- Manjhi Reveals Truth: शराबबंदी पर जीतन राम मांझी के सवाल; 4-5 लाख गरीबों की गिरफ्तारी का दावा, की समीक्षा की मांग |
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- Manjhi Reveals Truth: शराबबंदी पर होनी चाहिए समीक्षा- जीतन राम मांझी
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Manjhi Reveals Truth: शराबबंदी पर जीतन राम मांझी के सवाल; 4-5 लाख गरीबों की गिरफ्तारी का दावा, की समीक्षा की मांग |
Manjhi Reveals Truth: बिहार में शराबबंदी को लेकर सियासत एक बार फिर गरमा गई है। हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने शराबबंदी पर बड़ा बयान देते हुए सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े किए हैं। शुक्रवार को दिए गए बयान में मांझी ने कहा कि शराबबंदी कानून में दोहरी नीति अपनाई जा रही है। उन्होंने कहा, “हम सभी जब रात में शराब पीते हैं तो हमें कोई नहीं पकड़ता, जबकि गरीबों को तुरंत जेल भेज दिया जाता है। यह अन्यायपूर्ण है और ऐसा नहीं होना चाहिए।”
Manjhi Reveals Truth: मांझी ने इस बात पर भी जोर दिया कि शराबबंदी से सबसे ज्यादा नुकसान गरीब तबके के लोगों को हुआ है। उन्होंने दावा किया कि अब तक 4 से 5 लाख गरीब लोग शराबबंदी के कारण जेल जा चुके हैं। मांझी ने इस कानून की समीक्षा की मांग करते हुए कहा कि सरकार को इस नीति पर पुनर्विचार करना चाहिए ताकि गरीबों को इस कानून के तहत अनावश्यक रूप से सजा न झेलनी पड़े। मांझी के इस बयान के बाद राज्य की सियासी हलचल तेज हो गई है और शराबबंदी कानून पर फिर से बहस छिड़ने की संभावना है।
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Manjhi Reveals Truth: शराबबंदी पर होनी चाहिए समीक्षा- जीतन राम मांझी
Manjhi Reveals Truth: जीतन राम मांझी ने एक बार फिर बिहार में शराबबंदी कानून की समीक्षा की मांग उठाई है। उन्होंने कहा कि पिछली बार जब हमने नीतीश कुमार से इस कानून की समीक्षा का आग्रह किया था, तब समीक्षा की गई थी। अब फिर से शराबबंदी पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है। मांझी ने स्पष्ट किया कि वह शराबबंदी के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि इसके समर्थक हैं, लेकिन जिस तरीके से यह कानून लागू किया गया है, वह सही नहीं है।
मांझी ने कहा कि शराबबंदी कानून में कुछ भी गलत नहीं है, क्योंकि यह सभी ने मिलकर बनाया है। हम इसे गलत क्यों कहेंगे? लेकिन इसके क्रियान्वयन में कई खामियां हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि गरीब लोग, जो मामूली रूप से शराब पीते हैं, उन्हें तुरंत जेल भेज दिया जाता है, जबकि बड़ी मात्रा में शराब की तस्करी करने वाले लोग आसानी से बच निकलते हैं। उन्होंने इस कानून के तहत हो रही अनियमितताओं पर नाराजगी जताई और कहा कि गरीबों को इसका सबसे ज्यादा खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। मांझी ने दोबारा से कानून की समीक्षा की मांग करते हुए इस मुद्दे पर सरकार से गंभीरता से विचार करने की अपील की।
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Manjhi Reveals Truth: ‘नीतीश कुमार हैं यथार्थवादी व्यक्ति’
Manjhi Reveals Truth: केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने शराबबंदी कानून की समीक्षा को लेकर एक बार फिर सीएम नीतीश कुमार का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि शराबबंदी के मामले में अब तक तीन बार समीक्षा की गई है, और इसके लिए वह नीतीश कुमार को सराहते हैं। हालांकि, मांझी का कहना है कि चौथी बार भी इस कानून की समीक्षा की जानी चाहिए। उन्होंने नीतीश कुमार को एक यथार्थवादी नेता मानते हुए कहा कि वे इस मुद्दे को गंभीरता से लें, खासकर गरीबों पर पड़ रहे असर को ध्यान में रखते हुए।
मांझी ने बताया कि लगभग साढ़े चार लाख गरीब लोग विभिन्न मामलों में जेल में बंद हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह स्थिति स्वीकार्य नहीं है और इस पर तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता है। मांझी ने जोर देकर कहा कि शराबबंदी कानून का उद्देश्य समाज की भलाई है, लेकिन इसके कार्यान्वयन में गरीबों को प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने सरकार से अपील की कि इस समस्या की गहराई से समीक्षा की जाए और उचित कदम उठाए जाएं ताकि गरीबों को राहत मिल सके।
(आईएएनएस से भी जानकारी)