Rivers Cause Destruction In India : हर बारिश में बड़ी नदियों का रौद्र रूप, पानी से तबाही की स्थिति बन जाती है।

rivers cause destruction in india : हर बारिश में बड़ी नदियों का रौद्र रूप, पानी से तबाही की स्थिति बन जाती है।

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Rivers cause destruction in india: हर बारिश में ये बड़ी नदियां दिखाती हैं अपना रौद्र रूप, पानी से मच जाती है तबाही !

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rivers cause destruction in india : हर बारिश में बड़ी नदियों का रौद्र रूप, पानी से तबाही की स्थिति बन जाती है।

Rivers cause destruction in india: हर साल मानसून के वक्त उत्तर भारत से लेकर पश्चिम चंपारण तक कई नदियों का जल स्तर बढ़ जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश की प्रमुख किन नदियों के कारण बाढ़ आता है? देशभर में हर साल मानसून के कारण अलग-अलग राज्यों में भारी तबाही देखने को मिलती है। मानसून के वक्त देश की कई नदियां उफान पर अपना रौद्र रूप दिखाती हैं, जिसके कारण कई इलाके प्रभावित होते हैं। आज हम आपको बताएंगे कि देश की वो कौन सी प्रमुख नदियां हैं, जो भारी बारिश के कारण तबाही मचाती हैं।

उत्तर बिहार की बारिश और नदियों का उफान

Rivers cause destruction in india : उत्तर बिहार में लगातार वर्षा से नदियों में उफान पर रहती हैं। पश्चिम चंपारण से लेकर मिथिलांचल तक नदियों का जल स्तर बढ़ जाता है। हर साल इन नदियों का जल स्तर बढ़ने के कारण लाखों लोग प्रभावित होते हैं। इन नदियों के कारण बाढ़ की स्थिति अत्यंत गंभीर हो जाती है, जिससे जान-माल का भारी नुकसान होता है।

प्रमुख नदियां जो मानसून के दौरान तबाही मचाती हैं

1. ब्रह्मपुत्र नदी

Rivers cause destruction in india : ब्रह्मपुत्र नदी चीन से निकलती है और दुनिया की नौंवी सबसे लंबी नदी है। हर साल बारिश के कारण इस नदी का जलस्तर बढ़ जाता है और यह असम के साथ अरुणाचल प्रदेश और बांग्लादेश के कई इलाकों को प्रभावित करती है। ब्रह्मपुत्र नदी के उफान से इन क्षेत्रों में बाढ़ की समस्या गंभीर हो जाती है और स्थानीय लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

2. कोसी नदी

Rivers cause destruction in india : कोसी नदी को कई बार बिहार का अभिशाप भी कहा जाता है। हर साल बारिश के समय कोसी से लगते कई जिलों में भीषण बाढ़ आती है और सबकुछ अपने साथ बहाकर ले जाती है। विशेषकर बिहार के सहरसा, सुपौल, मधेपुरा और आसपास के जिलों में तबाही हर साल की बात है। 2008 में कोसी नदी ने बिहार में भारी तबाही मचाई थी, जिसमें 23 लाख लोग प्रभावित हुए थे। यह नदी नेपाल में हिमालय से निकलती है और बिहार में भीम नगर के रास्ते से दाखिल होती है। पिछले 250 वर्षों में इस नदी ने 120 किमी का विस्तार कर चुकी है।

3. गंडक नदी

Rivers cause destruction in india : नेपाल से आने वाली नदियों में गंडक और बूढ़ी गंडक प्रमुख नदियां हैं। बारिश के बाद इनके उफान से बिहार के कई जिले प्रभावित होते हैं। इन जिलों में पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, वैशाली एवं सारण के कई इलाके शामिल हैं। गंडक नदी के उफान से इन इलाकों में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो जाती है और लोग बाढ़ के कारण बेघर हो जाते हैं।

4. बागमती नदी

Rivers cause destruction in india : नेपाल से निकलने वाली बागमती नदी उत्तर बिहार के कई जिलों में बाढ़ का प्रमुख कारण है। इनमें सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, मधुबनी समेत कई अन्य जिले भी शामिल हैं। बिहार में इस नदी की कुल लम्बाई 394 किलोमीटर है। वहीं इसकी सहायक नदियां हैं विष्णुमति, लखनदेई, लालबकेया, चकनाहा, जमुने, सिपरीधार, छोटी बागमती और कोला नदी। बागमती नदी के उफान से इन जिलों में बाढ़ की समस्या उत्पन्न होती है और स्थानीय लोग प्रभावित होते हैं।

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rivers cause destruction in india : हर बारिश में बड़ी नदियों का रौद्र रूप, पानी से तबाही की स्थिति बन जाती है।

5. गोमती नदी

Rivers cause destruction in india : गोमती उत्तर प्रदेश में बहने वाली एक प्रमुख नदी है। इसका उद्गम पीलीभीत जिले की तहसील माधौटान्डा के पास फुल्हर झील से होता है। भारी बारिश के कारण गोमती समेत कई नदियों का पानी उफान पर होता है। गोमती नदी में बाढ़ के कारण लखनऊ से सटे बीकेटी और इटौंजा के कई इलाके बाढ़ जैसे हालात का सामना करते हैं। गोमती नदी के उफान से उत्तर प्रदेश के इन इलाकों में बाढ़ की समस्या गंभीर हो जाती है।

6. नर्मदा नदी

Rivers cause destruction in india : नर्मदा नदी का उफनता पानी मध्य प्रदेश और गुजरात के कई इलाकों में हर साल तबाही का कारण बनता है। यह गोदावरी नदी और कृष्णा नदी के बाद भारत के अंदर बहने वाली तीसरी सबसे लंबी नदी है। मध्य प्रदेश में इसके विशाल योगदान के कारण इसे “मध्य प्रदेश की जीवन रेखा” भी कहा जाता है। जून 2015 में आए मॉनसून ने गुजरात को पानी-पानी कर दिया था। कई बार यह नदी बाढ़ का कारण बनती है और इसके परिणामस्वरूप लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

7. गोदावरी नदी

Rivers cause destruction in india : गोदावरी नदी महाराष्ट्र, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से बहते हुए राजमुंद्री शहर के समीप बंगाल की खाड़ी में जाकर मिलती है। इसकी उपनदियों में प्रमुख हैं प्राणहिता, इन्द्रावती, मंजिरा। बरसात के समय गोदावरी का जल स्तर भी बढ़ जाता है और जिसके कारण आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी और पश्चिमी गोदावरी जिले और महाराष्ट्र के नासिक समेत कई जिले प्रभावित होते हैं। गोदावरी नदी के उफान से इन इलाकों में बाढ़ की समस्या गंभीर हो जाती है।

8. गंगा नदी

Rivers cause destruction in india: गंगा नदी को उत्तर भारत की जीवनरेखा कहा जाता है। गंगा भारत की सबसे महत्त्वपूर्ण नदी है। यह भारत और बांग्लादेश में कुल मिलाकर 2525 किलोमीटर की दूरी तय करती है। उत्तराखंड में हिमालय से लेकर बंगाल की खाड़ी के सुंदरवन तक विशाल भू-भाग सींचती है। गंगा का जलस्तर बढ़ने पर सबसे ज्यादा उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र को दिक्कत का सामना करना पड़ता है। गंगा नदी के उफान से इन इलाकों में बाढ़ की समस्या उत्पन्न होती है और स्थानीय लोग प्रभावित होते हैं।

बाढ़ के कारण और प्रभाव

बाढ़ के कारण

Rivers cause destruction in india : मानसून के दौरान बाढ़ के कई कारण होते हैं, जिनमें से प्रमुख हैं:

  1. अत्यधिक वर्षा: मानसून के दौरान अत्यधिक वर्षा के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ जाता है, जिससे बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होती है।
  2. अवरोधित नदी मार्ग: नदियों के मार्ग में अवरोध उत्पन्न होने से जल का प्रवाह बाधित होता है, जिससे बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होती है।
  3. बांधों का टूटना: बाढ़ के दौरान बांधों का टूटना भी बाढ़ का एक प्रमुख कारण होता है। जब बांध टूटते हैं, तो बड़ी मात्रा में जल बहकर बाढ़ की स्थिति उत्पन्न करता है।
  4. वनों की कटाई: वनों की कटाई के कारण जल धारण क्षमता कम हो जाती है, जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है।

बाढ़ के प्रभाव

Rivers cause destruction in india : बाढ़ के प्रभाव बहुत गंभीर होते हैं और इनमें प्रमुख हैं:

  1. मानव जीवन का नुकसान: बाढ़ के कारण कई लोग बेघर हो जाते हैं और कई लोगों की मृत्यु हो जाती है।
  2. संपत्ति का नुकसान: बाढ़ के कारण मकान, फसलें और अन्य संपत्तियों का भारी नुकसान होता है।
  3. स्वास्थ्य समस्याएं: बाढ़ के कारण जलजनित रोग फैलने का खतरा बढ़ जाता है, जिससे स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
  4. आर्थिक नुकसान: बाढ़ के कारण आर्थिक गतिविधियां प्रभावित होती हैं और सरकार को पुनर्वास और राहत कार्यों पर भारी खर्च करना पड़ता है।

निष्कर्ष

Rivers cause destruction in india : हर साल मानसून के दौरान देश की कई प्रमुख नदियां उफान पर आकर अपना रौद्र रूप दिखाती हैं और इसके परिणामस्वरूप बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होती है। बाढ़ के कारण लाखों लोग प्रभावित होते हैं और संपत्ति का भारी नुकसान होता है। हमें इन नदियों के जलस्तर को नियंत्रित करने और बाढ़ से बचाव के उपायों को अपनाने की जरूरत है ताकि मानव जीवन और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

Rivers cause destruction in india : बाढ़ की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सरकार और समाज को मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है। नदियों के जलस्तर की निगरानी, अवरोधों को हटाने, बांधों की मजबूती और वन संरक्षण जैसे उपाय अपनाकर हम बाढ़ की स्थिति को नियंत्रित कर सकते हैं और बाढ़ के प्रभाव को कम कर सकते हैं।

इस दिशा में उठाए गए कदम हमें न केवल बाढ़ से बचाएंगे बल्कि हमारी नदियों और पर्यावरण को भी संरक्षित रखेंगे।

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