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Prashant Kishor V/S Vikas Vaibhav: बिहार की राजनीति में प्रशांत किशोर और विकास वैभव का संभावित सामना; आईपीएस का बयान |

Prashant Kishor V/S Vikas Vaibhav: एनडीए और ‘इंडिया’ गठबंधन के साथ बिहार चुनाव में सक्रिय प्रशांत किशोर पर आईपीएस विकास वैभव ने की अप्रत्यक्ष आलोचना |

Prashant Kishor V/S Vikas Vaibhav: बिहार की राजनीति में प्रशांत किशोर और विकास वैभव का संभावित सामना; आईपीएस का बयान |

Prashant Kishor V/S Vikas Vaibhav: बिहार विधानसभा चुनाव में एक साल का समय बचा है, और राजनीति में गर्मी तेज हो गई है। एनडीए और ‘इंडिया’ गठबंधन चुनावी तैयारियों में जुटे हैं, जबकि प्रशांत किशोर, जो राजनीतिक रणनीति के माहिर माने जाते हैं, भी चुनावी मैदान में पूरी ताकत से सक्रिय हैं। उनकी रणनीतियों ने बिहार की राजनीति में काफी हलचल मचा रखी है।

Prashant Kishor V/S Vikas Vaibhav: इस बीच, ‘लेट्स इंस्पायर बिहार’ अभियान के संचालक आईपीएस विकास वैभव भी चर्चा में हैं। शुक्रवार को एबीपी न्यूज़ के संवाददाता से बातचीत के दौरान, विकास वैभव ने प्रशांत किशोर पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर में ऐसा कुछ भी खास नहीं है जो अन्य पार्टी नेताओं से अलग हो। उनकी दृष्टिकोण और रणनीतियाँ किसी से भिन्न नहीं हैं। इसके अलावा, राजनीति में अपने संभावित प्रवेश को लेकर उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसी कोई योजना नहीं है। उनके इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि वह अभी अपनी मौजूदा भूमिका में ही संतुष्ट हैं।

प्रशांत किशोर का बिना नाम लिए विकास वैभव क्या बोले?

Prashant Kishor V/S Vikas Vaibhav: प्रशांत किशोर के बारे में पूछे गए सवाल पर आईपीएस विकास वैभव ने बिहार के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण दृष्टिकोण साझा किया। उन्होंने कहा कि बिहार की तरक्की तभी संभव है जब लोग जाति और समुदाय की सीमाओं से ऊपर उठकर सोचें। वर्तमान राजनीति में शामिल या राजनीति में आने की इच्छा रखने वाले अधिकांश लोगों की सोच जाति और संप्रदाय पर आधारित होती है। टिकट वितरण और नेताओं के चयन में इसी आधार को प्राथमिकता दी जाती है, जो बिहार की प्रगति के लिए बाधक है।

Prashant Kishor V/S Vikas Vaibhav: वैभव ने उदाहरण देते हुए कहा कि प्राचीन काल में भी बिहार में जातियाँ थीं, लेकिन उस समय का जातिवाद आज के जातिवाद के स्तर का नहीं था। अगर उस समय जातिवाद की स्थिति इतनी खराब होती, तो मगध में नंद वंश का उदय नहीं होता, जो एक निम्न जाति से था। इस प्रकार, उन्होंने जोर देते हुए कहा कि बिहार को वास्तव में बदलने के लिए जातिवाद और संप्रदायवाद से ऊपर उठना होगा।

Prashant Kishor V/S Vikas Vaibhav: विकास वैभव ने कहा कि बिहार का विकास तभी संभव होगा जब लोग जाति और समुदाय की सीमाओं से ऊपर उठकर सोचेंगे। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि आचार्य चाणक्य भी चंद्रगुप्त से उसकी जाति के बारे में पूछते थे, लेकिन उनका उद्देश्य किसी की जाति को नीचा दिखाना नहीं था, बल्कि योग्य और सक्षम नेतृत्व की पहचान करना था। वैभव ने जोर देते हुए कहा कि बिहार का विकास उन दिनों की तरह सोचने की जरूरत है, जब जाति और संप्रदाय से ऊपर उठकर विचार किए जाते थे।

Prashant Kishor V/S Vikas Vaibhav: उन्होंने यह भी कहा कि यदि कुछ लोग अपने स्वार्थ के लिए प्रयास करते हैं या कर रहे हैं, तो परिवर्तन संभव नहीं है। बिहार को वास्तव में बदलने के लिए हर व्यक्ति को जाति की परिधि से बाहर सोचना होगा और राज्य के विकास में सक्रिय भूमिका निभानी होगी। सभी बिहारवासियों को आगे आकर एक समान दृष्टिकोण अपनाना होगा, ताकि राज्य की तरक्की सुनिश्चित की जा सके और जातिवादी बाधाओं को पार किया जा सके।

विकास वैभव ने बतया अपना विजन

Prashant Kishor V/S Vikas Vaibhav: विकास वैभव ने हाल ही में एक बातचीत में अपने व्यक्तिगत और पेशेवर दृष्टिकोण को साझा किया। उन्होंने कहा कि वह एक आईपीएस अधिकारी होने के बावजूद अपने आप को पहले एक बिहारी मानते हैं। भोपाल में अपनी पोस्टिंग के दौरान, उन्हें अक्सर बिहारी कहकर निम्न दृष्टि से देखा जाता था। इस अनुभव ने उन्हें बिहार की स्थिति सुधारने का संकल्प लिया। आईपीएस बनने के बाद भी, उनकी प्राथमिक सोच यह थी कि बिहार के लोगों को शिक्षा और रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएं।

Prashant Kishor V/S Vikas Vaibhav: बिहार की राजनीति में प्रशांत किशोर और विकास वैभव का संभावित सामना; आईपीएस का बयान |

Prashant Kishor V/S Vikas Vaibhav: विकास वैभव ने बताया कि उनके इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए उन्होंने शिक्षा, समता, और उद्यमिता के तीन प्रमुख मंत्र अपनाए हैं। उन्होंने विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किए हैं और कई लोगों को अपने अभियान में शामिल किया है। उनका लक्ष्य 2047 तक बिहार के हर नागरिक को शिक्षा और रोजगार के अवसर प्रदान करना है। उनके अनुसार, इन कार्यक्रमों से कई लोगों को लाभ मिल रहा है और समाज में सकारात्मक बदलाव आ रहा है।

Prashant Kishor V/S Vikas Vaibhav: राजनीति में अपने संभावित प्रवेश को लेकर उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्हें इसका कोई इरादा नहीं है। उनका मानना है कि लोगों के विकास के लिए राजनीति में आना अनिवार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि समाज की भलाई के लिए उनके अभियान और प्रयास जारी रहेंगे, भले ही वह राजनीति में सक्रिय न हों। उनके विचार और कार्य बिहार के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहे हैं।

Prashant Kishor V/S Vikas Vaibhav: आईपीएस विकास वैभव ने पिछले तीन-चार सालों से बिहार में शिक्षा और रोजगार जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर जोर देते हुए एक सामाजिक अभियान चलाया है। तीन साल पहले उन्होंने ‘लेट्स इंस्पायर बिहार’ अभियान की शुरुआत की थी, जिसका उद्देश्य राज्य के लोगों को शिक्षा और रोजगार के अवसरों से जोड़ना है। इस अभियान के तहत, वैभव ने विभिन्न कार्यक्रमों और पहलों का आयोजन किया है ताकि अधिक से अधिक लोगों को इन महत्वपूर्ण मुद्दों के प्रति जागरूक किया जा सके।

Prashant Kishor V/S Vikas Vaibhav: 25 अगस्त को पटना में इस अभियान के अंतर्गत एक बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी और बिहार के उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा भी शामिल होंगे। यह आयोजन न केवल बिहार में चल रहे इस सामाजिक अभियान को समर्थन देगा, बल्कि राज्य के विकास के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश भी प्रदान करेगा। वैभव के इस प्रयास से बिहार में शिक्षा और रोजगार की स्थिति में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है, और यह कार्यक्रम इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

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