Site icon Daily Print News

Manish Sisodia News: मनीष सिसोदिया को शराब नीति केस में जमानत, 16 महीने बाद जेल से होगी रिहाई|

Manish Sisodia News: दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 में कथित अनियमितताओं के आरोप में मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी, 2023 को सीबीआई ने किया था गिरफ्तार|

Manish Sisodia News: मनीष सिसोदिया को शराब नीति केस में जमानत, 16 महीने बाद जेल से होगी रिहाई|

Manish Sisodia News: मनीष सिसोदिया को दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 में कथित अनियमितताओं के आरोप में 26 फरवरी, 2023 को सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किया गया था। इस नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार के कारण नीति को बाद में रद्द कर दिया गया। 9 अगस्त 2024 को, सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया को इस मामले में जमानत प्रदान की। न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति के. वी. विश्वनाथन की पीठ ने यह फैसला सुनाया, जिसके बाद सिसोदिया को जेल से रिहा किया जाएगा।

Manish Sisodia News: इससे पहले, 6 अगस्त को अदालत ने सिसोदिया की जमानत याचिकाओं पर अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था। यह मामला दिल्ली के राजनीतिक परिदृश्य में बड़ा मुद्दा बना हुआ है, जहां सिसोदिया की गिरफ्तारी और उनकी जमानत पर व्यापक चर्चा हो रही है। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला सिसोदिया के लिए एक बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है, और उनके समर्थकों के बीच उत्साह का माहौल है।

Manish Sisodia News: जांच एसेंसी को बताया देरी के लिए जिम्मेदार

सुनवाई के दौरान, मनीष सिसोदिया के वकील ने अदालत के समक्ष तर्क दिया कि अक्टूबर में उन्हें आश्वासन दिया गया था कि मुकदमा 6-8 महीने में पूरा हो सकता है। वकील ने यह भी कहा कि अगर मुकदमा तय समय में पूरा नहीं हुआ, तो आरोपी को फिर से जमानत की मांग करने का अधिकार होगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सिसोदिया लंबे समय से जेल में हैं और ऐसे में PMLA के सेक्शन 45 के तहत जमानत की सख्त शर्तों में रियायत दी जानी चाहिए।

दूसरी ओर, जांच एजेंसी ने तर्क दिया कि मुकदमे में हो रही देरी के लिए खुद आरोपी ही जिम्मेदार हैं। जांच एजेंसी ने कहा कि आरोपी ने अदालत की प्रक्रिया को लंबा खींचने के लिए विभिन्न कानूनी हथकंडे अपनाए हैं, जिससे मुकदमे में देरी हो रही है। इस विवादित मुद्दे पर अदालत का निर्णय सिसोदिया के भविष्य और मुकदमे की दिशा के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

Manish Sisodia News: ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने अदालत में तर्क दिया कि आरोपी द्वारा गैरजरूरी दस्तावेजों की मांग की जा रही है, जिससे मुकदमे की प्रक्रिया में अनावश्यक विलंब हो रहा है। ईडी के अनुसार, आरोपी ने सैकड़ों आवेदन दाखिल किए हैं, लेकिन इनमें से कोई भी ऐसा रिकॉर्ड नहीं प्रस्तुत करता जो मुकदमे के लिए आवश्यक हो। एजेंसी ने कहा कि निचली अदालत और हाई कोर्ट ने मुकदमे में देरी के लिए आरोपी को जिम्मेदार ठहराया है, लेकिन वे इस निष्कर्ष से सहमत नहीं हैं।

Manish Sisodia News: ईडी ने स्पष्ट किया कि सीबीआई और ईडी द्वारा दाखिल मामलों में बहुत अधिक आवेदन नहीं दिए गए हैं, जिससे यह साबित होता है कि मुकदमे में देरी के लिए आरोपी को दोषी ठहराना उचित नहीं है। ईडी का यह बयान अदालत की कार्यवाही को तेज करने और आरोपी द्वारा उठाए गए मुद्दों को निरस्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अदालत का फैसला इस तर्क पर आधारित होगा कि मुकदमे की देरी में असल दोषी कौन है और इससे मुकदमे की दिशा और आरोपी की स्थिति पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा।

‘आरोपी को दस्तावेज देखने का अधिकार है’

Manish Sisodia News: मनीष सिसोदिया के वकील ने अदालत में तर्क दिया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 3 जुलाई तक अपनी जांच पूरी करने की बात कही थी, लेकिन यह समय सीमा अक्टूबर 2023 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित 6-8 महीने के दायरे से बाहर है। उन्होंने कहा कि इस देरी के कारण निचली अदालत में मुकदमा शुरू हो पाना संभव नहीं था। वकील ने जोर देते हुए कहा कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता एक मौलिक अधिकार है, जिसे बिना उचित कारण के बाधित नहीं किया जा सकता।

Manish Sisodia News: वकील ने अदालत को यह भी याद दिलाया कि सिसोदिया लंबे समय से हिरासत में हैं और बिना मुकदमे की सुनवाई के उन्हें इस तरह हिरासत में रखना उनके मौलिक अधिकारों का हनन है। उन्होंने अदालत से आग्रह किया कि देरी के चलते सिसोदिया को जमानत दी जानी चाहिए, ताकि वे अपनी स्वतंत्रता का उपभोग कर सकें और मुकदमे के लिए तैयार हो सकें। अदालत के समक्ष प्रस्तुत इस तर्क ने व्यक्तिगत स्वतंत्रता और न्यायिक प्रक्रिया के समय पर निष्पादन के बीच संतुलन की आवश्यकता पर जोर दिया।

डेढ़ साल से जेल में बंद हैं मनीष सिसोदिया

Manish Sisodia News: सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी 2023 को दिल्ली की आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं के आरोप में गिरफ्तार किया था। इस मामले में, बाद में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी कार्रवाई की और 9 मार्च 2023 को सीबीआई की प्राथमिकी से जुड़े धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) के मामले में सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया। इन गंभीर आरोपों के चलते, सिसोदिया ने 28 फरवरी 2023 को दिल्ली मंत्रिमंडल से अपने पद से इस्तीफा दे दिया।

Manish Sisodia News: इस पूरे घटनाक्रम ने दिल्ली की राजनीति में हलचल मचा दी, क्योंकि सिसोदिया दिल्ली सरकार में एक प्रमुख मंत्री थे और उनकी गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा। उनकी गिरफ्तारी ने न केवल राजनीतिक गलियारों में चर्चा बटोरी, बल्कि दिल्ली की आबकारी नीति के निर्माण और इसके कार्यान्वयन से जुड़े कई सवाल भी खड़े किए। ईडी और सीबीआई की जांच ने इस मामले को और जटिल बना दिया, जिससे सिसोदिया के राजनीतिक करियर पर बड़ा असर पड़ा।

मनीष सिसोदिया को मिली सुप्रीम जमानत,

Manish Sisodia News: दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट द्वारा जमानत मिलने के बाद, इस पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने सिसोदिया को मिली जमानत पर खुशी जाहिर करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “मनीष जी की बेल से बहुत खुशी है। उम्मीद है अब वो नेतृत्व लेकर सरकार को सही दिशा में ले जाएंगे।” मालीवाल की इस प्रतिक्रिया के कई अर्थ निकाले जा रहे हैं, खासकर राजनीतिक और प्रशासनिक दृष्टिकोण से।

दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी के नेता दुष्यंत गौतम ने सिसोदिया की जमानत पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जमानत मिलने का मतलब बरी होना नहीं है। उन्होंने कहा, “कोर्ट ने जमानत दी है, बरी नहीं किया है। वे अभी भी दोषी हैं। ज़रूरत से ज़्यादा उत्साहित होने की कोई आवश्यकता नहीं है। जमानत शर्तों के आधार पर दी गई है, जिनका पालन करना होगा और आगे देखना होगा कि क्या होता है। कोर्ट को गुमराह करने की आवश्यकता नहीं है। मामले वैसे ही बने हुए हैं। लोकतंत्र में सभी को सोचने और विचारने का अवसर मिलता है।”

Manish Sisodia News: सिसोदिया की जमानत ने राजनीतिक गलियारों में बहस को और अधिक तेज कर दिया है, जहां समर्थक इसे न्याय की जीत मानते हैं, जबकि विरोधी इसे एक अस्थायी राहत के रूप में देख रहे हैं।

सिसोदिया के वकील ने क्या कहा? 

Manish Sisodia News: आबकारी नीति अनियमितताओं के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया को जमानत दिए जाने पर उनके वकील ऋषिकेश कुमार ने प्रतिक्रिया दी है। वकील ने कहा, “कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि आपके पास ठोस सबूत हैं, तो छेड़छाड़ का मामला नहीं बनता। अगर किसी को इतने लंबे समय तक जेल में रखा जाए, तो यह जमानत के सिद्धांतों के खिलाफ होता है। चाहे मामला ईडी से संबंधित हो या धारा 45 का, जमानत के मूल सिद्धांत वहीं लागू होते हैं।”

उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया के 17 महीने की जेल की अवधि को ध्यान में रखते हुए ईडी की सभी दलीलों को खारिज कर दिया। कोर्ट ने यह भी माना कि ईडी द्वारा प्रस्तुत बयान के अनुसार ट्रायल 6-8 महीने में खत्म हो जाएगा, ऐसा लगता नहीं है कि यह समयसीमा पूरी होगी।

Manish Sisodia News: ऋषिकेश कुमार ने जोर देते हुए कहा कि जमानत देने का निर्णय न्यायिक प्रक्रिया की स्वीकृति और मानवाधिकारों की रक्षा के सिद्धांतों के अनुरूप है। इस फैसले ने सिसोदिया के समर्थकों में राहत की भावना उत्पन्न की है, जबकि विरोधियों की चिंता बनी हुई है कि मामले की गहराई और न्याय की प्रक्रिया पर ध्यान देना होगा।

सेंसेक्स 1100 अंक की बढ़त के साथ खुला, निफ्टी 24300 को पार किया, बैंक और IT सेक्टर में तेजी से उत्साह बढ़ा|

52 साल में पहली बार हॉकी में टीम इंडिया का शानदार प्रदर्शन, ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रचा |

महिला सदस्यों की भागीदारी पर विवाद; वक्फ बिल को लेकर मुस्लिम संगठनों में नाराजगी, जानें प्रतिक्रियाएं|

नीरज चोपड़ा की विजय पर CM नायब सिंह सैनी की महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया |

Exit mobile version
Skip to toolbar