- Jansuraj Party President: मनोज भारती; मधुबनी के निवासी, नाम की घोषणा पर हाथ जोड़कर किया लोगों का अभिवादन, पढ़ें पूरी खबर |
- Jansuraj Party President: ‘काबिल हैं इसलिए मनोज भारती को बनाया गया अध्यक्ष’
- Jansuraj Party President: अब मनोज भारती के बारे में जानें
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Jansuraj Party President: मनोज भारती; मधुबनी के निवासी, नाम की घोषणा पर हाथ जोड़कर किया लोगों का अभिवादन, पढ़ें पूरी खबर |
Jansuraj Party President: जन सुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने बुधवार, 02 अक्टूबर को औपचारिक रूप से अपनी पार्टी का गठन किया। इस अवसर पर, उन्होंने दलित समुदाय से मनोज भारती को पार्टी का पहला कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त किया। मनोज भारती मधुबनी जिले के निवासी हैं और उनकी नियुक्ति पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि यह दलित समुदाय की पहचान और प्रतिनिधित्व को आगे बढ़ाने की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास है।
Jansuraj Party President: पटना के वेटनरी कॉलेज ग्राउंड में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रशांत किशोर ने खुद मनोज भारती के नाम की घोषणा की। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में समर्थक और कार्यकर्ता मौजूद थे, जिन्होंने पार्टी की नई दिशा और नेतृत्व को सराहा। प्रशांत किशोर ने अपने भाषण में जन सुराज पार्टी के उद्देश्यों और योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया, जिसमें सामाजिक न्याय, विकास और सभी वर्गों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता शामिल है। मनोज भारती की अध्यक्षता के तहत, पार्टी ने दलित समुदाय की आवाज को मजबूती से उठाने और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए कार्य करने का संकल्प लिया है।
Jansuraj Party President: ‘काबिल हैं इसलिए मनोज भारती को बनाया गया अध्यक्ष’
Jansuraj Party President: मनोज भारती का नाम जन सुराज पार्टी के पहले कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में चुने जाने पर कई सवाल उठते हैं। प्रशांत किशोर ने स्पष्ट किया कि मनोज भारती का चयन उनकी काबिलियत के आधार पर किया गया है, न कि केवल उनके दलित समुदाय से होने के कारण। इस चयन ने यह दर्शाया है कि पार्टी में योग्यता और क्षमता को प्राथमिकता दी जाती है।
Jansuraj Party President: मनोज भारती का नाम सुनते ही वे लोगों के सामने हाथ जोड़कर अभिवादन करते हैं, जो उनकी विनम्रता और सादगी को दर्शाता है। प्रशांत किशोर ने उनकी क्षमताओं पर भरोसा जताते हुए कहा कि मनोज ने सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्रों में अपने कार्यों के माध्यम से एक पहचान बनाई है। उनके नेतृत्व में, पार्टी ने दलित समुदाय की समस्याओं को सही तरीके से उठाने और उनका समाधान निकालने का लक्ष्य रखा है।
यह चयन दलित समुदाय के प्रति एक सकारात्मक संदेश भी भेजता है कि काबिलियत को मान्यता दी जाएगी, भले ही कोई किसी भी समुदाय से क्यों न हो। मनोज भारती की नियुक्ति से पार्टी के विकास की दिशा में नई संभावनाएं खुलती हैं।
Jansuraj Party President: अब मनोज भारती के बारे में जानें
Jansuraj Party President: मनोज भारती मधुबनी के रहने वाले हैं और उनकी शिक्षा की कहानी प्रेरणादायक है। उन्होंने नेतरहाट आवासीय विद्यालय से उच्च माध्यमिक की शिक्षा प्राप्त की और बाद में आईआईटी कानपुर से बीटेक (इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स) की डिग्री हासिल की। इसके बाद, उन्होंने आईआईटी दिल्ली से एमटेक की पढ़ाई की। उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें 1988 में यूपीएससी परीक्षा पास करने में मदद की, जिसके बाद वे भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी बने।
Jansuraj Party President: मनोज भारती ने विदेश मंत्रालय में सचिव (प्रशासन) के रूप में कार्य किया और विभिन्न देशों में भारत के राजदूत के रूप में अपनी सेवाएं दीं। उन्होंने इंडोनेशिया, तिमोर लेस्ते, यूक्रेन और बेलारूस में भारत का प्रतिनिधित्व किया। इसके अलावा, म्यांमार, तुर्किये, नेपाल, नीदरलैंड और ईरान में भी भारत के राजदूत के रूप में कार्य किया। उनका व्यापक अंतरराष्ट्रीय अनुभव उन्हें जन सुराज पार्टी के अध्यक्ष के रूप में एक सक्षम नेता बनाता है।
Jansuraj Party President: जन सुराज पार्टी में अध्यक्ष का कार्यकाल एक साल का होगा, लेकिन मनोज भारती का कार्यकाल मार्च 2025 तक चलेगा। इसके बाद, नए अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी। पार्टी की लीडरशिप काउंसलिंग का कार्यकाल दो साल का होगा, जिससे पार्टी को अपने उद्देश्यों को हासिल करने में स्थिरता मिलेगी। जन सुराज पार्टी का झंडा महात्मा गांधी और भीमराव आंबेडकर की तस्वीर के साथ सजाया जाएगा, जो सामाजिक न्याय और समानता के प्रति पार्टी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। मनोज भारती का नेतृत्व, उनकी शिक्षा और अनुभव का संयोजन पार्टी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में सहायक होगा।
इस तरह, मनोज भारती का चयन केवल उनकी जाति या समुदाय के कारण नहीं, बल्कि उनकी योग्यता और अनुभव के कारण किया गया है। पार्टी के लिए यह एक महत्वपूर्ण समय है, और मनोज भारती के नेतृत्व में जन सुराज पार्टी सामाजिक और राजनीतिक परिवर्तन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाने का प्रयास करेगी।
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Jansuraj Party President: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आसपास रहे थे
Jansuraj Party President: मनोज भारती, जो हाल ही में जन सुराज पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष बने हैं, का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीब रहना एक महत्वपूर्ण पहलू है। पिछले साल जी20 के दौरान, उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और 13 केंद्रीय मंत्रियों के कार्यक्रम का सफलतापूर्वक प्रबंधन किया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के इंडोनेशिया दौरे का समन्वय भी किया था।
Jansuraj Party President: भारती भारतीय विदेश सेवा (IFS) के अधिकारी रहे हैं और वे नौ भाषाओं में निपुण हैं, जिनमें हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, फ़ारसी, बंगाली, रूसी, बहासा, फ़्रेंच और तुर्की शामिल हैं। उन्होंने 1973-1980 बैच के नेतरहाट आवासीय विद्यालय में शिक्षा ली और बाद में 1980-85 में आईआईटी कानपुर से इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स में बी.टेक. किया। 1988 में, उन्होंने भारतीय विदेश सेवा में शामिल होकर अपनी करियर की शुरुआत की।
मनोज भारती ने यूक्रेन में अपनी सेवा के दौरान मास्टर इन इंटरनेशनल रिलेशन और डॉक्टर इन फिलॉसफी की डिग्री भी प्राप्त की, जो उनके ज्ञान और अनुभव को दर्शाता है। उनकी उपलब्धियां और विशेषज्ञता उन्हें पार्टी के नेतृत्व में एक प्रभावशाली भूमिका निभाने के लिए सक्षम बनाती हैं।
Jansuraj Party President: कई देशों में राजदूत रहे, बांग्लादेश बस यात्रा शुरू कराने में भूमिका
Jansuraj Party President: मनोज भारती ने भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी के रूप में अपने करियर की शुरुआत 1990 में की और उन्होंने कई महत्वपूर्ण देशों में भारत का प्रतिनिधित्व किया। 1990 से 1992 तक, वह ईरान के तेहरान में रहे, जहां उन्होंने भारत-ईरान संबंधों को मजबूती देने में योगदान दिया। इसके बाद, 1993 से 1996 तक, उन्होंने नीदरलैंड में अपनी सेवाएं दीं। वर्ष 1997 से 1999 तक, मनोज भारती नई दिल्ली में पदस्थापित रहे और कोलकाता-ढाका बस सेवा की शुरुआत में अहम भूमिका निभाई। इसके बाद, उन्होंने 1999 से 2002 तक नेपाल में कार्य किया, फिर 2002 से 2005 तक तुर्किये और 2005 से 2008 तक म्यांमार में रहकर भारत के हितों की रक्षा की।
Jansuraj Party President: 2008 से 2011 तक, वह फिर से नई दिल्ली में रहे, और 2011 में बेलारूस में भारत के राजदूत बने, जहां वे सितंबर 2015 तक कार्यरत रहे। इसके बाद, उन्होंने यूक्रेन में भारत के राजदूत के रूप में अपनी सेवाएं दीं।अक्टूबर 2018 से जून 2019 तक, उन्होंने विदेश मंत्रालय के आर्थिक कूटनीति में अतिरिक्त सचिव के रूप में कार्य किया। अंततः, जनवरी 2021 से मार्च 2023 तक, वह इंडोनेशिया में भारत के राजदूत रहे, जहां उन्होंने भारत-इंडोनेशिया संबंधों को और मजबूत किया। उनके व्यापक अनुभव ने उन्हें एक सक्षम और प्रभावशाली कूटनीतिक नेता बनाया है।