Jan Dhan Accounts: जन धन योजना के 10 साल पूरे; वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि अधिकतर खाते महिलाओं और ग्रामीणों के नाम पर |
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि 28 अगस्त, 2014 को शुरू की गई प्रधानमंत्री जन धन योजना ने 10 वर्षों में शानदार सफलता हासिल की है। इस योजना के अंतर्गत देशभर में 53.13 करोड़ Jan Dhan Accounts खोले गए हैं, जिनमें करीब 2.3 ट्रिलियन रुपये जमा हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इनमें से लगभग 80 प्रतिशत खाते सक्रिय हैं, जो योजना की प्रगति को दर्शाते हैं। अगस्त 2024 तक इन खातों का औसत बैलेंस 4352 रुपये तक पहुंच गया है, जो मार्च 2015 में मात्र 1065 रुपये था।
यह वृद्धि देश के आर्थिक विकास में योगदान देने के साथ-साथ, गरीब और ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। वित्त मंत्री ने इस वित्त वर्ष में लगभग 3 करोड़ नए Jan Dhan Accounts खोलने की योजना का भी ऐलान किया है, जिससे और अधिक लोगों को इस योजना का लाभ मिल सकेगा। जन धन योजना के माध्यम से सरकार का लक्ष्य देश के हर नागरिक को बैंकिंग सेवाओं से जोड़ना और वित्तीय स्थिरता प्रदान करना है।
Jan Dhan Accounts: आज प्रधानमंत्री जन धन योजना की 10वीं वर्षगांठ
Jan Dhan Accounts: प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) की 10वीं वर्षगांठ के अवसर पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस योजना की सफलता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कोविड महामारी के दौरान इस योजना ने सरकार को बड़ी राहत प्रदान की। विशेष रूप से महिलाओं को इस योजना से अत्यधिक लाभ हुआ है। जन धन खातों में जीरो बैलेंस या न्यूनतम बैलेंस की कोई अनिवार्यता नहीं है, इसके बावजूद केवल 8.4 प्रतिशत खातों में ही जीरो बैलेंस है। यह दर्शाता है कि लोगों ने इस योजना का गंभीरता से उपयोग किया है।
ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्रों में इस योजना का सबसे अधिक प्रभाव देखा गया है, जहां लगभग 66.6 प्रतिशत Jan Dhan Accounts खोले गए हैं। यह योजना उन लोगों के लिए एक वरदान साबित हुई है जो पहले बैंकिंग सेवाओं से वंचित थे। वित्त मंत्री ने इस अवसर पर जोर देकर कहा कि जन धन योजना ने न केवल वित्तीय समावेशन को बढ़ावा दिया है, बल्कि देश के कमजोर वर्गों को आर्थिक सुरक्षा भी प्रदान की है।
Jan Dhan Accounts: 53.13 करोड़ खातों में से 29.56 करोड़ अकाउंट महिलाओं के
Jan Dhan Accounts: वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 14 अगस्त 2024 तक प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत 53.13 करोड़ खातों में से लगभग 55.6 प्रतिशत, यानी 29.56 करोड़, खाते महिलाओं के नाम पर हैं। यह योजना महिलाओं के वित्तीय सशक्तिकरण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।देश के लगभग 99.95 प्रतिशत गांवों में 5 किलोमीटर के दायरे में बैंक शाखा, एटीएम, बैंकिंग संवाददाता, या इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के माध्यम से बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। इससे ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों के लोगों के लिए बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच सुगम हो गई है।
Jan Dhan Accounts: देश में कुल 1.73 अरब से अधिक ऑपरेटिव करेंट अकाउंट और सेविंग अकाउंट्स में से 53 करोड़ से अधिक खाते जन धन योजना के तहत खोले गए हैं। इस योजना ने देश में वित्तीय समावेशन को व्यापक स्तर पर बढ़ावा दिया है, जिससे गरीब और वंचित वर्ग भी मुख्यधारा की बैंकिंग सेवाओं से जुड़ पाए हैं। यह योजना न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण से भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई है।
Jan Dhan Accounts: सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से करोड़ों लोगों को दी गई राहत
Jan Dhan Accounts: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में बताया कि सरकार ने विभिन्न योजनाओं के माध्यम से करोड़ों लोगों को वित्तीय सुरक्षा और सशक्तिकरण प्रदान किया है। प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY) के तहत 20 करोड़ लोगों को मात्र 436 रुपये के वार्षिक प्रीमियम पर 2 लाख रुपये का जीवन बीमा प्रदान किया गया है। यह योजना उन लोगों के लिए अत्यधिक लाभकारी साबित हो रही है, जो सीमित आय के बावजूद अपने परिवार की वित्तीय सुरक्षा के लिए चिंतित रहते हैं।
इसके साथ ही, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY) के अंतर्गत लगभग 45 करोड़ लोगों को केवल 20 रुपये के प्रीमियम पर 2 लाख रुपये तक का दुर्घटना बीमा उपलब्ध कराया गया है। यह योजना उन लोगों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जो जोखिम भरे काम करते हैं या जिनकी जीवनशैली में दुर्घटना की संभावनाएं अधिक हैं।
Jan Dhan Accounts: अटल पेंशन योजना (APY) में भी 6.8 करोड़ लोग शामिल हो चुके हैं, जो बुजुर्गावस्था में आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने का एक सशक्त माध्यम बन रही है। इस योजना के माध्यम से लोग अपनी पेंशन के लिए एक निश्चित धनराशि का योगदान करते हैं, जिससे भविष्य में उन्हें नियमित पेंशन मिल सके।
Jan Dhan Accounts: स्टैंड अप इंडिया स्कीम के तहत सरकार ने 53,609 करोड़ रुपये के 2,36,000 लोन मंजूर किए हैं, जो खासकर महिलाओं और अनुसूचित जाति/जनजाति के उद्यमियों को स्वरोजगार के अवसर प्रदान कर रहे हैं।प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना (PM SVANidhi) के तहत 65 लाख से अधिक स्ट्रीट वेंडर्स को 12,630 करोड़ रुपये का कर्ज दिया गया है। इस योजना ने छोटे व्यापारियों को आत्मनिर्भर बनने में मदद की है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है और वे अपने व्यवसाय को आगे बढ़ा सके हैं।
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