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India Security Concern: बांग्लादेश में शहबाज सरकार के नए अभियान पर चर्चा; भारत के लिए संभावित खतरा |

Contents
  1. India Security Concern: बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के गठन के बाद पाकिस्तान की शहबाज सरकार का रिश्तों को मजबूत करने के लिए नया प्लान |

India Security Concern: बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के गठन के बाद पाकिस्तान की शहबाज सरकार का रिश्तों को मजबूत करने के लिए नया प्लान |

India Security Concern: बांग्लादेश में शहबाज सरकार के नए अभियान पर चर्चा; भारत के लिए संभावित खतरा |

India Security Concern: बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार के पतन और अंतरिम सरकार के गठन के बाद, पाकिस्तान ने बांग्लादेश में अपनी स्थिति को मजबूत करने की दिशा में कदम उठाना शुरू कर दिया है। शेख हसीना की सरकार को भारत के प्रति नरम रुख रखने वाली माना जाता था, जिससे पाकिस्तान को बांग्लादेश में प्रभाव बढ़ाने में कठिनाई हो रही थी। अब, मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के साथ पाकिस्तान के रिश्ते में नई संभावनाएं देखी जा रही हैं।

India Security Concern: पाकिस्तान ने इस स्थिति का लाभ उठाने के लिए तीन प्रमुख रणनीतिक बिंदुओं पर काम शुरू किया है। ये कदम बांग्लादेश में पाकिस्तानी राजनयिकों के कामकाज की स्थिति को बेहतर बनाने के उद्देश्य से उठाए जा रहे हैं। अब बांग्लादेश में पाकिस्तानी डिप्लोमेट्स को अन्य देशों की तरह समान दर्जा मिलने की संभावना जताई जा रही है, जो उनके कार्यक्षेत्र को बढ़ा सकता है। इस प्रकार, पाकिस्तान की शहबाज सरकार ने बांग्लादेश में अपने प्रभाव को विस्तार देने के लिए सक्रिय प्रयास शुरू कर दिए हैं।

India Security Concern: पाकिस्तानी पत्रकार और यूट्यूबर कामरान यूसुफ ने हाल ही में पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच नए संबंधों पर एक वीडियो साझा किया है, जिसमें उन्होंने महत्वपूर्ण जानकारियाँ दी हैं। यूसुफ ने बताया कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और बांग्लादेश के अंतरिम प्रधानमंत्री मुहम्मद यूनुस के बीच इन संबंधों को लेकर बातचीत हुई है। इस बातचीत के बाद, दोनों देशों के बीच बेहतर संबंधों की आशा जताई जा रही है, और इस संबंध में तीन प्रमुख उम्मीदें उभर कर सामने आई हैं।

इन उम्मीदों में सबसे महत्वपूर्ण यह है कि बांग्लादेश में पाकिस्तानी राजनयिकों को अब दूसरे देशों के राजनयिकों के समान दर्जा प्राप्त होगा। इससे पाकिस्तानी डिप्लोमेट्स को बांग्लादेश में अधिक स्वतंत्रता और प्रभावशाली भूमिका निभाने का अवसर मिलेगा। पहले, पाकिस्तानी डिप्लोमेट्स को बांग्लादेश में सीमित कार्य करने की अनुमति थी, जबकि भारतीय डिप्लोमेट्स को अधिक सम्मान प्राप्त होता था। इस नई स्थिति से पाकिस्तान और बांग्लादेश के रिश्तों में सुधार की संभावना व्यक्त की जा रही है।

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India Security Concern: इकोनॉमिक गतिविधियों में तेजी लाएगा पाकिस्तान

India Security Concern: पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच संबंधों को सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम यह है कि दोनों देशों के बीच स्थापित फोरम को पुनः सक्रिय किया जाए। शेख हसीना की सरकार के दौरान एक इकोनॉमिक फोरम का गठन किया गया था, लेकिन यह फोरम सक्रिय नहीं था और इसका प्रभावी उपयोग नहीं हो पाया था। अब, नई स्थिति और अंतरिम सरकार के साथ, इस फोरम को सक्रिय करने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं।

उम्मीद की जा रही है कि इस फोरम के सक्रिय होने से दोनों देशों के बीच आर्थिक और व्यापारिक संबंधों में सुधार होगा। इससे व्यापार, निवेश और द्विपक्षीय सहयोग के लिए एक ठोस आधार बनेगा, जिससे रिश्तों में सकारात्मक बदलाव आएंगे। फोरम के माध्यम से दोनों देशों के आर्थिक मुद्दों पर खुलकर चर्चा की जा सकेगी, और आपसी सहयोग को बढ़ावा देने वाले नए अवसर उत्पन्न होंगे। इस प्रकार, पाकिस्तान और बांग्लादेश के रिश्तों में सुधार के तत्व मजबूत होंगे और दोनों देशों के बीच सहयोग की नई संभावनाएं खुलेंगी।

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India Security Concern: पाकिस्तान-बांग्लादेश के बीच 1971 का मुद्दा

India Security Concern: बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच एक महत्वपूर्ण विवाद 1971 से जुड़ा हुआ है, जब बांग्लादेश एक स्वतंत्र राष्ट्र बनने की प्रक्रिया में था। उस समय बांग्लादेश पाकिस्तान का हिस्सा था, और जब बांग्लादेश के लोगों ने स्वतंत्रता की मांग की, तो पाकिस्तानी सेना ने वहां बड़े पैमाने पर दमन किया। इस घटना ने बांग्लादेश की जनता में पाकिस्तान के प्रति गहरा गुस्सा पैदा किया, जो आज भी कायम है।

पाकिस्तानी पत्रकार कामरान यूसुफ के अनुसार, खालिदा जिया के शासनकाल के दौरान परवेज मुशर्रफ ने बांग्लादेश का दौरा किया था और इस दौरान उन्होंने वॉर मेमोरियल जाकर 1971 के युद्ध के लिए खेद प्रकट किया था। खालिदा जिया की सरकार ने इस खेद को स्वीकार भी किया था, लेकिन जब शेख हसीना की सरकार आई, तो उन्होंने इस मुद्दे को एक बार फिर प्रमुखता से उठाया। शेख हसीना ने पाकिस्तान को इस संवेदनशील मुद्दे पर घेरते हुए बांग्लादेश के लोगों की भावनाओं को व्यक्त किया, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और विवाद को नया आयाम मिला।

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India Security Concern: पाकिस्तानी डिप्लोमेट ने मंत्री से की बात

पाकिस्तानी पत्रकार का कहना है कि शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद, पाकिस्तान एक बार फिर 1971 के विवाद को सुलझाने के प्रयास में जुटा है। दोनों देशों के बीच इस मुद्दे पर बातचीत भी शुरू हो चुकी है। बांग्लादेश में पाकिस्तानी डिप्लोमेट्स ने हाल ही में यूनुस सरकार के मंत्री नाहिद इस्लाम से मुलाकात की और 1971 के मुद्दे पर चर्चा की।

पाकिस्तान की ओर से उम्मीद जताई जा रही है कि नए अंतरिम सरकार के साथ रिश्तों में सुधार की संभावनाएं बढ़ सकती हैं। पाकिस्तान ने इस विवाद को सुलझाने के लिए बांग्लादेश के साथ वार्ता का रास्ता अपनाया है, और दोनों देशों के बीच बेहतर संबंधों की आशा व्यक्त की है। बांग्लादेश में पाकिस्तानी राजनयिकों द्वारा इस मुद्दे को सुलझाने की कोशिश की जा रही है, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव कम हो सके और भविष्य में अधिक सकारात्मक संबंध स्थापित हो सकें। पाकिस्तान को उम्मीद है कि इस नए राजनीतिक परिदृश्य में दोनों देशों के बीच दोस्ती और सहयोग के नए अवसर सामने आएंगे।

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