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Market Crash: निवेशकों के 17 लाख करोड़ रुपये का नुकसान, अमेरिकी मंदी की आशंका से सेंसेक्स में 2600 अंक की गिरावट|

Market Crash: विश्वभर के शेयर बाजारों में संकट; अमेरिकी मंदी की आशंका से ग्लोबल स्टॉक मार्केट पर पड़ा गहरा असर, निवेशकों में हलचल|

Market Crash: निवेशकों के 17 लाख करोड़ रुपये का नुकसान, अमेरिकी मंदी की आशंका से सेंसेक्स में 2600 अंक की गिरावट|

Market Crash: ग्लोबल शेयर बाजारों में आई भारी गिरावट का असर अब घरेलू बाजारों पर भी नजर आने लगा है। सोमवार को शेयर बाजारों के लिए ‘ब्लैक मंडे’ साबित हुआ, जब अमेरिका से लेकर एशिया, यूरोप और मिडल ईस्ट तक सभी प्रमुख बाजारों में भारी गिरावट दर्ज की गई। अमेरिकी बाजारों में मंदी की आशंका ने वैश्विक स्तर पर निवेशकों को हिला दिया है, जिसके चलते भारतीय शेयर बाजार भी गिरावट की चपेट में आ गए हैं।

Market Crash: इस गिरावट ने दलाल स्ट्रीट को लाल कर दिया है, और निवेशक भारी नुकसान झेल रहे हैं। वैश्विक बाजारों में उथल-पुथल की स्थिति को देखते हुए, भारतीय बाजार में भी उतार-चढ़ाव का सिलसिला जारी है। वर्तमान में, निवेशकों के लिए स्थिति चिंताजनक है, और बाजार में सुधार की उम्मीदें धुंधली नजर आ रही हैं। इस मौजूदा परिदृश्य में निवेशकों को सतर्क रहना और अपने निवेश की रणनीतियों पर पुनर्विचार करना आवश्यक हो गया है।

Market Crash: दोपहर 12.40 बजे कैसी है भारतीय शेयर बाजार की हालत

Market Crash: भारतीय शेयर बाजार में आज की स्थिति अत्यंत चिंताजनक है। दोपहर 12:40 बजे तक बीएसई का सेंसेक्स 2,515.82 अंक या 3.11 प्रतिशत की गंभीर गिरावट के साथ 78,466 अंक पर पहुंच गया। वहीं, एनएसई का निफ्टी 24,000 के महत्वपूर्ण स्तर से नीचे आ गया है और 824 अंक या 3.01 प्रतिशत की भारी गिरावट के साथ 23,893 पर ट्रेड कर रहा है।

Market Crash: आज के दिन सेंसेक्स ने 78,295 का न्यूनतम स्तर छू लिया, जो कि 2,600 अंक से अधिक की गिरावट को दर्शाता है। इस समय भारतीय शेयर बाजार में उथल-पुथल की स्थिति बनी हुई है, जिससे निवेशकों में बेचैनी और चिंता का माहौल है। वैश्विक बाजारों में मंथन और घरेलू आर्थिक हालात के चलते यह गिरावट आई है, और बाजार के मौजूदा रुझान को देखते हुए निवेशकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। इस कठिन समय में, सतर्कता और विवेकपूर्ण निवेश निर्णयों की आवश्यकता अधिक है।

Market Crash: निवेशकों को 17.50 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का हाई वोल्टेज झटका

Market Crash: बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन में भारी गिरावट आई है। दोपहर 1 बजे तक के आंकड़ों के अनुसार, मार्केट कैप 17.67 लाख करोड़ रुपये घटकर 439.54 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। शुक्रवार को यह आंकड़ा 457.21 लाख करोड़ रुपये था, जिससे निवेशकों को सीधे साढ़े सत्रह लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।

Market Crash: ग्लोबल शेयर बाजारों में आई गिरावट ने भारतीय बाजारों को भी प्रभावित किया है, जिससे निवेशक भारी दबाव में हैं। यह गिरावट न केवल घरेलू निवेशकों के लिए चिंता का विषय है, बल्कि वैश्विक आर्थिक परिदृश्य के साथ भी जुड़ी हुई है। वैश्विक वित्तीय अस्थिरता और अन्य आर्थिक कारकों के चलते, भारतीय शेयर बाजार में यह भारी गिरावट देखने को मिल रही है। इस संकटपूर्ण स्थिति में, निवेशकों को सतर्क रहकर अपने निवेश की रणनीतियों पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है।

Market Crash: सेंसेक्स के शेयरों का बदहाल हाल

Market Crash: आज के कारोबारी दिन में बड़े शेयरों में व्यापक गिरावट देखी जा रही है। ONGC ने सबसे अधिक 6.89 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की है और वर्तमान में कमजोर स्थिति में कारोबार कर रहा है। इसके अलावा, टाटा मोटर्स भी 6.04 प्रतिशत नीचे गिरकर ट्रेड कर रहा है। अडानी पोर्ट्स 6.02 प्रतिशत की कमी के साथ व्यापार कर रहा है, जबकि टाटा स्टील में 5.25 प्रतिशत की गिरावट आई है। हिंडाल्को भी 5.18 प्रतिशत की गिरावट का सामना कर रहा है।

Market Crash: इन गिरावटों के चलते बीएसई सेंसेक्स पर केवल चार शेयर ऐसे हैं जो सकारात्मक रुझान में हैं। इस समय, बाजार में व्यापक अस्थिरता और गिरावट की स्थिति बनी हुई है, जो निवेशकों के लिए चिंता का विषय है। वैश्विक आर्थिक अस्थिरता और घरेलू आर्थिक दबावों के चलते, इन प्रमुख कंपनियों के शेयरों में गिरावट आ रही है। निवेशकों को सतर्क रहना और अपनी निवेश रणनीतियों पर ध्यान देना अत्यंत आवश्यक हो गया है।

Market Crash: भारतीय निवेशकों ने गंवाएं करीब 16 लाख करोड़ रुपये

Market Crash: आज सुबह से घरेलू शेयर बाजार में आई भारी गिरावट ने भारतीय निवेशकों को बड़ा झटका दिया है। वर्तमान में, भारतीय निवेशकों के करीब 16 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। शुक्रवार को बीएसई पर मार्केट कैपिटलाइजेशन 457.21 लाख करोड़ रुपये था, लेकिन दोपहर 12:40 बजे तक यह घटकर 441.38 लाख करोड़ रुपये पर आ गया है। इससे साफ है कि लगभग 15.83 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, और यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है।

Market Crash: बाजार में इस तरह की भारी गिरावट निवेशकों के लिए चिंताजनक स्थिति उत्पन्न कर रही है। वैश्विक वित्तीय अस्थिरता और घरेलू आर्थिक दबावों के चलते यह नुकसान हो रहा है। इस समय निवेशकों को अपने निवेश की स्थिति पर ध्यान देने और सतर्क रहने की आवश्यकता है, ताकि इस संकट से उबरने के लिए उचित रणनीतियों पर काम किया जा सके। बाजार की मौजूदा स्थिति को देखते हुए, सही निर्णय और विवेकपूर्ण निवेश रणनीति अपनाना अत्यंत महत्वपूर्ण हो गया है।

Market Crash: ग्लोबल बाजारों में मचा हाहाकार

Market Crash: आज का दिन ताईवान के शेयर बाजार के लिए पिछले 57 वर्षों में सबसे खराब ट्रेडिंग डे साबित हुआ है। एशियाई बाजारों में सबसे प्रमुख जापान का निक्केई 225 आज 12.4 प्रतिशत की भारी गिरावट के साथ बंद हुआ है। यह 1987 के ब्लैक मंडे के बाद की सबसे बड़ी एकदिनी गिरावट के रूप में उभर कर सामने आया है। इस गिरावट ने जापान के इतिहास में 37 वर्षों का एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड तोड़ दिया है।

Market Crash: निक्केई 225 की इस तीव्र गिरावट ने निवेशकों को बड़ा झटका दिया है और एशियाई बाजारों में चिंता की लहर फैला दी है। ताईवान और जापान दोनों के बाजारों में इस तरह की अस्थिरता वैश्विक आर्थिक असंतुलन और वित्तीय दबावों का संकेत देती है। निवेशकों को इस मुश्किल समय में सावधान रहने की जरूरत है और अपने निवेश निर्णयों को लेकर सतर्क रहना चाहिए। इस घातक गिरावट ने वैश्विक बाजारों में निवेशकों के आत्मविश्वास को प्रभावित किया है और आर्थिक स्थिति की गंभीरता को उजागर किया है।

Market Crash: क्यों भरभरा कर गिर रहे वैश्विक शेयर बाजार

Market Crash: अमेरिकी बाजारों में बेरोजगारी दर और अन्य आर्थिक आंकड़ों की उम्मीद से अधिक खराब स्थिति ने अमेरिका में मंदी की आशंका को जन्म दिया है, जो वैश्विक बाजारों के लिए गंभीर संकेत बन गया है। शुक्रवार से शुरू हुई गिरावट की लहर आज ‘ब्लैक मंडे’ के रूप में उभरकर सामने आई है। वैश्विक शेयर बाजारों में शुक्रवार से बिकवाली की प्रक्रिया शुरू हुई थी, जो अब एक व्यापक ग्लोबल सेलऑफ में बदल गई है।

अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों की निराशाजनक रिपोर्ट ने निवेशकों के विश्वास को हिला दिया और दुनिया भर के बाजारों में चिंता का माहौल बना दिया। इस वित्तीय संकट के परिणामस्वरूप, शेयर बाजारों में व्यापक गिरावट देखने को मिली है, जिसने निवेशकों को गंभीर नुकसान पहुँचाया है।

इस समय, वैश्विक शेयर बाजारों में अस्थिरता बढ़ गई है और बाजारों के रुझान को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। निवेशकों को इस कठिन समय में सतर्क रहने और अपने निवेश की रणनीतियों पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है। यह संकट वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण मोड़ का संकेत हो सकता है।

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