GST Recovery: जीएसटी बकाया वसूली के नए नियम, इस प्रकार टैक्सपेयर्स बच सकते हैं |

GST Recovery: जीएसटी बकाया वसूली के नए नियम, इस प्रकार टैक्सपेयर्स बच सकते हैं |

GST Recovery: जीएसटी बकाया वसूली के नए नियम

GST Recovery: CBIC ने जीएसटी बकाया वसूली से बचाव के लिए अस्थायी प्रावधान जारी किए, जीएसटीएटी के शुरू होने तक प्रभावी |

GST Recovery: जीएसटी बकाया वसूली के नए नियम
GST Recovery: जीएसटी बकाया वसूली के नए नियम

GST Recovery: केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBIC) ने टैक्सपेयर्स को जीएसटी के बकाए की रिकवरी की प्रक्रिया से राहत देने के लिए नए प्रावधान जारी किए हैं। ये प्रावधान तब तक लागू रहेंगे जब तक कि जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण (जीएसटीएटी) पूरी तरह से फंक्शनल नहीं हो जाता।

GST Recovery: CBIC के इन नए प्रावधानों का उद्देश्य टैक्सपेयर्स को अनावश्यक परेशानी से बचाना है, जिससे उन्हें जीएसटी बकाए की वसूली की प्रक्रिया में आसानी हो सके। जीएसटीएटी के फंक्शनल होने तक, टैक्सपेयर्स को इन प्रावधानों के तहत कुछ अस्थायी राहत प्रदान की जाएगी।

GST Recovery: इन प्रावधानों के लागू होने से टैक्सपेयर्स को एक महत्वपूर्ण सहूलियत मिलेगी, जिससे वे अपनी वित्तीय स्थिति को बेहतर ढंग से प्रबंधित कर सकेंगे और जीएसटी की बकाया राशियों की रिकवरी में आने वाली समस्याओं से बच सकेंगे। इस पहल से टैक्सपेयर्स को आवश्यक समय और संसाधनों की बचत होगी, जो उन्हें अपने व्यापारिक कार्यों को सुचारू रूप से चलाने में मदद करेगा।

कुल मिलाकर, CBIC के इस कदम से टैक्सपेयर्स को राहत और सहूलियत मिलने की उम्मीद है, जब तक कि जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण पूरी तरह से कार्यरत नहीं हो जाता।

CBIC ने जारी किया ताजा सर्कुलर

GST Recovery: सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडाइरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स (CBIC) ने जीएसटी बकाए के नए प्रावधानों के संबंध में गुरुवार को एक सर्कुलर जारी किया है। सर्कुलर में बताया गया है कि गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल (जीएसटीएटी) के पूरी तरह कार्यशील होने तक इन प्रावधानों का उपयोग किया जाएगा। वर्तमान में, टैक्सपेयर टैक्स की रिकवरी प्रक्रिया से बचने के लिए अपने इलेक्ट्रॉनिक लायबिलिटी रजिस्टर के माध्यम से प्री-डिपॉजिट अमाउंट का भुगतान कर सकते हैं।

GST Recovery: जीएसटी बकाया वसूली के नए नियम
GST Recovery: जीएसटी बकाया वसूली के नए नियम

इसके साथ ही, वे न्यायाधिकार क्षेत्र के अनुसार उचित अधिकारी के समक्ष एक अंडरटेकिंग फाइल कर सकते हैं। इस नए प्रावधान के तहत, टैक्सपेयर को जीएसटीएटी के कार्यशील होने तक इन नियमों का पालन करना होगा, जिससे टैक्स की वसूली प्रक्रिया में कोई रुकावट न आए। यह कदम CBIC द्वारा टैक्सपेयर के लिए सुगम और पारदर्शी प्रक्रिया सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है। इस सर्कुलर के माध्यम से, CBIC ने यह स्पष्ट किया है कि जब तक जीएसटीएटी पूरी तरह कार्यशील नहीं हो जाता, तब तक ये अस्थायी प्रावधान लागू रहेंगे, जिससे टैक्सपेयर और प्रशासन दोनों को राहत मिलेगी।

जीएसटी कॉमन पोर्टल पर दी गई सुविधा

GST Recovery: CBIC ने यह सर्कुलर टैक्सपेयर को ट्रिब्यूनल के फंक्शनल होने तक रिकवरी की गैर-जरूरी प्रक्रिया से बचाने के लिए जारी किया है। सर्कुलर के अनुसार, जीएसटी के कॉमन पोर्टल पर फॉर्म जीएसटी डीआरसी-03 के जरिए भुगतान को एडजस्ट करने की एक नई व्यवस्था शुरू की गई है, जो प्री-डिपॉजिट की जरूरतों को पूरा करने के लिए है।

GST Recovery: इस नई व्यवस्था के तहत, टैक्सपेयर अपने इलेक्ट्रॉनिक लायबिलिटी रजिस्टर का उपयोग करके आवश्यक प्री-डिपॉजिट अमाउंट का भुगतान कर सकते हैं। इसके साथ ही, उन्हें न्यायाधिकार क्षेत्र के अनुसार संबंधित अधिकारी के समक्ष एक अंडरटेकिंग भी फाइल करनी होगी। इस कदम से टैक्सपेयर को जीएसटीएटी के कार्यशील होने तक अनावश्यक रिकवरी प्रक्रिया से बचने में मदद मिलेगी।

GST Recovery: जीएसटी बकाया वसूली के नए नियम
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GST Recovery: CBIC का यह प्रयास टैक्सपेयर के लिए एक सुगम और पारदर्शी प्रक्रिया सुनिश्चित करने के उद्देश्य से है, जिससे उन्हें अनावश्यक तनाव और परेशानियों से बचाया जा सके। इस सर्कुलर के माध्यम से यह स्पष्ट किया गया है कि जब तक जीएसटीएटी पूरी तरह कार्यशील नहीं हो जाता, तब तक ये अस्थायी प्रावधान लागू रहेंगे। इस नई व्यवस्था से न केवल टैक्सपेयर को राहत मिलेगी, बल्कि प्रशासन की कार्यक्षमता में भी सुधार होगा।

अंडरटेकिंग में बतानी होगी ये बात

GST Recovery: टैक्सपेयर इस नई सुविधा के तहत भुगतान कर सकते हैं। उसके बाद वे संबंधित अधिकारी को भुगतान की जानकारी दे सकते हैं, जिससे रिकवरी की प्रक्रिया टाल दी जाएगी। टैक्सपेयर को अंडरटेकिंग में यह भी बताना होगा कि वह संबंधित बकाया ऑर्डर के खिलाफ अपीलीय न्यायाधिकरण के समक्ष अपील दायर करेगा। अपील जीएसटीएटी के फंक्शनल होते ही सीजीएसटी एक्ट के सेक्शन 112 में बताई गई समयावधि के अंदर फाइल की जाएगी।

GST Recovery: इस नई व्यवस्था का उद्देश्य टैक्सपेयर को अनावश्यक रिकवरी प्रक्रिया से बचाना और उन्हें अपील के लिए पर्याप्त समय देना है। टैक्सपेयर को इस प्रक्रिया में अपने इलेक्ट्रॉनिक लायबिलिटी रजिस्टर का उपयोग करके भुगतान करना होगा और फिर संबंधित अधिकारी को इसकी जानकारी देनी होगी। इसके बाद, अधिकारी भुगतान की पुष्टि करके रिकवरी की प्रक्रिया को रोक देंगे, जिससे टैक्सपेयर को राहत मिलेगी।

GST Recovery: अंडरटेकिंग में अपील की जानकारी देने से यह सुनिश्चित होता है कि टैक्सपेयर अपने बकाया ऑर्डर के खिलाफ उचित समय में अपील करेंगे। जीएसटीएटी के फंक्शनल होने तक यह व्यवस्था जारी रहेगी, जिससे टैक्सपेयर को अपील प्रक्रिया में किसी प्रकार की बाधा का सामना नहीं करना पड़ेगा।

जून में टैक्सपेयर्स को मिली थी ये राहत

GST Recovery: इससे पहले, CBIC ने जून महीने में टैक्सपेयर्स को राहत प्रदान करते हुए यह घोषणा की थी कि टैक्स अधिकारी डिमांड ऑर्डर सर्व किए जाने के तीन महीने के भीतर रिकवरी की प्रक्रिया शुरू नहीं कर सकते हैं। CBIC ने स्पष्ट किया था कि यदि डिमांड ऑर्डर सर्व किए जाने के तीन महीने बाद भी टैक्सपेयर बकाया राशि का भुगतान नहीं करता है, तभी टैक्स अधिकारी रिकवरी की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं।

GST Recovery: जीएसटी बकाया वसूली के नए नियम
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GST Recovery: इस घोषणा का उद्देश्य टैक्सपेयर्स को पर्याप्त समय देना था ताकि वे अपने वित्तीय दायित्वों को पूरा कर सकें और अनावश्यक दबाव से बच सकें। इसके तहत, टैक्सपेयर्स को डिमांड ऑर्डर मिलने के बाद तीन महीने का समय दिया जाता है, जिसमें वे अपनी बकाया राशि का भुगतान कर सकते हैं। यह अवधि टैक्सपेयर्स को अपनी वित्तीय स्थिति को संभालने और बकाया राशि का निपटारा करने का अवसर देती है।

GST Recovery: CBIC का यह कदम टैक्सपेयर्स के हितों की सुरक्षा और एक सुगम प्रक्रिया सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया था। इससे टैक्स अधिकारियों और टैक्सपेयर्स के बीच पारदर्शिता और विश्वास बढ़ाने में मदद मिलती है। टैक्सपेयर्स को इस समयावधि का लाभ उठाकर अपनी वित्तीय जिम्मेदारियों को पूरा करना चाहिए।

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