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National Budget 2024: बजट 2024 में बिहार को 61 हजार करोड़, 2025 के विधानसभा चुनाव में किसको होगा कितना लाभ?

National Budget 2024: बिहार के विकास के लिए 61,000 करोड़ रुपये आवंटित, विशेषज्ञों का कहना; “नीतीश कुमार को बीजेपी के समर्थन में रखने की रणनीति?”

National Budget 2024: Budget 2024 में बिहार को 61 हजार करोड़

National Budget 2024: बिहार को आगामी विकास परियोजनाओं के लिए 61,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। इस धनराशि का उपयोग सड़क निर्माण, एक्सप्रेसवे, पुल, एयरपोर्ट और पावर प्रोजेक्ट्स जैसे महत्वपूर्ण विकास कार्यों में किया जाएगा। इसके अलावा, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर गया और बोधगया में भी कॉरिडोर बनाने की योजना है। केंद्र सरकार की इस वित्तीय सहायता से बिहार में महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को सशक्त करने की उम्मीद है, और नीतीश कुमार इस निर्णय से संतुष्ट नजर आ रहे हैं।

हालांकि, कुछ विशेषज्ञ इस बड़ी राशि को लेकर संदेह भी जता रहे हैं। उनका कहना है कि यह आवंटन बीजेपी और नीतीश कुमार के बीच राजनीतिक समर्थन की एक चाल हो सकती है। उनका मानना है कि यह राशि नीतीश कुमार को बीजेपी के समर्थन में बनाए रखने के लिए एक रणनीतिक कदम हो सकता है। इस प्रकार, इस आवंटन को सिर्फ विकास के नजरिए से नहीं, बल्कि राजनीतिक संदर्भ में भी देखा जा रहा है।

National Budget 2024: नीतीश कुमार क्या इस बड़े वित्तीय समर्थन को लंबे समय तक खुशी से देख पाएंगे? क्या केंद्र द्वारा बिहार को दी गई रकम सिर्फ विकास के लिए है, या इसमें कोई राजनीतिक मकसद भी छिपा है? यह राशि नीतीश कुमार की मदद करने के साथ-साथ उनकी चुनौतियों को भी बढ़ा सकती है। इस भारी रकम के पीछे की सच्चाई क्या है, और इसका बिहार की राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ेगा, इसे इस खबर में विस्तार से जानें।

 

National Budget 2024: अक्सर यह माना जाता है कि बिहार को मिली बड़ी रकम से विकास की नदियां बहने लगेंगी और नीतीश कुमार केंद्र में बीजेपी को समर्थन देते रहेंगे। इसके चलते मोदी सरकार बिना बीजेपी के बहुमत के भी सुचारू रूप से चलती रहेगी, क्योंकि बिहार के लिए इतने बड़े पैकेज की घोषणा के बाद नीतीश कुमार के पलटने का सवाल ही नहीं उठता। लेकिन क्या यह सच है कि प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार ने बिहार को पैसे सिर्फ इसलिए दिए हैं ताकि नीतीश कुमार का समर्थन मिलता रहे?

National Budget 2024: इस सवाल का उत्तर हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक पुराने बयान में मिलता है। 20 अगस्त 2015 को प्रधानमंत्री मोदी ने आरा में बिहार के लिए सवा लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की थी। इस घोषणा ने बिहार की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ ला दिया था। इस पैकेज की घोषणा के पीछे की रणनीति और इसके राजनीतिक उद्देश्यों को समझना जरूरी है, ताकि बिहार में विकास के साथ-साथ राजनीतिक समीकरणों को भी सही तरीके से देखा जा सके।

National Budget 2024: ये वो पैसे थे जो बिहार की तकदीर बदल सकते थे, लेकिन अब 9 साल हो गए हैं और बिहार की स्थिति में कितनी बदलाव आया, यह बताने की जरूरत शायद ही किसी को है। तो सवाल यह उठता है कि क्या ये पैसे कम थे कि बिहार का विकास नहीं हुआ, या फिर बिहार को बदलने की नीयत ही नहीं थी? इस पर लंबी बहस हो सकती है, लेकिन हम सच में हुए बदलाव पर ध्यान देते हैं।

National Budget 2024: सच्चाई यह है कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के लिए पैकेज की घोषणा की और इसके बाद बिहार में विधानसभा चुनाव हुए, तो नीतीश कुमार की पार्टी, जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू), को 44 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा। यह परिणाम यह दर्शाता है कि बड़े पैकेज के बावजूद, राजनीतिक समीकरण और चुनावी रणनीतियाँ कितनी महत्वपूर्ण होती हैं। इस स्थिति ने यह स्पष्ट किया कि विकास के पैकेज और राजनीतिक प्रभावों के बीच एक जटिल संबंध होता है, और किसी भी राज्य के विकास की दिशा और गति कई अन्य कारकों पर निर्भर करती है।

National Budget 2024: यह चुनाव उस समय हुआ जब पहली बार नीतीश कुमार और लालू यादव ने मिलकर चुनाव लड़ा था, जबकि बीजेपी ने नीतीश कुमार के बिना चुनावी मैदान में उतरने का फैसला किया। इस चुनाव में सबसे ज्यादा फायदा लालू यादव और उनकी पार्टी को हुआ, जबकि नीतीश कुमार को नुकसान उठाना पड़ा। हालांकि, नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने और बने रहे, लेकिन उनकी पार्टी की सीटों में गिरावट के लिए बीजेपी और उसके पैकेज को जिम्मेदार ठहराया गया।

National Budget 2024: इसके बाद नीतीश कुमार ने राजनीतिक पाला बदलना शुरू किया। बीजेपी के साथ आना, फिर जाना, और फिर से बीजेपी के साथ आना उनकी रणनीति का हिस्सा बन गया। 2020 के विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा, लेकिन इस बार भी उन्हें और अधिक नुकसान हुआ। उनकी पार्टी की सीटें घटकर 43 रह गईं, और वह बिहार विधानसभा में तीसरे नंबर की पार्टी बन गई। वहीं, बीजेपी को 21 सीटों का लाभ हुआ और वह विधानसभा में दूसरे नंबर की पार्टी बन गई। यह स्थिति यह दर्शाती है कि नीतीश कुमार की राजनीतिक रणनीतियों और गठबंधनों का चुनावी परिणामों पर गहरा प्रभाव पड़ा।

National Budget 2024: Budget 2024 में बिहार को 61 हजार करोड़

National Budget 2024: नीतीश कुमार के लिए राजनीतिक परिदृश्य बदलता रहता है। पहले उन्होंने आरजेडी के साथ गठबंधन किया, लेकिन बाद में लोकसभा चुनाव से पहले फिर से बीजेपी का हाथ थाम लिया। इसका उन्हें फायदा भी हुआ, और बीजेपी के साथ गठबंधन ने केंद्र में उनकी अहमियत बढ़ाई। बीजेपी ने भी समर्थन के बदले में Budget में बिहार के लिए 61 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए।

National Budget 2024: अब बिहार विधानसभा चुनाव फिर से सामने है। बीजेपी ने घोषणा कर दी है कि मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार नीतीश कुमार ही होंगे। लेकिन अगर बीजेपी ने अपने Budget के इन पैसों को चुनावी मुद्दा बनाया, तो नीतीश कुमार के लिए कठिनाई हो सकती है। इस बार Budget के पैसों का श्रेय नीतीश कुमार को नहीं, बल्कि बीजेपी को जाएगा, जिससे चुनाव में बीजेपी को लाभ मिल सकता है।

इस स्थिति में, अगर बीजेपी को चुनाव में फायदा मिला, तो नीतीश कुमार के लिए चुनौती और भी बड़ी हो जाएगी। उन्हें अपने राजनीतिक अस्तित्व को बचाए रखने के लिए अधिक मेहनत करनी होगी, ताकि वे बिहार की जनता के बीच अपनी जगह बनाए रख सकें।

National Budget 2024: 2020 में 43 सीटें मिलने के बाद, बिहार बीजेपी के नेता नहीं चाहते थे कि नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बनें। नीतीश कुमार ने भी भारी मन से इनकार करने की कोशिश की, लेकिन बीजेपी के पास कोई अन्य सहयोगी नहीं था, इसलिए उन्हें नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाना पड़ा। अब, जब चुनाव के करीब डेढ़ साल पहले बीजेपी ने Budget के माध्यम से बिहार को एक तोहफा दिया है, और फरवरी 2025 के Budget में एक और तोहफा देने का मौका मिलने वाला है, तो बीजेपी इस अवसर को भुनाने की पूरी कोशिश करेगी।

इस परिस्थिति में, बिहार को मिले पैसों पर खुशी जाहिर करने वाले नीतीश कुमार कितने सहज रह पाएंगे, यह देखना दिलचस्प होगा। चुनावी समय में, बीजेपी इन Budget के पैसों का श्रेय लेकर अपनी स्थिति मजबूत कर सकती है, जिससे नीतीश कुमार के लिए चुनौती और भी बढ़ जाएगी।

National Budget 2024: यह देखने वाली बात होगी कि नीतीश कुमार इस स्थिति का सामना कैसे करते हैं और किस प्रकार अपनी राजनीतिक जमीन को बनाए रखते हैं। बीजेपी और जेडीयू के बीच का यह तालमेल और तनाव आगामी चुनावों में बिहार की राजनीति को किस दिशा में ले जाएगा, यह आने वाला समय ही बताएगा।

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