनिरपेक्षता, यानी एक ऐसा दृष्टिकोण जिसमें किसी भी धर्म या धार्मिक समूह के प्रति कोई भेदभाव नहीं किया जाता। इसका तात्पर्य है कि सरकार और अन्य सार्वजनिक संस्थाओं को धार्मिक मामलों से अलग रखना चाहिए, ताकि सभी धर्मों के लोगों को समान अधिकार और सम्मान मिले।

Modi Speech: वहीं, ‘सांप्रदायिक’ शब्द का तात्पर्य है धार्मिक आधार पर भेदभाव या संघर्ष को बढ़ावा देना। यह अक्सर तब होता है जब एक विशेष धर्म या धार्मिक समूह को अन्य धर्मों के मुकाबले प्राथमिकता दी जाती है, जिससे समाज में तनाव और विवाद उत्पन्न होते हैं। पीएम मोदी के भाषण में इन शब्दों का उल्लेख इन मुद्दों पर गंभीर विचार करने की आवश्यकता को दर्शाता है।

Modi Speech: सेक्युलर का मतलब क्या होात है?

Modi Speech: ‘सेकुलर’ शब्द का इतिहास काफी पुराना है और यह लेटिन भाषा के ‘saeculum’ से उत्पन्न हुआ है, जिसका अर्थ होता है किसी भी धर्म के प्रति तटस्थ रहना। इस शब्द का मूल अर्थ अनंत और सार्थक जीवन से जुड़ा हुआ है। लेटिन में ‘saeculum’ का तात्पर्य समय की एक बड़ी अवधि से था, जो अनंत काल और स्थायित्व को दर्शाता है।

Modi Speech: क्रिश्चियन धर्म में, ‘सेकुलर’ को ईश्वर से जोड़ा जाता है, जो समय के बाद भी स्थायी और अटल रहते हैं। इसका मतलब है कि सेकुलर दृष्टिकोण वह है जो धार्मिक मामलों से अलग होकर सार्वभौमिक दृष्टिकोण अपनाता है, जिसमें किसी भी विशेष धर्म के प्रति झुकाव या पूर्वाग्रह न हो।

जब हम ‘सेकुलर’ शब्द का उपयोग करते हैं, तो इसका तात्पर्य होता है एक ऐसा समाज या दृष्टिकोण जो धर्मनिरपेक्ष हो और सभी धार्मिक समूहों के प्रति समान सम्मान और अधिकार सुनिश्चित करता हो। इस प्रकार, ‘सेकुलर’ का अर्थ केवल धार्मिक तटस्थता तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सामाजिक और नैतिक समानता की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है।

Modi Speech: सांप्रदायिक का मतलब क्या होता है?

‘Sampraikik’ शब्द का अर्थ होता है किसी समुदाय या समूह से संबंधित होना। यह शब्द समाज के भीतर विशेष धार्मिक या जातीय समूहों के प्रति विशेष ध्यान देने और उनकी पहचान को महत्व देने की ओर इशारा करता है। सांप्रदायिकता, इस संदर्भ में, एक सामाजिक और राजनीतिक विचारधारा होती है जो धार्मिक या जातीय पहचान को प्रमुखता देती है।

Modi Speech: सांप्रदायिकता समाज में अक्सर अन्य समूहों के प्रति भेदभाव या शत्रुता की भावना को जन्म देती है। जब किसी विशेष समुदाय की पहचान और अधिकारों को विशेष महत्व दिया जाता है, तो यह समाज में विभाजन और तनाव को बढ़ावा दे सकता है। इस दृष्टिकोण के कारण विभिन्न समूहों के बीच मतभेद और संघर्ष उत्पन्न हो सकते हैं, जो सामाजिक सद्भाव को प्रभावित कर सकते हैं।

Modi Speech: पीएम मोदी ने ‘सेकुलर’ और ‘सांप्रदायिक’ शब्दों का उल्लेख किया: समझें इनका वास्तविक अर्थ|

इस प्रकार, सांप्रदायिकता केवल एक विशेष समुदाय के लाभ के लिए काम करने की प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह समाज में असमानता और टकराव को भी जन्म देती है। इसके विपरीत, एक समावेशी और सहिष्णु समाज सभी धार्मिक और जातीय समूहों को समान सम्मान और अवसर प्रदान करता है।

Modi Speech: पीएम मोदी ने क्या कहा?

Modi Speech: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में कहा, “हमारे देश में सुप्रीम कोर्ट ने कई बार यूनिफॉर्म सिविल कोड के मुद्दे पर चर्चा की है और इसके संबंध में कई आदेश भी जारी किए हैं। हालांकि, देश के एक बड़े हिस्से का मानना है कि मौजूदा सिविल कोड सांप्रदायिक है। यह सच है कि जो सिविल कोड आज हमारे पास है, वह एक प्रकार का ‘कम्युनल’ सिविल कोड है और इसमें भेदभाव की प्रवृत्ति देखी जा सकती है।”

Modi Speech: उन्होंने आगे बताया, “आज जब हम संविधान के 75 वर्षों का उत्सव मना रहे हैं, तो यह जरूरी है कि हम संविधान की मूल भावना को समझें। सुप्रीम कोर्ट भी हमें इसी दिशा में मार्गदर्शन दे रहा है। सिविल कोड को लेकर उठाए गए मुद्दों और उनकी संवैधानिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए, हमें एक ऐसे सिविल कोड की दिशा में काम करना चाहिए जो सभी धर्मों और समुदायों के लिए समान और न्यायसंगत हो। यह संविधान की भावना को सही मायने में व्यक्त करने का सही समय है।”

Modi Speech: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने बयान में कहा, “संविधान निर्माताओं का जो सपना था, उसे पूरा करना हमारी जिम्मेदारी है। मुझे विश्वास है कि इस गंभीर मुद्दे पर खुली चर्चा होनी चाहिए और हर व्यक्ति को अपने विचार व्यक्त करने का अवसर मिलना चाहिए। धर्म के आधार पर विभाजित करने वाले कानूनों की समाज में कोई जगह नहीं हो सकती।”

Modi Speech: उन्होंने आगे जोड़ा, “अब समय आ गया है कि देश में एक सेक्युलर सिविल कोड लागू किया जाए। हमने पिछले 75 वर्षों में कम्युनल सिविल कोड के तहत जीवन बिताया है। अब हमें सेक्युलर सिविल कोड की दिशा में कदम बढ़ाना होगा। इससे हमें धर्म के आधार पर होने वाले भेदभाव से निजात मिलेगी और सभी नागरिकों को समान अधिकार और अवसर मिलेंगे।”

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि यह बदलाव संविधान की भावना के अनुरूप होगा और समाज को एक नई दिशा प्रदान करेगा, जिससे समाज में एकता और समानता को बढ़ावा मिलेगा।

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