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National Budget : पहली नौकरी पाने वालों को 15,000, 1 करोड़ घर, टैक्स में छूट: जानिए निर्मला के बजट की खास बातें |

National Budget: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया 2024-25 का 48 लाख करोड़ का Budget;मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में किसे-क्या मिला?

National Budget : पहली नौकरी पाने वालों को 15,000, 1 करोड़ घर, टैक्स में छूट
National Budget : पहली नौकरी पाने वालों को 15,000, 1 करोड़ घर, टैक्स में छूट

National Budget : मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला Budget प्रस्तुत किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को 2024-25 के लिए Budget पेश किया। Budget की शुरुआत करते हुए उन्होंने कहा कि जनता ने मोदी सरकार पर भरोसा जताया है। इस Budget में बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष ध्यान दिया गया है। बिहार के लिए 40 हजार करोड़ रुपये और आंध्र प्रदेश के लिए 15 हजार करोड़ रुपये से अधिक की योजनाओं की घोषणा की गई है।

National Budget : इस Budget में नौकरियों और स्किल डेवलपमेंट पर भी जोर दिया गया है। सरकार ने कंपनियों को इंसेंटिव देने की घोषणा की है ताकि वे अधिक नौकरियां सृजित कर सकें। इसके अलावा, एक करोड़ गरीब परिवारों को घर देने का वादा किया गया है। इनकम टैक्स को लेकर भी महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं। नई टैक्स रिजीम में बदलाव किया गया है, जबकि पुरानी टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं हुआ है।

National Budget : यह Budget विभिन्न क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से तैयार किया गया है और रोजगार के अवसरों को बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया गया है। निर्मला सीतारमण ने अपने Budget भाषण में बताया कि इस Budget के माध्यम से सरकार का उद्देश्य देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और लोगों की जीवनस्तर को बेहतर बनाना है।

National Budget : कुल मिलाकर, इस Budget में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं जो देश के विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों के विकास में सहायक सिद्ध होंगी।अब जब Budget पेश हो गया है और पूरा साल इसका असर पड़ने वाला है तो जानते हैं कि तीसरी बार सत्ता में आई मोदी सरकार के पहले Budget से किसको-क्या मिला?

National Budget : किसे क्या मिला?

 किसानः इस Budget में प्राकृतिक खेती पर विशेष जोर दिया गया है। अगले दो वर्षों में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने में सहायता प्रदान की जाएगी। इसके तहत 32 फसलों की 109 नई किस्में पेश की जाएंगी। फसलों का डिजिटल सर्वेक्षण भी किया जाएगा, जिससे कृषि में नवीनतम तकनीकों का उपयोग बढ़ेगा।

इसके अतिरिक्त, छह करोड़ किसानों और उनकी जमीनों को रजिस्ट्री में दर्ज किया जाएगा, जिससे भूमि स्वामित्व से संबंधित समस्याओं का समाधान होगा। कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों के लिए 2024-25 में 1.52 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। इस धनराशि का उपयोग कृषि विकास, सिंचाई सुविधाओं, और किसानों की आय में वृद्धि के लिए किया जाएगा।

National Budget : यह Budget प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने और किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार की इस पहल से न केवल कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी, बल्कि किसानों की आय में भी सुधार होगा। यह कदम देश की खाद्य सुरक्षा को भी मजबूती प्रदान करेगा और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा।

नौकरियांः सरकार ने रोजगार को बढ़ावा देने के लिए तीन नई योजनाएं शुरू की हैं। पहली योजना के तहत, जिन युवाओं की पहली नौकरी में वेतन 1 लाख रुपये से कम है और जो पहली बार ईपीएफओ में पंजीकृत हो रहे हैं, उन्हें 15 हजार रुपये की मदद मिलेगी। इस योजना से 2.10 करोड़ युवाओं को लाभ होगा।

दूसरी योजना के अंतर्गत, सरकार रोजगार देने वाले नियोक्ताओं को इंसेंटिव प्रदान करेगी। जो नियोक्ता 1 लाख रुपये से कम वेतन वाले कर्मचारियों को नौकरी देंगे, उन्हें सरकार ईपीएफओ अंशदान में हर महीने 3 हजार रुपये की सहायता देगी।

ये योजनाएं युवाओं को रोजगार दिलाने और नियोक्ताओं को प्रोत्साहित करने के लिए बनाई गई हैं, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और आर्थिक स्थिति में सुधार होगा|

शिक्षाः मॉडल स्किल लोन योजना में संशोधन किया जाएगा, जिससे अब 7.5 लाख रुपये तक का लोन प्राप्त किया जा सकेगा। इसके साथ ही, देशभर में उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख रुपये तक का लोन मिलेगा। इस लोन पर 3% ब्याज की राशि सरकार वहन करेगी।

National Budget : इसके लिए ई-वाउचर्स जारी किए जाएंगे, जो हर साल एक लाख छात्रों को प्रदान किए जाएंगे। इस योजना का उद्देश्य छात्रों को उच्च शिक्षा और कौशल विकास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है, जिससे वे अपने करियर को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकें। यह पहल शिक्षा और कौशल विकास को बढ़ावा देने के साथ-साथ युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

National Budget : पहली नौकरी पाने वालों को 15,000, 1 करोड़ घर, टैक्स में छूट
National Budget : पहली नौकरी पाने वालों को 15,000, 1 करोड़ घर, टैक्स में छूट

महिलाएंः महिलाओं और बालिकाओं के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाओं के लिए 3 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। वर्किंग वुमन हॉस्टल स्थापित किए जाएंगे, जिससे कामकाजी महिलाओं को सुरक्षित और सुविधाजनक आवास प्राप्त हो सकेगा। इसके अलावा, क्रेच सुविधाओं की भी व्यवस्था की जाएगी ताकि कामकाजी महिलाओं को अपने बच्चों की देखभाल की चिंता न हो।

National Budget : इन पहलों का उद्देश्य कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाना और उनके कार्यस्थल पर संतुलन बनाए रखना है। यह कदम महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उनके पेशेवर जीवन को सुगम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। सरकार की ये योजनाएं महिलाओं के जीवन स्तर में सुधार लाने और समाज में उनकी भागीदारी को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास हैं।

बिहारः पटना-पूर्णिया और बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे के विकास के लिए 26 हजार करोड़ रुपये की योजना बनाई गई है। बक्सर में गंगा नदी पर 2 लेन वाला नया पुल का निर्माण होगा, जिससे यातायात सुगम होगा। इसके साथ ही, 21,400 करोड़ रुपये की लागत से विद्युत परियोजनाओं की शुरुआत की जाएगी, जो ऊर्जा क्षेत्र में सुधार लाएगी। बाढ़ से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए 11,500 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, नए एयरपोर्ट, चिकित्सा सुविधाएं और खेल परियोजनाओं का भी विकास किया जाएगा, जो क्षेत्र की आधारभूत संरचना और सार्वजनिक सेवाओं में सुधार करेंगे।

आंध्र प्रदेशः 15,000 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज प्रदान किया जाएगा। पोलावरम सिंचाई परियोजना को शीघ्र पूरा करने की योजना बनाई गई है। विशाखापट्टनम-चेन्नई इकोनॉमिक कॉरिडोर में कोप्पाथी क्षेत्र और हैदराबाद-बेंगलुरू इकोनॉमिक कॉरिडोर में ओरवाकल क्षेत्र के लिए पानी, बिजली, रेलवे, और सड़कों हेतु आवश्यक फंड उपलब्ध कराए जाएंगे। इन क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को सशक्त बनाने के लिए केंद्र सरकार ने ये अहम कदम उठाया है।

National Budget : इस पैकेज का उद्देश्य आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना और रोजगार के नए अवसर सृजित करना है। इससे न केवल इन क्षेत्रों की कनेक्टिविटी बेहतर होगी, बल्कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच की दूरी भी कम होगी। इन परियोजनाओं के पूरा होने से किसानों को पर्याप्त सिंचाई सुविधा मिलेगी, जिससे उनकी कृषि उत्पादकता में वृद्धि होगी और समग्र आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।

उद्योगः मुद्रा योजना के तहत लोन की अधिकतम सीमा को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया गया है, जिससे छोटे व्यवसायियों को अतिरिक्त वित्तीय सहायता मिलेगी। इसके अलावा, ट्रेड्स प्लेटफॉर्म में शामिल होने के लिए व्यापार की सीमा को 500 करोड़ रुपये से घटाकर 250 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जिससे अधिक कंपनियां इस मंच पर शामिल हो सकेंगी।

National Budget : MSME सेक्टर को 50 मल्टी-प्रोडक्ट फूड इरेडिएशन यूनिट स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। साथ ही, MSME अपने उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में बेचान कर सकें, इसके लिए PPP मोड में ई-कॉमर्स एक्सपोर्ट हब बनाए जाएंगे।

इन्फ्रास्ट्रक्चरः अमृतसर-कोलकाता इकोनॉमिक कॉरिडोर पर गया में एक औद्योगिक केंद्र का विकास किया जाएगा। पीएम ग्राम सड़क योजना का चौथा चरण शुरू होगा, जिसके अंतर्गत 25,000 ग्रामीण बसावटों में सड़कों का निर्माण किया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाना और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है। इसके लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर पर 11,11,111 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

National Budget : इस विशाल निवेश से न केवल परिवहन सुविधाओं में सुधार होगा, बल्कि औद्योगिक और कृषि क्षेत्र में भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। बेहतर सड़कों और कनेक्टिविटी से ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की गति तेज होगी, जिससे लोगों को रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे और समग्र आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा मिलेगा। इन प्रयासों से देश के बुनियादी ढांचे में मजबूती आएगी और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।

National Budget : पहली नौकरी पाने वालों को 15,000, 1 करोड़ घर, टैक्स में छूट
National Budget : पहली नौकरी पाने वालों को 15,000, 1 करोड़ घर, टैक्स में छूट

युवाः अगले पांच वर्षों में शीर्ष 500 कंपनियों में 1 करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप का अवसर प्रदान किया जाएगा। प्रधानमंत्री पैकेज के तहत, इन युवाओं को 12 महीने की इंटर्नशिप के दौरान हर महीने 5 हजार रुपये का भत्ता दिया जाएगा। इसके अलावा, 6 हजार रुपये की एकमुश्त सहायता भी प्रदान की जाएगी। इस पहल का उद्देश्य युवाओं को व्यावसायिक अनुभव प्रदान करना और उन्हें उद्योग के आवश्यक कौशल सिखाना है।

National Budget : इंटर्नशिप कार्यक्रम के माध्यम से, युवाओं को वास्तविक कार्य वातावरण में काम करने का मौका मिलेगा, जिससे उनकी रोजगार क्षमता में वृद्धि होगी। इस योजना से न केवल युवाओं को लाभ होगा, बल्कि कंपनियों को भी नई प्रतिभाओं को पहचानने और उन्हें प्रशिक्षित करने का अवसर मिलेगा। यह कदम देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

अपना घरः पीएम आवास योजना-अर्बन 2.0 के तहत 1 करोड़ गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को घर प्रदान किए जाएंगे। इस योजना के लिए 10 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। किफायती दरों पर लोन उपलब्ध कराने के लिए ब्याज सब्सिडी भी शुरू की जाएगी। इस पहल का उद्देश्य सभी के लिए आवास सुनिश्चित करना और जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना है। इसके माध्यम से परिवारों को सुरक्षित और स्थायी आवास मिलेगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिरता में वृद्धि होगी और समाज में समग्र विकास को बढ़ावा मिलेगा।

पर्यटनः गया के विष्णुपद मंदिर और बोधगया के महाबोधि मंदिर को विश्वस्तरीय तीर्थ स्थल के रूप में विकसित करने के लिए सहायता प्रदान की जाएगी। नालंदा को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा, जिससे उसकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा मिलेगा। ओडिशा को प्रमुख पर्यटन स्थल बनाने के लिए भी सहायता प्रदान की जाएगी। इन प्रयासों से न केवल धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों का विकास होगा, बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।

हेल्थः कैंसर की तीन नई दवाओं को कस्टम ड्यूटी से मुक्त कर दिया गया है, जिससे इन दवाओं की कीमतें कम होंगी। इसके अलावा, एक्स-रे मशीनों के निर्माण में उपयोग होने वाली एक्स-रे ट्यूब और फ्लैट पैनल डिटेक्टरों पर भी कस्टम ड्यूटी कम कर दी गई है। इन उपायों से चिकित्सा उपकरण और दवाएं सस्ती होंगी, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं अधिक किफायती बनेंगी। सरकार का यह कदम रोगियों के इलाज को सुलभ बनाने और स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार लाने की दिशा में महत्वपूर्ण है।

 इलेक्ट्रॉनिक्सः सरकार ने मोबाइल फोन और मोबाइल चार्जर पर लगने वाली बेसिक कस्टम ड्यूटी को घटाकर 15% कर दिया है, जिससे इनके आयात की लागत कम हो जाएगी। हालांकि, कुछ दूरसंचार उपकरणों का आयात महंगा हो जाएगा, क्योंकि उन पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाई गई है। इस कदम का उद्देश्य घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहित करना और आयात पर निर्भरता कम करना है। मोबाइल फोन और चार्जर की कीमतों में कमी का फायदा उपभोक्ताओं को मिलेगा, जबकि दूरसंचार उपकरणों की बढ़ती कीमतों से आयातकों को प्रभावित किया जा सकता है।

 इनकम टैक्सः नई टैक्स व्यवस्था में 3 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं लगेगा। 3 से 7 लाख रुपये की आय पर 5%, 7 से 10 लाख पर 10%, 10 से 12 लाख पर 15%, और 12 से 15 लाख रुपये की आय पर 20% कर लगाया जाएगा। 15 लाख रुपये से अधिक की वार्षिक आय पर 30% कर देना होगा। इसके अलावा, स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा को 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 75 हजार रुपये कर दिया गया है। यह बदलाव करदाताओं को अधिक लाभ प्रदान करने के लिए किया गया है।

कॉर्पोरेट टैक्सः ई-कॉमर्स ऑपरेटरों पर टीडीएस की दर को 1% से कम करके 0.1% कर दिया गया है, जिससे उनके लिए कर बोझ में कमी आएगी। साथ ही, विदेशी कंपनियों पर कॉर्पोरेट टैक्स की दर को 40% से घटाकर 35% किया गया है। यह कदम विदेशी निवेश को आकर्षित करने और व्यापारिक माहौल को और अधिक अनुकूल बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है। टैक्स दरों में ये परिवर्तन न केवल कंपनियों के लिए वित्तीय राहत प्रदान करेंगे, बल्कि आर्थिक विकास को भी प्रोत्साहित करेंगे।

National Budget : पहली नौकरी पाने वालों को 15,000, 1 करोड़ घर, टैक्स में छूट
National Budget : पहली नौकरी पाने वालों को 15,000, 1 करोड़ घर, टैक्स में छूट

कितना खर्च करेगी सरकार?

National Budget : केंद्र सरकार 2024-25 में 48 लाख 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक का खर्च करेगी। इसमें से 11 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा केवल इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास पर खर्च किए जाएंगे। रक्षा मंत्रालय को 6.21 लाख करोड़ रुपये से अधिक का Budget मिलेगा, जिसमें से 1.72 लाख करोड़ रुपये हथियारों की खरीद पर खर्च होंगे। सरकार की सबसे बड़ी आय का स्रोत इनकम टैक्स और जीएसटी रहेगा, जिनसे क्रमशः 19% और 18% राजस्व प्राप्त होगा। खर्च को पूरा करने के लिए सरकार 27% पैसा उधार लेगी।

National Budget : सबसे ज्यादा 21% पैसा राज्यों को टैक्स के हिस्से के रूप में दिया जाएगा, जबकि 16% केंद्र की योजनाओं पर खर्च होगा। कर्ज पर ब्याज चुकाने में 19% रकम खर्च होगी। यह Budget देश के विकास को गति देने और विभिन्न क्षेत्रों में संतुलित निवेश सुनिश्चित करने का प्रयास करेगा। सरकार का उद्देश्य आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना और बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है, जिससे देश की दीर्घकालिक प्रगति सुनिश्चित हो सके। इस वित्तीय योजना के माध्यम से, सरकार न केवल आर्थिक स्थिरता बल्कि सुरक्षा और विकास के बीच संतुलन बनाए रखने का प्रयास कर रही है।

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