Daily Print News

Hindenburg Report News: रिपोर्ट से फिर मचा सियासी घमासान! TMC की महुआ मोइत्रा ने PM मोदी को लेकर SEBI से पूछे 13 तीखे सवाल |

Hindenburg Report News: जनवरी 2023 में शुरू हुआ विवाद; हिंडनबर्ग रिसर्च ने गौतम अडानी पर ऑफशोर फंड से स्टॉक कीमतों में हेरफेर का आरोप लगाया |

Hindenburg Report News: रिपोर्ट से फिर मचा सियासी घमासान!
Hindenburg Report News: रिपोर्ट से फिर मचा सियासी घमासान!

Hindenburg Report News: हिंडनबर्ग रिसर्च की ताज़ा रिपोर्ट ने भारत में एक बार फिर राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। इस रिपोर्ट में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के प्रमुख पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इस विवाद के बीच, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद महुआ मोइत्रा ने एक बार फिर अडानी समूह को लेकर सवाल उठाए हैं।

Hindenburg Report News: 11 अगस्त को, महुआ मोइत्रा ने सोशल मीडिया पर अडानी समूह के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए सेबी से कई तीखे सवाल पूछे। उनके सवालों का केंद्र मुख्य रूप से अडानी समूह पर लगे आरोपों और सेबी की भूमिका पर रहा। मोइत्रा पहले भी अडानी समूह और सरकार के बीच संबंधों को लेकर मुखर रही हैं।

Hindenburg Report News: इस घटनाक्रम के साथ ही मोइत्रा का नाम ‘कैश फॉर क्वेश्चन’ मामले में सामने आया है, जिसमें कथित तौर पर उनकी संलिप्तता की जांच सीबीआई और ईडी द्वारा की जा रही है। इसके बावजूद, मोइत्रा ने अपने रुख में कोई कमी नहीं आने दी और अडानी समूह पर सवाल उठाना जारी रखा है, जिससे यह मामला और भी गरमाता जा रहा है।

Hindenburg Report News: पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से सांसद महुआ मोइत्रा ने हाल ही में अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर सेबी प्रमुख से 13 महत्वपूर्ण सवाल पूछे हैं। 49 वर्षीय मोइत्रा ने इन सवालों के माध्यम से सेबी प्रमुख के वित्तीय लेन-देन और निवेशों में पारदर्शिता की मांग की है, विशेषकर अडानी समूह के संदर्भ में।

Hindenburg Report News: मोइत्रा के सवालों ने सेबी प्रमुख के विभिन्न वित्तीय संबंधों पर प्रकाश डाला है। उन्होंने विनोद अडानी से जुड़े फंडों में निवेश, अगोरा पार्टनर्स के साथ संबंधों, और सेबी के पूर्णकालिक सदस्य के रूप में कार्य करने के दौरान संभावित हितों के टकराव को लेकर सवाल उठाए हैं।

Hindenburg Report News: इन सवालों के जरिए मोइत्रा ने इस बात पर जोर दिया है कि सेबी प्रमुख के वित्तीय लेन-देन और निवेशों की पूरी जांच होनी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कहीं कोई हितों का टकराव तो नहीं है। उनका मानना है कि यह पारदर्शिता आवश्यक है ताकि निवेशकों का विश्वास बरकरार रहे और भारतीय बाजार में निष्पक्षता बनी रहे।

Hindenburg Report News: महुआ मोइत्रा ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक तीखा हमला करते हुए पूछा कि क्या कैबिनेट कमेटी के लिए नियुक्त की गई माधबी पुरी-बुच ने अपनी अपतटीय संपत्तियों का खुलासा किया था। मोइत्रा ने विशेष रूप से प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को निशाने पर लिया, और पूछा कि क्या पुरी-बुच ने अपनी अपतटीय फंड के स्वामित्व के बारे में जानकारी दी थी।

Hindenburg Report News: उन्होंने इसके साथ ही केंद्रीय सतर्कता आयोग से अनुरोध किया कि इस बात की पुष्टि की जाए कि क्या यह जानकारी इनकी आईबी रिपोर्ट में मौजूद थी। मोइत्रा के आरोप और सवाल इस ओर इशारा करते हैं कि वह सरकार की पारदर्शिता और जवाबदेही पर सवाल उठा रही हैं। उनका यह भी कहना है कि ऐसे खुलासे से यह सुनिश्चित किया जा सके कि सार्वजनिक कार्यालयों में नियुक्त लोग किसी भी प्रकार के स्वार्थी हितों से मुक्त हैं। इस मुद्दे ने एक बार फिर सरकार की कार्यशैली और पारदर्शिता पर सवाल खड़ा कर दिया है।

Hindenburg Report News: महुआ मोइत्रा के सेबी से 13 सवाल

1. क्या आपने 2015 में IPEplus Fund 1 में निवेश किया था, जो ग्लोबल डेवलपमेंट ऑपर्च्युनिटीज फंड का हिस्सा था, जो विनोद अडानी के इस्तेमाल किए जाने वाले ग्लोबल ऑपर्च्युनिटीज फंड का हिस्सा है?

2. इस फंड में आपकी हिस्सेदारी कब खत्म हुई?

3. क्या अडानी एंटरप्राइजेज/अडानी पावर के पूर्व निदेशक अनिल आहूजा इस फंड का हिस्सा थे?

4. जब आप सेबी के पूर्णकालिक सदस्य थे, तब क्या आपने सेबी को अपने स्वामित्व की हिस्सेदारी का खुलासा किया था?

5. जब आप सेबी के पूर्णकालिक निदेशक थे, तो क्या आपके पास सिंगापुर में अगोरा पार्टनर्स या भारत में अगोरा पार्टनर्स में कभी शेयरहोल्डिंग थी?

6. क्या आपने इस शेयरहोल्डिंग और प्राप्त आय और राजस्व का खुलासा किया?

7. किन संस्थाओं ने अगोरा को कारोबार दिया?

8. क्या आपने 2022 में अगोरा में अपनी हिस्सेदारी अपने पति को बेची/हस्तांतरित की?

9. कौन सी संस्थाएं अगोरा सिंगापुर या अगोरा इंडिया को कारोबार देना जारी रखती हैं?

10. क्या आपने सेबी को बताया है कि आपके पति ब्लैकस्टोन में शामिल हो गए हैं जो REIT इकोसिस्टम के सबसे बड़े हितधारकों में से एक है?

11. आपने व्यक्तिगत रूप से या समूह के रूप में अडानी समूह या ब्लैकस्टोन या ऐसे संगठनों के लोगों के साथ कितनी सीधी बैठकें कीं, जिनमें अडानी या ब्लैकस्टोन भागीदार हैं?

12. सुप्रीम कोर्ट को यह बताने से पहले कि सेबी ने “कोई जवाब नहीं दिया”, क्या आपने समिति/सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि जिन फंडों की जाँच करने का काम आपको सौंपा गया था, वे वास्तव में उसी संस्था का हिस्सा थे जिसमें आपने निवेश किया था?

13. क्या आपने खुद को जांच से अलग कर लिया?

Hindenburg Report News: महुआ मोइत्रा ने अपने बयान में तीखी आलोचना करते हुए कहा कि एक समझौता करने वाले नियामक का बचाव करना न तो राष्ट्रीय हित में है और न ही इससे कोई राष्ट्रीय गौरव जुड़ा है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि ऐसे नियामक को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए, जो अपनी जिम्मेदारियों में विफल रहा हो।

Hindenburg Report News: उन्होंने आगे भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें अपने जीवन पर ध्यान देना चाहिए और उन सरकारी आदेशों का पालन बंद कर देना चाहिए, जो उन्हें समस्याओं में डाल सकते हैं। मोइत्रा का यह बयान सरकार की नीतियों और उसके द्वारा नियुक्त किए गए अधिकारियों की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। उनका मानना है कि किसी भी समझौता करने वाली स्थिति में नैतिकता और पारदर्शिता की प्राथमिकता होनी चाहिए, और जो लोग अपने कर्तव्यों का सही तरीके से पालन नहीं कर सकते, उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

Hindenburg Report News: यह बयान न केवल सरकारी संस्थानों की जिम्मेदारियों पर सवाल उठाता है, बल्कि आम नागरिकों को भी यह संदेश देता है कि वे अपनी स्वतंत्र सोच और विवेक से काम लें, और आंख बंद करके किसी के निर्देशों का पालन न करें।

इससे भी पढ़े :-

RG Kar Hospital के पुराने MSVP को हटाया गया, केरल तक फैली आंच; चिकित्सकों ने किया महत्वपूर्ण घोषणा |

धवल बुच पर लगाए गए आरोप असत्य, ब्लैकस्टोन जल्द दे सकती है प्रतिक्रिया |

अयोध्या के साधु-संतों ने बांग्लादेश हिंसा पर किया महाभीषण युद्ध का ऐलान |

CAS ने सिल्वर मेडल पर किया सवाल, विनेश को सौंपे ये 3 अहम प्रश्न |

हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर बीजेपी की पहली प्रतिक्रिया, कहा- कुछ लोग देश की आर्थिक…

अडानी का रिएक्शन; हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट और सेबी चीफ से कमर्शियल संबंधों पर सफाई |

सेबी प्रमुख बुच और अदाणी घोटाले के ऑफशोर फंड का कनेक्शन

मरीज को 65 लाख का मुआवजा; एनसीडीआरसी का न्यायिक निर्णय चिकित्सा लापरवाही पर कड़ा संदेश।

Exit mobile version
Skip to toolbar