Mukhtar Ansari Death: सुप्रीम कोर्ट ने,अब्बास को दी मुख्तार के चालीसवें में शामिल होने की इजाजत ,इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी अब्बास की याचिका |वकील निजाम पाशा से कहा कि थोड़ी करुणा रखें, आरोपी ने अपने पिता को खोया है |
Mukhtar Ansari Death: अब्बास अंसारी को मुख्तार के 40वें में शामिल होने की इजाजत मिलने के बाद, एक भावनात्मक पल है जिसमें थोड़ी करुणा है। इसका मतलब है कि वह अपने पिता को खो चुके हैं। इस उत्कृष्ट समय में, इस उत्कृष्ट मायने को समझना जरूरी है, जिसमें उनके प्रेमी और समर्थक उन्हें उनके अपनों के खोने की आँसूओं की भावना करें। इस इजाजत का महत्व उनके लिए बहुत अधिक है, क्योंकि यह उन्हें उनके परिवार के साथ अपने दुख को साझा करने की अनुमति देता है, जो उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण है।
Mukhtar Ansari Death: सुप्रीम कोर्ट ने अब्बास अंसारी के वकील निजाम पाशा से कहा कि वे आगे से मुख्तार से जुड़े किसी भी अन्य संस्कार के बारे में पहले सूचित करें और अब अगली सुनवाई पर पेश हों। इससे यह साफ है कि न्यायिक प्रक्रिया को सुगम बनाए रखने के लिए न्यायिक संस्थान ने सुनिश्चित किया है कि हर तरह की जानकारी समय पर प्राप्त की जाए ताकि मामले की सही तरीके से गहराई से जांच की जा सके।
Mukhtar Ansari Death: जेल में बंद विधायक अब्बास अंसारी को उनके दिवंगत पिता मुख्तार अंसारी के चालीसवें में शामिल होने की इजाजत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उन्हें ऑनलाइन माध्यम से मुख्तार अंसारी के चालीसवें में शरीक होने की अनुमति दी। कोर्ट ने जेल प्रशासन और उत्तर प्रदेश सरकार से कहा है कि इसके लिए व्यवस्था की जाए।
Mukhtar Ansari Death: जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस के.वी. विश्वनाथन की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार और जेल अधिकारियों को इस मामले के लिए आवश्यक व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। पीठ ने कहा, ‘याचिकाकर्ता के वकील के साथ-साथ प्रतिवादी उत्तर प्रदेश राज्य के अतिरिक्त महाधिवक्ता के अनुरोध पर, इस मामले को आठ मई, 2024 को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करें।’ इसके अलावा, उन्होंने जेल प्रशासन और सरकार को उपेक्षा न करके सुनवाई के लिए सारी आवश्यक व्यवस्थाएं करने का भी सुनिश्चित किया।
सुप्रीम कोर्ट ने अब्बास को दी मुख्तार के चालीसवें में शामिल होने की इजाजत
Mukhtar Ansari Death: अदालत ने कहा, ‘इस बीच, एक अंतरिम राहत के तौर पर यह निर्देशित किया जाता है कि याचिकाकर्ता को अपने दिवंगत पिता के चालीसवें में ऑनलाइन माध्यम से शामिल होने की अनुमति दी जाएगी। इसके लिए राज्य सरकार/जेल अधिकारियों को तत्काल आवश्यक व्यवस्था करने का निर्देश दिया जाता है।’
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी अब्बास की याचिका
Mukhtar Ansari Death: 28 मार्च को मुख्तार अंसारी की मौत हो गई थी और 7 मई उसका चालीसवां था। यह पता चलने के बाद कि कल उसका चालीसवां था, कोर्ट ने राज्य सरकार और जेल प्रशासन से कहा कि अब्बास अंसारी के संस्कार में शामिल होने के लिए जेल के अंदर या बाहर से ऑनलाइन व्यवस्था की जाए और सुनवाई बुधवार के लिए पुननिर्धारित कर दी। पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अब्बास को चालीसवें में शामिल होने की इजाजत नहीं दी थी।
Mukhtar Ansari Death: अब्बास अंसारी पर लाइसेंस की धोखाधड़ी कर हथियार लेने और लखनऊ पुलिस को सूचित किए बगैर शस्त्र लाइसेंस को दिल्ली ट्रांसफर करने के आरोप हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि अगर अब्बास को चालीसवें में शामिल होने की इजाजत दी गई तो हो सकता है कि वह गवाहों को प्रभावित करे और सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश करे। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अब्बास को मुख्तार की याद में आयोजित फतीहा में शामिल होने की भी इजाजत दी थी।
थोड़ी करुणा रखें, यूपी सरकार के वकील से बोला सुप्रीम कोर्ट
Mukhtar Ansari Death:मंगलवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यूपी सरकारी की ओर से पेश हुईं एडिशनल एडवोकेट जनरल गरिमा प्रसाद से कहा कि मामले में थोड़ा नरमी रखें क्योंकि आरोपी ने अपने पिता को खोया है। कोर्ट ने अब्बास के वकील निजाम पाशा से भी कहा कि मुख्तार से जुड़े अन्य किसी संस्कार के लिए समय से अनुरोध करें और अगली सुनवाई पर पेश हों।
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निजाम पाशा ने कोर्ट को बताया कि मुख्तार अंसारी की मौत के बाद कुछ संस्कार फैमिली ने नहीं किए हैं क्योंकि अब्बास अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सका था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई बुधवार के लिए निर्धारित कर दी।
Mukhtar Ansari Death: गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी की 28 मार्च को उत्तर प्रदेश के बांदा के एक अस्पताल में हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। मऊ सदर सीट से पांच बार विधायक रहे मुख्तार अंसारी को 30 मार्च को गाजीपुर में सुपुर्द-ए-खाक किया गया था। मुख्तार अंसारी 2005 से ही उत्तर प्रदेश और पंजाब की विभिन्न कारागारों में कैद था और उसके खिलाफ करीब 60 आपराधिक मामले दर्ज थे।
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