Lalu Yadav bail: लैंड फॉर जॉब केस में सभी आरोपितों को एक लाख के मुचलके पर जमानत, अगली सुनवाई 25 अक्टूबर को |
Lalu Yadav bail: राउज एवेन्यू कोर्ट ने लैंड फॉर जॉब मामले में लालू प्रसाद यादव समेत सभी 9 आरोपितों को जमानत दे दी है। यह सुनवाई सोमवार, 7 अक्टूबर को हुई, जिसमें कोर्ट ने सभी आरोपितों को एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत देने का फैसला किया। इसके साथ ही कोर्ट ने सभी आरोपितों को पासपोर्ट सरेंडर करने का निर्देश भी दिया है, ताकि वे विदेश न जा सकें। इस मामले की अगली सुनवाई 25 अक्टूबर को तय की गई है।
Lalu Yadav bail: लैंड फॉर जॉब मामले में लालू प्रसाद यादव, जो पूर्व रेल मंत्री रह चुके हैं, के साथ उनके बेटे तेजस्वी यादव, बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री, और बेटी मीसा भारती भी आरोपित हैं। सोमवार को सुनवाई के दौरान लालू यादव, तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव और मीसा भारती राउज एवेन्यू कोर्ट में उपस्थित थे। ये सभी एक ही टेबल पर साथ बैठे थे, जो इस मामले में पारिवारिक एकजुटता को दर्शाता है।
Lalu Yadav bail: यह मामला तब सामने आया जब आरोप लगा कि लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहते हुए, कुछ लोगों को रेलवे में नौकरी के बदले में जमीन दी गई थी। इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जांच के बाद आरोप पत्र दाखिल किया, जिसके बाद कोर्ट ने सभी आरोपितों को पेश होने के लिए समन जारी किया था। अब 25 अक्टूबर को होने वाली सुनवाई में इस मामले में आगे की कार्यवाही की जाएगी।
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Lalu Yadav bail: ईडी ने तेज प्रताप को नहीं बनाया था आरोपित
Lalu Yadav bail: हालांकि, ईडी ने लैंड फॉर जॉब मामले की चार्जशीट में तेज प्रताप यादव का नाम आरोपितों की सूची में शामिल नहीं किया था, लेकिन राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें समन जारी किया। कोर्ट ने यह तर्क दिया कि तेज प्रताप यादव, लालू यादव परिवार के सदस्य हैं, और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में उनकी भूमिका से पूरी तरह इनकार नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए कहा कि बड़े पैमाने पर जमीन का ट्रांसफर हुआ है, और इस प्रक्रिया में यादव परिवार द्वारा अपने पद का दुरुपयोग किया गया है।
Lalu Yadav bail: कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यादव परिवार के नाम पर ही जमीनों का हस्तांतरण हुआ है, जिससे संदेह की स्थिति बनी हुई है। यह पहली बार है जब लैंड फॉर जॉब मामले में तेज प्रताप यादव को कोर्ट से समन जारी हुआ है। 18 सितंबर को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर चार्जशीट के बाद, कोर्ट ने तेज प्रताप यादव को मामले में उपस्थित होने के लिए समन भेजा था।
Lalu Yadav bail: अब, सभी आरोपितों को जमानत मिलने के बाद उन्हें बड़ी राहत मिली है, क्योंकि इस मामले की जांच काफी समय से चल रही थी और परिवार के सदस्यों पर लगातार दबाव बना हुआ था। अगली सुनवाई के बाद ही इस मामले में आगे की स्थिति स्पष्ट होगी, लेकिन फिलहाल, जमानत मिलने से सभी आरोपितों ने कुछ समय के लिए राहत की सांस ली है।
Lalu Yadav bail: यह आरोप है कि 2004 से 2009 के बीच, जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे, उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए रेलवे में नौकरी के बदले जमीन हासिल की थी। इस मामले में जमीन के बदले नौकरी दिलाने का आरोप उन पर लगा है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) इस मामले की जांच कर रहा है, जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े पहलुओं की भी जांच की जा रही है। इस आरोप ने लालू यादव और उनके परिवार को कानूनी मुश्किलों में डाल दिया है।