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Forex Reserves Growth: विदेशी मुद्रा भंडार ने नए रिकॉर्ड को छूआ, 7 अरब डॉलर की वृद्धि के साथ 681.68 अरब डॉलर पर पहुंचा |

Forex Reserves Growth: 2024 के पहले आठ महीनों में विदेशी मुद्रा भंडार में 58 अरब डॉलर की वृद्धि |

Forex Reserves Growth: विदेशी मुद्रा भंडार ने नए रिकॉर्ड को छूआ, 7 अरब डॉलर की वृद्धि के साथ 681.68 अरब डॉलर पर पहुंचा |

Forex Reserves Growth: भारत का विदेशी मुद्रा भंडार हाल ही में एक नया रिकॉर्ड स्थापित करते हुए पहली बार 680 बिलियन डॉलर के पार पहुंच गया है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, 23 अगस्त 2024 को समाप्त हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में 7 बिलियन डॉलर की बढ़त हुई, जिससे यह 681.688 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया।

Forex Reserves Growth: इससे पहले के सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 674.66 बिलियन डॉलर था। इस महत्वपूर्ण वृद्धि ने भारत के आर्थिक स्थिरता और वित्तीय स्वास्थ्य को मजबूत किया है। विदेशी मुद्रा भंडार में इस प्रकार की वृद्धि भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीतियों और वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों पर निर्भर करती है। यह वृद्धि विदेशी निवेशकों के लिए सकारात्मक संकेत है और भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती को दर्शाती है।

Forex Reserves Growth: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 30 अगस्त 2024 को विदेशी मुद्रा भंडार से संबंधित नए आंकड़े जारी किए हैं। इन आंकड़ों के अनुसार, 23 अगस्त 2024 को समाप्त हुए हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार ने 7.023 बिलियन डॉलर की बढ़त के साथ 681.68 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है, जो कि अब तक का सबसे उच्चतम स्तर है।

Forex Reserves Growth: इस बढ़ोतरी में फॉरेन करेंसी एसेट्स की महत्वपूर्ण भूमिका रही है, जो 5.983 बिलियन डॉलर की वृद्धि के साथ 597.552 बिलियन डॉलर पर पहुंच गई है। इसके अलावा, RBI के गोल्ड रिजर्व में भी महत्वपूर्ण उछाल देखा गया है। यह 893 मिलियन डॉलर की वृद्धि के साथ 61 बिलियन डॉलर पर आ गया है।साथ ही, विशेष ड्रॉइंग राइट्स (एसडीआर) 118 मिलियन डॉलर की बढ़ोतरी के साथ 18.45 बिलियन डॉलर हो गए हैं। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में मौजूद रिजर्व भी 30 मिलियन डॉलर की वृद्धि के साथ 4.68 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है।

Forex Reserves Growth: ये आंकड़े भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत हैं और विदेशी मुद्रा भंडार के सुदृढ़ होने का संकेत देते हैं। यह वृद्धि भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीतियों और विदेशी निवेश के प्रति सकारात्मक रुझान को दर्शाती है। विदेशी मुद्रा भंडार में इस प्रकार की वृद्धि आर्थिक स्थिरता और विदेशी निवेशकों के विश्वास को भी प्रोत्साहित करती है।

Forex Reserves Growth: भारत में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI) में हाल की जोरदार बढ़ोतरी के चलते विदेशी मुद्रा भंडार में भी वृद्धि देखी गई है। पिछले कुछ ट्रेडिंग सेशन्स में भारतीय शेयर बाजार में काफी तेजी आई है, जिससे सेंसेक्स और निफ्टी ने नए ऑलटाइम हाई पर बंद होने का रिकॉर्ड बनाया है। विदेशी निवेशकों की सक्रियता और निवेश प्रवाह ने बाजार को मजबूती प्रदान की है।

Forex Reserves Growth: विदेशी मुद्रा भंडार ने नए रिकॉर्ड को छूआ, 7 अरब डॉलर की वृद्धि के साथ 681.68 अरब डॉलर पर पहुंचा |

Forex Reserves Growth: करेंसी मार्केट में भी बदलाव देखा गया है। शुक्रवार, 30 अगस्त 2024 को एक डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया मामूली मजबूती के साथ 83.86 के स्तर पर बंद हुआ। यह स्थिति भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिरता और विदेशी निवेशकों के विश्वास को दर्शाती है। विदेशी मुद्रा भंडार में इस वृद्धि का प्रभाव न केवल विदेशी निवेशकों के लिए सकारात्मक है, बल्कि यह भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीतियों और वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों का भी संकेत है।इस प्रकार की वृद्धि भारतीय बाजारों की मजबूती और विकास की दिशा को दर्शाती है, जो भविष्य में आर्थिक स्थिरता को प्रोत्साहित कर सकती है।

Forex Reserves Growth: साल 2024 में विदेशी निवेश में वृद्धि के कारण विदेशी मुद्रा भंडार में 58 बिलियन डॉलर का महत्वपूर्ण उछाल देखा गया है। 29 दिसंबर 2023 को विदेशी मुद्रा भंडार 623 बिलियन डॉलर था, जो अब 681 बिलियन डॉलर के पार पहुंच चुका है। यह वृद्धि विदेशी निवेशकों के बढ़ते विश्वास और भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती को दर्शाती है।

वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग द्वारा जारी जुलाई महीने के मंथली इकोनॉमिक रिव्यू के अनुसार, जून और जुलाई 2024 में कुल 10.8 बिलियन डॉलर का विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) हुआ है। इस निवेश प्रवाह ने विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि को गति प्रदान की है और भारतीय वित्तीय बाजारों की स्थिरता को मजबूत किया है।

Forex Reserves Growth: इस उछाल ने भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीतियों की प्रभावशीलता और विदेशी निवेशकों के भरोसे को उजागर किया है। इससे न केवल भारतीय बाजार में विश्वास बढ़ा है, बल्कि यह आर्थिक विकास के लिए भी सकारात्मक संकेत है। इस वृद्धि से भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती और वित्तीय स्थिति को और सुदृढ़ करने में मदद मिलेगी।

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