Diwali sweets safety: 500 किलोग्राम ‘जहरीले’ रसगुल्ले नष्ट, दिवाली की मिठाई में कैंसरकारी सामग्री की संभावना; नकली मिठाई की पहचान कैसे करें |

Diwali sweets safety: दिवाली के दौरान मिठाई की बढ़ती मांग, कारोबारी मुनाफे के लिए नकली सामग्री से बनाते हैं मिठाई; जानें असली और नकली मिठाई की पहचान कैसे करें |

Diwali sweets safety: 500 किलोग्राम 'जहरीले' रसगुल्ले नष्ट, दिवाली की मिठाई में कैंसरकारी सामग्री की संभावना; नकली मिठाई की पहचान कैसे करें |
Diwali sweets safety: 500 किलोग्राम ‘जहरीले’ रसगुल्ले नष्ट, दिवाली की मिठाई में कैंसरकारी सामग्री की संभावना; नकली मिठाई की पहचान कैसे करें |

Diwali sweets safety: दिवाली का त्योहार मिठाईयों का प्रतीक है, लेकिन इस दौरान नकली मिठाई की बिक्री में भी वृद्धि होती है। हाल ही में 500 किलोग्राम ‘जहरीले’ रसगुल्ले नष्ट कराए गए, जो कैंसरकारी सामग्री से भरे हुए थे। ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी है कि हम असली और नकली मिठाई की पहचान कैसे कर सकते हैं। सबसे पहले, मिठाई की रंगत और सुगंध पर ध्यान दें। असली मिठाई का रंग हमेशा प्राकृतिक होता है, जबकि नकली मिठाई में चमकीले और अस्वाभाविक रंग हो सकते हैं। इसके अलावा, मिठाई की संरचना भी महत्वपूर्ण है। यदि मिठाई बहुत मुलायम या बहुत कठोर है, तो यह संदेहास्पद हो सकती है।

Diwali sweets safety: नकली मिठाई के सेवन से पाचन संबंधी समस्याएं और अन्य गंभीर बीमारियाँ हो सकती हैं। इसलिए, मिठाई खरीदते समय प्रतिष्ठित दुकानों से ही खरीदें और खाद्य सुरक्षा मानकों का पालन करें। यदि संभव हो, तो मिठाई को खुद घर पर बनाना अधिक सुरक्षित विकल्प है। इस दिवाली, सुरक्षित और स्वास्थ्यवर्धक मिठाई का चयन करें।

Diwali sweets safety: दिवाली का पर्व आते ही बाजार में नकली और मिलावटी मिठाइयों की भरमार होने लगती है। ऐसे में स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना बेहद जरूरी है। हाल ही में, खाद्य सुरक्षा विभाग ने देशभर में घटिया क्वालिटी की मिठाई के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए अभियान शुरू किया है। राजस्थान के बहरोड में खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने कार्रवाई करते हुए 500 किलोग्राम दूषित रसगुल्ले नष्ट किए। इन रसगुल्लों को जेसीबी मशीन से गड्ढा खोदकर नष्ट किया गया। विभाग को सूचना मिली थी कि स्थानीय मिठाई की दुकान में मिठाइयों में मिलावट की जा रही थी, जिससे ग्राहकों का स्वास्थ्य खतरे में पड़ सकता था।

Diwali sweets safety: कदम दिखाता है कि खाद्य सुरक्षा विभाग ने मिलावटखोरी के खिलाफ कितनी गंभीरता से कार्रवाई की है। ऐसे मामलों में सावधानी बरतना आवश्यक है, ताकि त्योहार के दौरान स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव न पड़े। उपभोक्ताओं को चाहिए कि वे मिठाई खरीदते समय उसकी गुणवत्ता और प्रमाण पत्र पर ध्यान दें, ताकि असली और सुरक्षित मिठाइयों का सेवन कर सकें। इस दिवाली, स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए मिठाई का चयन करें।

Diwali sweets safety: 500 किलोग्राम 'जहरीले' रसगुल्ले नष्ट, दिवाली की मिठाई में कैंसरकारी सामग्री की संभावना; नकली मिठाई की पहचान कैसे करें |
Diwali sweets safety: 500 किलोग्राम ‘जहरीले’ रसगुल्ले नष्ट, दिवाली की मिठाई में कैंसरकारी सामग्री की संभावना; नकली मिठाई की पहचान कैसे करें |

Diwali sweets safety: हाल ही में मध्य प्रदेश के उज्जैन में अधिकारियों ने भारी मात्रा में नकली मावा जब्त किया है। यह मावा गुजरात से मंगवाया जा रहा था, जिसका उपयोग दिवाली के लिए नकली मिठाइयों के निर्माण में किया जा रहा था। वहीं, उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में भी 10 क्विंटल से अधिक मिठाई बनाने का नकली और मिलावटी सामान बरामद किया गया है।

Diwali sweets safety: दिवाली के अवसर पर मिठाई का विशेष महत्व होता है, लेकिन इस दौरान बाजार में मिलावटी सामग्री की भरमार हो जाती है। नकली मावा आमतौर पर दूध पाउडर, पाम ऑयल, वनस्पति, शक्कर और खाद्य रंगों से तैयार किया जाता है। इस प्रकार की मिठाइयों का सेवन सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। इनसे दिल के रोग, मोटापा, पाचन संबंधी समस्याएं और गंभीर बीमारियों जैसे कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।

Diwali sweets safety: नकली मिठाई की पहचान करना आवश्यक है। सबसे पहले, मिठाई की सुगंध और रंग पर ध्यान दें। असली मिठाई का रंग हमेशा प्राकृतिक होता है, जबकि नकली मिठाई में चमकीले रंग होते हैं। इसके अलावा, मिठाई की बनावट भी महत्वपूर्ण है। यदि मिठाई बहुत मुलायम या अत्यधिक कठोर है, तो यह संदेहास्पद हो सकती है। दिवाली के दौरान, उपभोक्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे मिठाई खरीदते समय प्रतिष्ठित दुकानों से ही खरीदारी करें और उत्पाद की गुणवत्ता की जांच करें। अपनी सेहत का ध्यान रखते हुए इस दिवाली सुरक्षित और असली मिठाइयों का चयन करें।

नकली मिठाई से पाचन समस्याएं

Diwali sweets safety: न्यूट्रिशनिस्ट और डाइटीशियन शिखा अग्रवाल शर्मा के अनुसार, निम्न गुणवत्ता वाली मिठाइयों में कृत्रिम रंग, सिंथेटिक स्वीटनर और कम गुणवत्ता वाले आटे का इस्तेमाल किया जाता है। इन मिठाइयों का सेवन करने से मतली, उल्टी, दस्त और पेट में ऐंठन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा, यदि मिठाई में दूध उत्पादों जैसी पुरानी या बासी सामग्री का प्रयोग किया गया है, तो इससे फूड पॉइजनिंग और गंभीर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

Diwali sweets safety: 500 किलोग्राम 'जहरीले' रसगुल्ले नष्ट, दिवाली की मिठाई में कैंसरकारी सामग्री की संभावना; नकली मिठाई की पहचान कैसे करें |
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इसलिए, मिठाई खरीदते समय सावधानी बरतना जरूरी है। उपभोक्ताओं को चाहिए कि वे हमेशा अच्छी गुणवत्ता वाली और भरोसेमंद दुकानों से मिठाई खरीदें। इस तरह, वे न केवल अपने स्वास्थ्य का ध्यान रख सकते हैं, बल्कि त्योहारों का सही आनंद भी ले सकते हैं। इस दिवाली, सुरक्षित और स्वास्थ्यवर्धक मिठाइयों का चयन करना बेहद महत्वपूर्ण है।

किडनी और लिवर डैमेज कर सकती है नकली मिठाई

Diwali sweets safety: नकली मिठाई में सिंथेटिक दूध, स्टार्च और अन्य हानिकारक तत्व होते हैं, जो किडनी पर गंभीर दबाव डाल सकते हैं। इन एडिटिव्स का लंबे समय तक सेवन करने से किडनी स्टोन और किडनी फेलियर का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, ऐसे घटकों का नियमित सेवन मेटाबोलिज्म को बिगाड़ सकता है, जिससे फैटी लीवर और हेपेटाइटिस जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं।

इसलिए, मिठाई खरीदते समय गुणवत्ता का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है। उपभोक्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे हमेशा भरोसेमंद स्रोतों से मिठाई खरीदें, ताकि वे हानिकारक तत्वों से दूर रह सकें। इस तरह, हम अपने स्वास्थ्य की रक्षा कर सकते हैं और त्योहारों का आनंद भी ले सकते हैं। अपने परिवार की सेहत के लिए यह जानना जरूरी है कि मिठाई की सामग्री क्या है, ताकि हम सुरक्षित और स्वास्थ्यवर्धक विकल्प चुन सकें।

कैंसर का भी खतरा

Diwali sweets safety: कुछ मिठाइयों में हानिकारक रसायन जैसे सैकरिन, जो एक सिंथेटिक स्वीटनर है, और अन्य कैंसरकारी रसायन शामिल होते हैं। इन पदार्थों का लगातार सेवन करने से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है, खासकर मूत्राशय और लिवर के कैंसर का। इसके अलावा, ऐसी मिठाइयाँ खाने से इम्यून सिस्टम भी कमजोर हो सकता है, जिससे शरीर संक्रमणों और बीमारियों के प्रति संवेदनशील हो जाता है। इसलिए, मिठाई खरीदते समय सामग्री की जांच करना बेहद जरूरी है। सुरक्षित और प्राकृतिक मिठाइयों का चयन करके हम अपने स्वास्थ्य की रक्षा कर सकते हैं और त्योहारों का आनंद भी ले सकते हैं।

Diwali sweets safety: 500 किलोग्राम 'जहरीले' रसगुल्ले नष्ट, दिवाली की मिठाई में कैंसरकारी सामग्री की संभावना; नकली मिठाई की पहचान कैसे करें |
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एलर्जी रिएक्शन

Diwali sweets safety: खराब क्वालिटी वाली मिठाइयों में कम ग्रेड के नट्स, कृत्रिम स्वाद और खाद्य रंग होते हैं, जो एलर्जी का कारण बन सकते हैं। इनसे एलर्जी रिएक्शन जैसे त्वचा पर चकत्ते, खुजली, सूजन और सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए खतरनाक है जो पहले से ही किसी प्रकार की एलर्जी से ग्रसित हैं। इसलिए, मिठाई खरीदते समय उसकी गुणवत्ता की जांच करना अत्यंत आवश्यक है। सुरक्षित और प्राकृतिक सामग्री से बनी मिठाइयों का चयन करना न केवल स्वास्थ्य के लिए बेहतर है, बल्कि त्योहारों का आनंद भी सुरक्षित तरीके से लेने में मदद करता है।

दिल के रोगों का भी खतरा

Diwali sweets safety: मिठाई में ट्रांस फैट और मिलावटी तेल का इस्तेमाल किया जाता है, जो अक्सर खराब गुणवत्ता के मावे से बनाई जाती हैं। इनका नियमित सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ सकता है, जिससे उच्च रक्तचाप, हार्ट डिजीज और अन्य दिल के रोगों का खतरा बढ़ जाता है। यह स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है। इसलिए, मिठाई खरीदते समय सामग्री की गुणवत्ता पर ध्यान देना आवश्यक है। सुरक्षित और स्वस्थ विकल्प चुनकर हम अपने दिल और संपूर्ण स्वास्थ्य की रक्षा कर सकते हैं, जिससे त्योहारों का आनंद भी बिना किसी चिंता के ले सकते हैं।

नकली मिठाई की पहचान कैसे करें

Diwali sweets safety: असली मिठाइयों की पहचान करना महत्वपूर्ण है, खासकर त्योहारों के दौरान जब बाजार में मिलावटी मिठाइयों की भरमार होती है। असली मिठाइयों का रंग हमेशा प्राकृतिक होता है, जिसमें चमकदार या अत्यधिक कृत्रिम रंग नहीं होते। उनकी बनावट नरम और मुलायम होती है, जबकि नकली मिठाइयाँ अक्सर कड़ी और कृत्रिम लगती हैं।साथ ही, असली मिठाइयों का आकार हमेशा एक समान होता है, जबकि नकली मिठाइयाँ अनियमित आकार में मिल सकती हैं। असली मिठाई का स्वाद प्राकृतिक और संतुलित मीठा होता है, जबकि नकली मिठाइयाँ बहुत अधिक मीठी और कृत्रिम स्वाद की होती हैं।

Diwali sweets safety: 500 किलोग्राम 'जहरीले' रसगुल्ले नष्ट, दिवाली की मिठाई में कैंसरकारी सामग्री की संभावना; नकली मिठाई की पहचान कैसे करें |
Diwali sweets safety: 500 किलोग्राम ‘जहरीले’ रसगुल्ले नष्ट, दिवाली की मिठाई में कैंसरकारी सामग्री की संभावना; नकली मिठाई की पहचान कैसे करें |

Diwali sweets safety: असली मिठाइयों की एक विशिष्ट सुगंध होती है, जो उन्हें खास बनाती है। इसके विपरीत, नकली मिठाइयों से कभी-कभी अजीब सी गंध आ सकती है, जो उनके घटकों की गुणवत्ता को दर्शाती है।इसलिए, मिठाई खरीदते समय इन सभी संकेतों पर ध्यान देना चाहिए। अपने और अपने परिवार के स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण मिठाइयों का चयन करना सबसे अच्छा होता है, जिससे त्योहार का आनंद बिना किसी चिंता के लिया जा सके।

आग और पानी का टेस्ट भी कारगर

Diwali sweets safety: मिठाई की गुणवत्ता की पहचान करने के लिए कुछ सरल तरीके हैं। एक टुकड़ा मिठाई को पानी में डालें; अगर वह पानी में घुल जाती है, तो यह नकली हो सकती है। इसके अलावा, एक छोटा सा टुकड़ा मिठाई को आग पर रखें। अगर वह जल्दी जल जाती है और काला धुआं निकलता है, तो यह भी नकली होने का संकेत है।

Diwali sweets safety: सुरक्षित खरीदारी के लिए हमेशा किसी विश्वसनीय दुकानदार से मिठाई खरीदें। पहले थोड़ी मात्रा में मिठाई खरीदें और उसे चखें। अगर मिठाई का स्वाद अच्छा है और इसकी बनावट सही है, तो आप उसके बाद अधिक मात्रा में खरीद सकते हैं। इस तरह, आप न केवल अपने स्वास्थ्य की रक्षा कर सकते हैं, बल्कि त्योहारों का आनंद भी सुरक्षित तरीके से ले सकते हैं। सुरक्षित और उच्च गुणवत्ता वाली मिठाइयों का चयन करना आवश्यक है, ताकि परिवार के लिए खुशियों भरे पल सुनिश्चित किए जा सकें।

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