Delhi Liquor Policy Case: सर्वोच्च न्यायालय ने SC ने कहा- चुनाव 5 साल में आता है, जबकि आयकर विभाग ने कहा है कि अगर अरविंद केजरीवाल प्रचार नहीं करेंगे तो आसमान नहीं टूटेगा।
Delhi Liquor Policy Case: अरविंद केजरीवाल ने आबकारी नीति पर आरोपितों को सुप्रीम कोर्ट में मुक़ाबला करने का फैसला किया है। सुनवाई के दौरान, ईडी ने उनके खिलाफ इलेक्ट्रॉनिक सबूतों को नष्ट करने और 100 करोड़ रुपए का हवाला देने के आरोप लगाए हैं।
Delhi Liquor Policy Case: दिल्ली की आबकारी नीति में दावा किया गया है कि घोटालों के आरोप में जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका को सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई की गई। इस दौरान, ईडी ने केजरीवाल के खिलाफ सबूत का दावा करते हुए उनकी याचिका का विरोध किया। केजरीवाल ने अपनी याचिका में ईडी की गिरफ्तारी को चुनौती दी है। उनका कहना है कि उन्हें गलत तरीके से निशाना बनाया जा रहा है और उनकी याचिका को न्याय मिलना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद निर्णय देने का ऐलान किया है, जो कि आगामी दिनों में सम्पन्न हो सकता है।
Delhi Liquor Policy Case: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान क्या क्या हुआ?
-ED के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि सीएम केजरीवाल पर इलेक्ट्रॉनिक सबूतों को नष्ट करने और 100 करोड़ रुपए हवाला देने के आरोप हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर कहा, “100 करोड़ प्रोसीड्स ऑफ क्राइम हैं।” लेकिन घोटाले की राशि को 1100 करोड़ बताया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, “इतनी बड़ी बढ़त कैसे हुई?”
-इस पर ED के वकील ने कहा कि होलसेल व्यापारियों को गलत तरीके से भारी लाभ प्राप्त किया गया। पहले हमारी जांच के दौरान केजरीवाल मौजूद नहीं थे, लेकिन जांच के प्रक्रिया में उनका नाम उजागर हुआ। हमने केजरीवाल को निशाना बनाने के लिए गवाहों से विशेष रूप से उनके बारे में सवाल नहीं किए। गवाहों के द्वारा मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए धारा 164 के बयान को देखकर स्पष्ट हो सकता है।
-सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपने सभी पहलुओं को दर्ज करते हुए केस डायरी तैयार कर रखी होगी। हम उसे विचारना चाहेंगे।
-सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारे पास सीमित सवाल है। वह यह है कि क्या PMLA सेक्शन 19 का सही तरीके से पालन हुआ है। लेकिन पहली गिरफ्तारी के बाद केजरीवाल को गिरफ्तार करने में 2 साल का समय लग जाना सही नहीं लगता।
Delhi Liquor Policy Case: केजरीवाल ने 100 करोड़ रुपये मांगे- ED
-ED ने कहा, हमारे पास सबूत हैं कि खुद केजरीवाल ने 100 करोड़ रुपए की मांग की। उनके एक अरक्षित आधार पर, वह गोवा चुनाव के समय 7 स्टार होटल हयात में रुके थे, और उसके बिल का भुगतान चैरियट इंटरप्राइजेज ने किया।
-सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम सेक्शन 19 (गिरफ्तारी की धारा) के दायरे भी तय करना चाहते हैं। इस सुनवाई का उद्देश्य यह है कि यह तय हो कि क्या सेक्शन 19 का उपयोग सही रूप से किया गया है। जस्टिस खन्ना ने ED के वकील एस वी राजू से कहा, “आप 12.30 तक इस मुद्दे पर बहस खत्म कीजिए। हम उसके बाद अंतरिम जमानत पर सुनवाई करेंगे। यह चुनाव का समय है। दिल्ली के मुख्यमंत्री जेल में हैं।”
Delhi Liquor Policy Case: सुप्रीम कोर्ट में फसल और किसान का जिक्र
-सॉलिसीटर जनरल ने कहा, “यह गलत उदाहरण होगा। अगर कोई किसान फसल के मौसम में जेल में है, तो क्या उसे बेल नहीं मिलनी चाहिए? एक नेता को अलग से रियायत क्यों मिले?”
-सुप्रीम कोर्ट ने इस पर कहा, “आम चुनाव 5 साल में आता है। फसल का मौसम हर 6 महीने में आता है।”
-सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, “केजरीवाल को अक्टूबर में बुलाया गया, अगर वह आ जाते तो क्या यह नौबत आती कि चुनाव का समय आ गया है, इसलिए रिहा करना होगा। सुनवाई लंबी चलेगी, यह भी अंतरिम जमानत का आधार नहीं हो सकता।”
-सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गिरफ्तारी से जुड़े मुद्दों पर ED को 1 बजे तक बहस खत्म करनी चाहिए। 2 बजे से अंतरिम जमानत पर बहस की जाएगी।
Delhi Liquor Policy Case: समाज में गलत असर न जाए- ED
-सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि कानून की निगाह में नेता और आम नागरिक अलग नहीं होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने इस पहलू का भी ध्यान रखने की बात कही।
-सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि चुनाव प्रचार लग्जरी है, जबकि फसल के लिए काम करना किसान की आजीविका है। समाज में गलत संदेश जाएगा।
-सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम सभी बातों को सुनेंगे। हमने इस बात को भी नोट किया है कि वह 6 महीने तक समन पर पेश होने से बचते रहे।
-तुषार मेहता ने कहा, “कोर्ट को तथ्यों की दृष्टि से देखना चाहिए। इनका प्रचार करना या न करना, चिंता का विषय नहीं हो सकता। अगर यह प्रचार नहीं किया जाएगा, तो आसमान नहीं टूटेगा।”