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BJP Reaction on Report: हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर बीजेपी की पहली प्रतिक्रिया, कहा- कुछ लोग देश की आर्थिक…

BJP Reaction on Report: सुधांशु त्रिवेदी का बयान; देश में आर्थिक अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहे कुछ लोग, LIC और HL पहले भी रहे हैं निशाने पर |

BJP Reaction on Report: हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर बीजेपी की पहली प्रतिक्रिया, कहा- कुछ लोग देश की आर्थिक…

BJP Reaction on Report: सुधांशु त्रिवेदी ने हाल ही में बयान दिया कि कुछ लोग जानबूझकर देश में आर्थिक अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि LIC और HL जैसी प्रमुख संस्थाओं को पहले भी निशाना बनाया गया था, और अब फिर से ऐसी विदेशी रिपोर्ट्स के जरिए उनकी साख को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। त्रिवेदी के इस बयान के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है।

BJP Reaction on Report: हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट ने देश की राजनीति में तूफान ला दिया है, जिसमें सेबी अध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इस रिपोर्ट के प्रकाश में आते ही विपक्ष ने मोदी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है, और मामले की गहन जांच की मांग की जा रही है। इन सबके बीच, भारतीय जनता पार्टी (BJP) की तरफ से पहली बार आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने आई है। पार्टी ने इस रिपोर्ट को लेकर विपक्ष की आलोचनाओं को खारिज करते हुए इसे देश की आर्थिक स्थिरता को कमजोर करने की साजिश करार दिया है। त्रिवेदी ने जोर देकर कहा कि ऐसी रिपोर्ट्स का मकसद सिर्फ अफवाहें फैलाना और जनता के बीच भ्रम पैदा करना है।

BJP Reaction on Report: बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग जानबूझकर देश में आर्थिक अराजकता पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष के संबंध सीमापार के तत्वों से जुड़े हो सकते हैं और इसके प्रमाण के रूप में उन्होंने राहुल गांधी का उल्लेख किया, जो पहले एक ब्रिटिश कंपनी में काम कर चुके हैं। त्रिवेदी ने दावा किया कि कांग्रेस का विदेशी कंपनियों के साथ एक पुराना संबंध है, और इसका उद्देश्य देश की आर्थिक संस्थाओं को कमजोर करना है।

BJP Reaction on Report: उन्होंने यह भी कहा कि पहले भी एलआईसी और एचएल जैसी प्रमुख संस्थाओं को बदनाम करने की कोशिश की गई थी। त्रिवेदी के अनुसार, हर बार जब संसद का सत्र चलता है, विदेश से कोई न कोई रिपोर्ट आती है, जिससे राजनीतिक माहौल को प्रभावित किया जाता है। उनके इस बयान के बाद सियासी हलचल बढ़ गई है, और उन्होंने विपक्ष पर गंभीर आरोप लगाते हुए इसे देश की आर्थिक स्थिरता के लिए खतरा बताया।

महुआ मोइत्रा ने की है सीबीआई जांच की मांग

BJP Reaction on Report: टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने इस मामले पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) के साथ टकराव और कब्जे का खेल चल रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सेबी की चेयरपर्सन अडानी ग्रुप में अपारदर्शी निवेशकों के साथ जुड़ी हुई हैं। इसके साथ ही, उन्होंने गौतम अडानी के समधी, सिरिल श्रॉफ, जो कॉर्पोरेट गवर्नेंस कमेटी के सदस्य हैं, को भी निशाने पर लिया। मोइत्रा ने कहा कि इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि सेबी के पास आने वाली सभी शिकायतें अनसुनी कर दी जाती हैं।

BJP Reaction on Report: महुआ मोइत्रा ने स्पष्ट किया कि जब तक सिरिल श्रॉफ सेबी के चेयरपर्सन के रूप में बने रहते हैं, तब तक अडानी समूह के खिलाफ चल रही जांच को लेकर सेबी पर भरोसा नहीं किया जा सकता। उन्होंने इस जानकारी को सार्वजनिक करते हुए सुप्रीम कोर्ट से अपील की कि वह अपने फैसले पर पुनर्विचार करे। मोइत्रा के इन बयानों ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है और सेबी की स्वतंत्रता और निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

हिंडनबर्ग ने सेबी प्रमुख पर लगाए हैं ये आरोप

BJP Reaction on Report: हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट में गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिसमें सेबी की अध्यक्ष माधबी बुच और उनके पति पर निशाना साधा गया है। रिपोर्ट के अनुसार, आरोप है कि बुच और उनके पति के पास उन ऑफशोर संस्थाओं में हिस्सेदारी थी, जो कथित तौर पर अडानी समूह द्वारा धन हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल की गई थीं। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि अडानी समूह पर यह रिपोर्ट करीब 18 महीने पहले जारी की गई थी, जिसमें इस बात के स्पष्ट प्रमाण पेश किए गए थे कि यह भारतीय समूह कॉर्पोरेट इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला कर रहा था।

BJP Reaction on Report: इस रिपोर्ट के बाद देश में राजनीतिक और आर्थिक हलचल बढ़ गई है, और सेबी की स्वतंत्रता और पारदर्शिता पर सवाल उठने लगे हैं। अडानी समूह पर पहले भी कई बार आरोप लग चुके हैं, लेकिन इस रिपोर्ट में जिन सबूतों का हवाला दिया गया है, उन्होंने मामले को और गंभीर बना दिया है। अब सभी की निगाहें सरकार और सेबी की प्रतिक्रिया पर टिकी हैं, कि वे इस मुद्दे पर क्या कदम उठाते हैं और इन आरोपों की सच्चाई का पता कैसे लगाया जाएगा।

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