Government Servant Transfer Policy : यह कॉमन SOP सभी विभागों को भेजी गई है और विभाग के एचओडी अपने अधिकारियों से इस पर चर्चा करके अपने सुझाव प्रस्तुत करेंगे। वास्तव में, प्रत्येक सरकार में राज्य में तबादलों को लेकर विवाद उत्पन्न होता है। इससे बचने के लिए, सरकार एक ठोस नीति लाएगी।
Government Servant Transfer Policy : नई ट्रांसफर नीति के अनुसार, प्रत्येक कर्मचारी को सेवा अवधि के दौरान कम से कम 2 साल ग्रामीण क्षेत्र में काम करना होगा। 3 साल से पहले किसी भी कर्मचारी का ट्रांसफर नहीं किया जाएगा, और यह ट्रांसफर समकक्ष पदों पर किया जाएगा, न कि उच्च पदों पर और न ही निम्न पदों पर। 3 साल से पहले केवल उन कर्मचारियों का ट्रांसफर किया जाएगा जिनके खिलाफ कोई जाँच चल रही हो या जिन्हें प्रथम दृष्टया दोषी पाया जाए, या जिनकी पदोन्नति हो गई हो।
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इसके अलावा, प्रोबेशन पीरियड के दौरान कर्मचारियों का ट्रांसफर नहीं किया जाएगा। जो कर्मचारी रिटायर होने वाला है, उनके रिटायरमेंट में 1 साल से कम समय बचा हो तो उनका ट्रांसफर नहीं किया जाएगा। अगर कर्मचारी ट्रांसफर करवाना चाहता है, तो उनका ट्रांसफर किया जा सकता है।
यह पॉलिसी राज भवन, विधानसभा, सचिवालय, और राज्य निर्वाचन आयोग में लागू नहीं होगी, जबकि शेष सभी विभागों में लागू होगी। जिन विभागों में कर्मचारियों की संख्या 2000 से कम है, उनमें यह एसओपी ऐसे ही लागू की जाएगी। जबकि जिन विभागों में 2000 से अधिक कर्मचारी हैं, उन विभागों को अपनी सुविधा के अनुसार अपने सुझाव शामिल करते हुए पॉलिसी तैयार करके प्रशासनिक सुधार एवं समन्वयक विभाग को भेजी जाएगी। ये नियम बोर्ड, निगम, उपक्रम, या स्वायत्तशासी संस्थाओं पर भी लागू होंगे।
Government Servant Transfer Policy : हर साल, 1 से 15 जनवरी तक विभाग ट्रांसफर के लिए रिक्त पदों की सूची ऑनलाइन पोर्टल पर डालेगा। कर्मचारी 1 से 28 फरवरी तक ट्रांसफर के लिए अपना आवेदन कर सकता है। आवेदन प्राप्त होने के पश्चात, 1 से 30 मार्च तक इसकी काउंसलिंग होगी। खाली जिले या स्थान पर काउंसलिंग के बाद, निर्धारित प्राथमिकता के अनुसार 30 अप्रैल तक ट्रांसफर सूची जारी होगी। 2 साल से पहले कर्मचारी ट्रांसफर के लिए आवेदन नहीं कर सकता। इस छूट का उपयोग केवल दिव्यांग, विधवा एवं परित्यक्ता, उत्कर्ष खिलाड़ी पति पत्नी, प्रकरण और असाध्य रोग से पीड़ित कर्मचारियों द्वारा किया जा सकेगा।
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