Smart Meter Dispute : स्मार्ट मीटर लगाने से इनकार पर गांव की बिजली बंद, बिहार में मचा हंगामा !

Smart Meter Dispute : बिहार में स्मार्ट मीटर लगाने की पहल और इसके प्रभाव !

Smart Meter Dispute
Smart Meter Dispute : स्मार्ट मीटर लगाने से इनकार पर गांव की बिजली बंद, बिहार में मचा हंगामा !

Smart Meter Dispute : बिहार में स्मार्ट मीटर लगाने की योजना ने ग्रामीणों के बीच विरोध और विवाद को जन्म दिया। दरभंगा के मिल्ली चक गांव में इस योजना का भारी विरोध हुआ, जिससे पूरे गांव की बिजली काट दी गई। योजना का उद्देश्य बिजली चोरी रोकना और बिलिंग प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना है।

मिल्ली चक गांव का मामला: स्मार्ट मीटर लगाने पर विरोध और बिजली कटौती

Smart Meter Dispute :  दरभंगा जिले के बहादुरपुर प्रखंड की दिलावरपुर पंचायत के मिल्ली चक गांव में बिजली विभाग ने स्मार्ट मीटर लगाने की कोशिश की, लेकिन गांव वालों ने इसका जमकर विरोध किया। ग्रामीणों का मानना था कि स्मार्ट मीटर से बिल अधिक आता है और यह जल्दी खराब हो जाते हैं। इसी विरोध के चलते, बिजली विभाग ने गांव की बिजली काट दी, जिससे गांववाले नाराज होकर सड़कों पर उतर आए। इस घटना ने न केवल स्थानीय प्रशासन बल्कि पूरे राज्य के बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

स्मार्ट मीटर: भ्रांतियाँ और वास्तविकता

Smart Meter Dispute : ग्रामीण क्षेत्रों में स्मार्ट मीटर को लेकर कई भ्रांतियाँ फैली हुई हैं। प्रमुख रूप से, लोगों का मानना है कि स्मार्ट मीटर से बिजली का बिल अधिक आता है और यह मीटर तेजी से चलता है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा, ग्रामीणों को यह भी चिंता है कि स्मार्ट मीटर में तकनीकी खराबियाँ ज्यादा होती हैं, जिससे उन्हें बार-बार परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

वास्तव में, स्मार्ट मीटर पारंपरिक मीटरों की तुलना में अधिक सटीकता से बिजली की खपत का आकलन करते हैं। इन मीटरों में प्रीपेड और पोस्टपेड दोनों प्रकार की सुविधा होती है, जिससे उपभोक्ता अपनी जरूरत और सुविधा के अनुसार बिजली का उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा, स्मार्ट मीटर से बिजली चोरी पर भी रोक लगाई जा सकती है, क्योंकि यह मीटर तत्काल सूचना भेजता है जब किसी प्रकार की अनियमितता होती है।

स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया और समस्याएं

Smart Meter Dispute : बिहार में स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया को दो चरणों में बांटा गया है। पहले चरण में शहरी क्षेत्रों में मीटर लगाए गए, जबकि दूसरे चरण में अप्रैल 2023 से ग्रामीण क्षेत्रों में मीटर लगाने का काम शुरू हुआ। इस योजना के अंतर्गत, अगस्त 2025 तक कुल 3 लाख 20 हजार स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

हालांकि, इस प्रक्रिया में कई प्रकार की समस्याएँ सामने आ रही हैं। स्मार्ट मीटर लगाने वाली कंपनियाँ और बिजली विभाग के कर्मी ग्रामीणों के विरोध का सामना कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में, लोगों का डर और असंतोष इतना बढ़ गया है कि वे अपने घरों में स्मार्ट मीटर लगाने वाली टीम को प्रवेश तक नहीं करने दे रहे। इसका मुख्य कारण स्मार्ट मीटर के बारे में फैली गलतफहमियाँ और बिजली विभाग की ओर से उचित जागरूकता का अभाव है।

बिजली विभाग की तरकीब और ग्रामीणों को मनाने का प्रयास

Smart Meter Dispute : स्मार्ट मीटर के प्रति ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए बिजली विभाग ने एक अनूठी तरकीब निकाली। उन्होंने पारंपरिक मीटर के साथ-साथ स्मार्ट मीटर भी लगाने का प्रस्ताव रखा, जिससे ग्रामीण यह देख सकें कि स्मार्ट मीटर की रीडिंग पारंपरिक मीटर के मुकाबले कितनी सही है। इस उपाय ने कुछ हद तक ग्रामीणों का विश्वास जीतने में सफलता प्राप्त की है।

बिजली विभाग के अधिकारी खुद गांवों का दौरा कर रहे हैं और लोगों को स्मार्ट मीटर के फायदे समझाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने इस संबंध में कुछ पर्चे भी तैयार किए हैं, जिनमें स्मार्ट मीटर के लाभ और उनकी विशेषताओं का वर्णन किया गया है। इन प्रयासों से ग्रामीणों के बीच फैली भ्रांतियों को दूर करने में मदद मिली है, और धीरे-धीरे लोग स्मार्ट मीटर को अपनाने के लिए तैयार हो रहे हैं।

सरकारी प्रयास और भविष्य की योजनाएँ

Smart Meter Dispute : सरकार ने स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया को सुचारू बनाने और ग्रामीणों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए कई कदम उठाए हैं। बिजली विभाग ने जिले में अपने दफ्तर खोले हैं और नियमित रूप से मॉनीटरिंग की जा रही है कि किस प्रकार से स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। इसके अलावा, सरकार ने तय किया है कि हर गांव में बिजली कंपनी के अधिकारी पहुंचेंगे और ग्रामीणों को स्मार्ट मीटर के लाभ समझाएंगे।

अगस्त 2025 तक, सरकार का लक्ष्य है कि पूरे राज्य में सभी घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जाएँ। इस योजना के तहत, उपभोक्ताओं को समय पर बिजली का बिल जमा करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, ताकि बिजली की आपूर्ति में कोई बाधा न आए। यदि किसी कारणवश बिल जमा नहीं होता है, तो स्मार्ट मीटर की सुविधा के कारण बिजली स्वत: बंद हो जाएगी, जिससे उपभोक्ता को अपने बिल की समय पर जानकारी प्राप्त हो सकेगी।

निष्कर्ष

Smart Meter Dispute : बिहार में स्मार्ट मीटर लगाने की योजना को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में विरोध और असंतोष की स्थिति बनी हुई है। हालांकि, सरकार और बिजली विभाग ने इस समस्या के समाधान के लिए कई प्रयास किए हैं, जिनमें ग्रामीणों को जागरूक करना, उनके विश्वास को जीतना, और स्मार्ट मीटर के लाभ समझाना शामिल है।

दरभंगा जिले के मिल्ली चक गांव में हुई घटना ने यह स्पष्ट किया कि स्मार्ट मीटर के बारे में सही जानकारी का अभाव और डर ही विरोध का मुख्य कारण है। यदि सरकार और बिजली विभाग अपने जागरूकता कार्यक्रमों को और अधिक सुदृढ़ करते हैं, तो भविष्य में इस प्रकार के विरोधों को कम किया जा सकता है।

Smart Meter Dispute : स्मार्ट मीटर न केवल उपभोक्ताओं के लिए बल्कि बिजली विभाग के लिए भी फायदेमंद हैं, क्योंकि यह मीटर अधिक सटीकता से बिजली की खपत का आकलन करते हैं और बिजली चोरी को रोकने में मददगार होते हैं। इस योजना के सफल कार्यान्वयन से राज्य की बिजली आपूर्ति व्यवस्था में सुधार हो सकता है, जिससे बिजली की आपूर्ति में स्थिरता और पारदर्शिता आ सकेगी।

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