Smart Meters in Gov Office :बिहार में सरकारी दफ्तरों में स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया शुरू, 3 महीने के एडवांस का प्रावधान है। जानें अधिक जानकारी !

Smart Meters in Gov Office : अब सरकारी दफ्तरों में भी लगाए जा रहे स्मार्ट मीटर, क्या है 3 महीनों के एडवांस का प्रावधान?

Smart Meters in Gov Office
Smart Meters in Gov Office :बिहार में सरकारी दफ्तरों में स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया शुरू, 3 महीने के एडवांस का प्रावधान है। जानें अधिक जानकारी !

Smart Meters in Gov Office: बिहार में स्मार्ट मीटरों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और अब सरकारी दफ्तरों में भी इन्हें लगाया जा रहा है। स्मार्ट प्रीपेड मीटरों के साथ तीन महीने के एडवांस का प्रावधान है, जिससे बिजली आपूर्ति और बिलिंग में पारदर्शिता और दक्षता आएगी।

स्मार्ट मीटर: एक अवलोकन

Smart Meters in Gov Office: स्मार्ट मीटर, पारंपरिक बिजली मीटरों के आधुनिक संस्करण हैं जो रीयल-टाइम डेटा संग्रहण और ट्रांसमिशन की सुविधा प्रदान करते हैं। इन मीटरों के माध्यम से उपभोक्ता और बिजली कंपनियां दोनों ही बिजली की खपत पर निगरानी रख सकते हैं। स्मार्ट मीटरों की कुछ प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

  1. रियल-टाइम डेटा ट्रांसमिशन: स्मार्ट मीटर बिजली की खपत को रियल-टाइम में ट्रैक करते हैं और डेटा को तुरंत बिजली कंपनी तक भेजते हैं, जिससे बिलिंग में सटीकता और पारदर्शिता सुनिश्चित होती है।
  2. ऑटोमेटेड रीडिंग: स्मार्ट मीटरों को मैन्युअल रीडिंग की आवश्यकता नहीं होती, जिससे मानवीय त्रुटियों की संभावना कम होती है।
  3. प्रेपेड और पोस्टपेड विकल्प: स्मार्ट मीटर प्रेपेड (पूर्व-भुगतान) और पोस्टपेड (बाद में भुगतान) दोनों विकल्पों में उपलब्ध होते हैं, जिससे उपभोक्ता अपनी सुविधा के अनुसार भुगतान कर सकते हैं।
  4. बिजली की खपत पर नियंत्रण: उपभोक्ता अपनी बिजली की खपत पर निगरानी रख सकते हैं और जरूरत के अनुसार खर्च को नियंत्रित कर सकते हैं।

सरकारी दफ्तरों में स्मार्ट मीटरों की स्थापना

Smart Meters in Gov Office : हाल ही में, बिहार सरकार ने सरकारी दफ्तरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की योजना की घोषणा की है। इस योजना के तहत, उन सरकारी दफ्तरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे जिनका बिजली कनेक्शन 20 किलोवाट तक है। इसके साथ ही, इन मीटरों के संचालन के लिए तीन महीने के एडवांस का भी प्रावधान किया गया है।

तीन महीने के एडवांस का प्रावधान

Smart Meters in Gov Office : इस प्रावधान का मुख्य उद्देश्य सरकारी दफ्तरों को स्मार्ट मीटरों के रिचार्ज में सहायता प्रदान करना है। सरकारी दफ्तरों में बिजली बिल साल में एक बार जारी होता है, और स्मार्ट प्रीपेड मीटर के लिए नियमित रिचार्ज की आवश्यकता होती है। तीन महीने के एडवांस का प्रावधान इस समस्या का समाधान प्रदान करता है। इसके तहत, दफ्तरों की बिजली खपत का आकलन करके, तीन महीने के खर्च के बराबर राशि का आवंटन किया जाएगा। इस राशि का उपयोग स्मार्ट प्रीपेड मीटर के रिचार्ज के लिए किया जाएगा, जिससे मीटर की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित हो सके।

स्मार्ट मीटर की स्थापना की वर्तमान स्थिति

Smart Meters in Gov Office : बिजली कंपनी के अधिकारियों के अनुसार, अब तक सरकारी दफ्तरों में 10 हजार स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जा चुके हैं। इनमें जिलों के विभिन्न सरकारी दफ्तर भी शामिल हैं। स्मार्ट मीटरों की स्थापना अलग-अलग सेल के आधार पर की जा रही है, जिससे बिजली की खपत और दुरुपयोग पर नियंत्रण रखा जा सके।

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20 किलोवाट से अधिक कनेक्शन पर स्मार्ट मीटर की कठिनाइयाँ

Smart Meters in Gov Office : बिजली कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि 20 किलोवाट से अधिक के कनेक्शन पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाना संभव नहीं होगा। इसका कारण यह है कि ऐसे कनेक्शन पर स्मार्ट मीटर जल सकता है। इस प्रकार, स्मार्ट मीटर की स्थापना विशेष रूप से उन दफ्तरों में की जा रही है जिनके कनेक्शन 20 किलोवाट तक हैं। यह निर्णय बिजली की दुरुपयोग को रोकने और प्रबंधन को सुगम बनाने के लिए लिया गया है।

सरकारी आवासों में स्मार्ट मीटर की योजना

Smart Meters in Gov Office : सरकारी दफ्तरों के बाद, अब सरकारी आवासों में भी स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की योजना पर काम किया जा रहा है। सरकार सूची तैयार कर रही है कि कौन से सरकारी आवास किस विभाग के अधीन हैं। अधिकांश सरकारी आवासों में बिजली का कनेक्शन 20 किलोवाट के अंदर होता है, इसलिए वहां स्मार्ट प्रीपेड मीटर की स्थापना आसानी से की जा सकती है।

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Smart Meters in Gov Office :बिहार में सरकारी दफ्तरों में स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया शुरू, 3 महीने के एडवांस का प्रावधान है। जानें अधिक जानकारी !

सारांश

Smart Meters in Gov Office : स्मार्ट मीटरों का उपयोग बिजली प्रबंधन में क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है। सरकारी दफ्तरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटरों की स्थापना और तीन महीने के एडवांस का प्रावधान इस बात का प्रमाण है कि बिहार सरकार बिजली आपूर्ति और बिलिंग प्रणाली को अधिक पारदर्शी और सुगम बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इससे न केवल बिजली के दुरुपयोग को रोका जा सकेगा, बल्कि सरकारी दफ्तरों के बिजली खर्च का उचित प्रबंधन भी सुनिश्चित होगा। भविष्य में, यह पहल अन्य क्षेत्रों में भी अपनाई जा सकती है, जिससे पूरे राज्य में बिजली प्रबंधन प्रणाली में सुधार हो सके।

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