Hindenburg Report: अडानी का रिएक्शन; हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट और सेबी चीफ से कमर्शियल संबंधों पर सफाई |

Hindenburg Report: अडानी का रिएक्शन; हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट और सेबी चीफ से कमर्शियल संबंधों पर सफाई |

Hindenburg Report: अडानी का रिएक्शन; हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट और सेबी चीफ से कमर्शियल संबंधों पर सफाई |

Hindenburg Report: हिंडनबर्ग रिसर्च का आरोप; सेबी चेयरपर्सन और अडानी ग्रुप के बीच फाइनेंशियल संबंधों का दावा |

Hindenburg Report: अडानी का रिएक्शन; हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट और सेबी चीफ से कमर्शियल संबंधों पर सफाई |
Hindenburg Report: अडानी का रिएक्शन; हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट और सेबी चीफ से कमर्शियल संबंधों पर सफाई |

Hindenburg Report: हिंडनबर्ग रिसर्च ने हाल ही में जारी अपनी नई रिपोर्ट में गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें कहा गया है कि सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और अडानी समूह के बीच फाइनेंशियल कनेक्शन हो सकते हैं। इस रिपोर्ट के आने के बाद से विवाद छिड़ गया है, जिससे बाजार में हलचल मच गई है।

Hindenburg Report: अडानी समूह ने शनिवार देर शाम इस रिपोर्ट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। समूह ने हिंडनबर्ग के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि उनका सेबी चीफ माधबी पुरी बुच के साथ कोई कमर्शियल या फाइनेंशियल संबंध नहीं है। अडानी समूह ने इसे बेबुनियाद और निराधार आरोप बताते हुए कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में किए गए दावों में कोई सच्चाई नहीं है।

Hindenburg Report: अडानी समूह ने अपने बयान में कहा कि वे कानून के दायरे में रहकर काम करते हैं और उनके व्यापारिक संबंध पारदर्शी हैं। समूह ने हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों को झूठ और गुमराह करने वाला बताया और कहा कि वे इस मामले में उचित कानूनी कार्रवाई करेंगे। इस विवाद ने एक बार फिर अडानी समूह और हिंडनबर्ग रिसर्च के बीच तनाव को उजागर कर दिया है।

रिपोर्ट में बताए गए व्यक्तियों के साथ नहीं है संबंध

Hindenburg Report: अडानी समूह ने हिंडनबर्ग रिसर्च की नई रिपोर्ट का खंडन करते हुए कहा कि इसमें किए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं। समूह ने स्पष्ट किया कि जिन व्यक्तियों और मामलों का रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है, उनका अडानी समूह से कोई व्यावसायिक संबंध नहीं है। हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा शनिवार देर शाम जारी की गई इस रिपोर्ट के बाद, यह अडानी समूह की पहली आधिकारिक प्रतिक्रिया है।

Hindenburg Report: रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि कुछ विदेशी फंड्स में विनोद अडानी और उनके करीबी सहयोगियों के साथ सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच का भी निवेश शामिल था। अडानी समूह ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि उनका इन व्यक्तियों या फंड्स के साथ कोई वित्तीय या व्यावसायिक संबंध नहीं है। समूह ने इस रिपोर्ट को सनसनी फैलाने वाला और गलत तथ्यों पर आधारित बताया। अडानी समूह ने कहा कि वे अपने सभी व्यापारिक गतिविधियों में पारदर्शिता का पालन करते हैं और इस तरह के झूठे आरोपों से उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।

पारदर्शी है विदेशी होल्डिंग का स्ट्रक्चर

Hindenburg Report: अडानी समूह ने हिंडनबर्ग रिसर्च की नई रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। समूह ने स्पष्ट किया कि उसकी कंपनियों के खिलाफ लगाए गए सभी आरोप निराधार और भ्रामक हैं। अडानी समूह ने अपनी बात को फिर से दोहराते हुए कहा कि उसकी विदेशी होल्डिंग का स्ट्रक्चर पूरी तरह से पारदर्शी है, और इसमें किसी भी तरह की अनियमितता नहीं है।

Hindenburg Report: हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अडानी समूह पर आरोप लगाया गया है कि उसने विभिन्न कंपनियों का जाल बुनकर फंड्स का दुरुपयोग किया है, जिससे समूह के खिलाफ गंभीर सवाल उठाए गए हैं। हालांकि, अडानी समूह ने इन आरोपों को पूरी तरह से नकारते हुए कहा कि उनके व्यवसायिक ढांचे में कोई गड़बड़ी नहीं है और उनकी सभी वित्तीय गतिविधियां पूरी तरह से कानूनी और पारदर्शी हैं।

समूह ने यह भी कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का मकसद केवल सनसनी फैलाना और समूह की छवि को धूमिल करना है। अडानी समूह ने विश्वास जताया कि उनके द्वारा की गई सभी वित्तीय गतिविधियां नियमों के अनुरूप हैं और वे इस रिपोर्ट के खिलाफ कानूनी कदम उठाने पर भी विचार कर रहे हैं।

पिछले साल जनवरी में शुरू हुआ था मामला

Hindenburg Report: अडानी समूह और हिंडनबर्ग रिसर्च के बीच का विवाद कोई नया नहीं है। यह विवाद जनवरी 2023 में शुरू हुआ था, जब हिंडनबर्ग ने अडानी समूह के खिलाफ अपनी पहली सनसनीखेज रिपोर्ट जारी की थी। उस रिपोर्ट में हिंडनबर्ग ने अडानी समूह पर शेयरों के भाव कृत्रिम रूप से बढ़ाने और फंड्स के हेरफेर जैसे गंभीर आरोप लगाए थे। हिंडनबर्ग ने इन आरोपों को इतना गंभीर बताया कि उसे कॉरपोरेट जगत के इतिहास का सबसे बड़ा धोखाधड़ी मामला करार दिया।

Hindenburg Report: इस रिपोर्ट का अडानी समूह पर गहरा असर पड़ा, जिससे उसकी कंपनियों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा। अडानी समूह के बाजार पूंजीकरण में 80 बिलियन डॉलर से अधिक की गिरावट आई, जिससे निवेशकों में भी भारी चिंता फैल गई। इस विवाद ने न केवल अडानी समूह की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया बल्कि भारत के वित्तीय बाजारों में भी हलचल मचा दी।

हालांकि, अडानी समूह ने उन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था और अपने कारोबार के पारदर्शी और कानूनी होने का दावा किया था। तब से लेकर अब तक यह मामला सुर्खियों में बना हुआ है, और दोनों पक्षों के बीच तनाव जारी है।

हिंडनबर्ग को मिला था कारण बताओ नोटिस

Hindenburg Report: बाद में भारतीय बाजार नियामक सेबी (सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) ने अडानी समूह पर हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच शुरू की। इस जांच की निगरानी के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक समिति नियुक्त की, जिसने सेबी की जांच प्रक्रिया पर नजर रखी।हालांकि, सेबी की जांच में अभी तक हिंडनबर्ग के आरोपों को साबित करने के लिए कोई ठोस प्रमाण नहीं मिले हैं। इस मामले में सेबी की जांच जारी है, और अभी तक हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए आरोपों को पूरी तरह से खारिज या सिद्ध नहीं किया जा सका है।

Hindenburg Report: जांच के दौरान, सेबी ने हाल ही में अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया, जिससे यह मामला और भी चर्चा में आ गया। सेबी की इस कार्रवाई से यह स्पष्ट है कि वह मामले को गंभीरता से ले रही है और सभी संबंधित पक्षों से जवाबदेही सुनिश्चित कर रही है।जांच की प्रगति और इसके परिणामों पर बाजार और निवेशकों की नजर बनी हुई है, क्योंकि यह मामला भारतीय वित्तीय बाजारों पर गहरा असर डाल सकता है।

सेबी प्रमुख ने आरोपों को किया है खारिज

Hindenburg Report: अब इस मामले ने एक नया मोड़ ले लिया है, जिसमें हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक और गंभीर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और अडानी समूह के बीच कथित संबंधों के चलते जांच सही ढंग से नहीं हो पाई है, और इसी कारण सेबी अडानी समूह के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं जुटा पाई है।

अडानी समूह से पहले, सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने आज सुबह संयुक्त बयान जारी कर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को पूरी तरह से खारिज कर दिया। उन्होंने इन आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि हिंडनबर्ग का यह दावा सिर्फ चरित्रहत्या का प्रयास है।

Hindenburg Report: उनका कहना था कि हिंडनबर्ग के आरोपों का कोई आधार नहीं है, और यह केवल उनकी छवि को धूमिल करने की कोशिश है। इस नई परिस्थिति ने मामले को और भी जटिल बना दिया है, जहां अडानी समूह और सेबी प्रमुख दोनों ही खुद को निर्दोष साबित करने के लिए मजबूती से खड़े हैं। इस विवाद ने भारतीय वित्तीय नियामक प्रणाली और उसके प्रमुख अधिकारियों पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं, जिससे मामला और भी गंभीर हो गया है।

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