Bihar Monsoon: बिहार में वर्षा की कमी से संकट गहराया; कई क्षेत्रों में सूखे की आशंका, किसान परेशान |
बिहार में वर्षा की कमी ने संकट पैदा कर दिया है। Bihar Monsoon की बेरुखी से राज्य के कई हिस्सों में सूखे जैसी स्थिति बनती दिख रही है। वर्षा की कमी के कारण किसान भी बेहद चिंतित और परेशान हैं। आज 30 जुलाई है, और कल 31 जुलाई को यह महीना समाप्त हो जाएगा। जून और जुलाई Bihar Monsoon सीजन के दो महत्वपूर्ण महीने माने जाते हैं, लेकिन इस साल इन दो महीनों के दौरान बिहार में वर्षा की स्थिति बेहद असमान रही है।
Bihar Monsoon: मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, राज्य के कुछ जिलों में अब तक 35% कम वर्षा हुई है। पटना सहित 8 जिलों में 50% से भी कम वर्षा दर्ज की गई है। इस स्थिति ने किसानों की चिंताएं और बढ़ा दी हैं, क्योंकि पानी की कमी से फसलों की वृद्धि प्रभावित हो रही है। राज्य में सूखे के हालात साफ नजर आ रहे हैं, जिससे किसानों की परेशानी और भी बढ़ गई है। यदि आने वाले दिनों में पर्याप्त वर्षा नहीं हुई, तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है, जिससे राज्य की कृषि और अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ेगा।
Bihar Monsoon:धान रोपाई के लिए कम वर्षा से बढ़ी चिंता
Bihar Monsoon: धान की रोपाई के लिए कम वर्षा होना चिंता का विषय बना हुआ है। सबसे अधिक प्रभावित जिलों में पटना, भभुआ, दरभंगा, मधेपुरा, सहरसा, समस्तीपुर, सारण और वैशाली शामिल हैं, जहां सामान्य से 50% कम वर्षा दर्ज की गई है। बक्सर, जहानाबाद, कटिहार, लखीसराय, नालंदा, शेखपुरा और समस्तीपुर में भी स्थिति अच्छी नहीं है, यहाँ 30% से भी कम वर्षा हुई है।
हालांकि, आज मंगलवार को मौसम में कुछ बदलाव के संकेत मिले हैं। राज्य के दक्षिण-पश्चिमी इलाकों में मध्यम स्तर से लेकर थोड़ी अधिक वर्षा होने की संभावना जताई जा रही है। इस वर्षा से प्रभावित क्षेत्रों में कुछ राहत मिल सकती है, लेकिन इसे स्थायी समाधान नहीं माना जा सकता। लगातार कम हो रही वर्षा ने किसानों की चिंताओं को बढ़ा दिया है, क्योंकि धान की खेती के लिए पर्याप्त पानी की आवश्यकता होती है। अगर आने वाले दिनों में भी स्थिति में सुधार नहीं होता है, तो कृषि पर इसका गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। ऐसे में मौसम विभाग की पूर्वानुमान और सरकार की त्वरित कार्रवाई बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है।
Bihar Monsoon: राज्य के अन्य जिलों में फिलहाल राहत की उम्मीद कम है और तापमान में भी कोई विशेष परिवर्तन नहीं देखा जाएगा। आज राज्य के दक्षिण पश्चिमी इलाकों, जैसे रोहतास, भभुआ, बक्सर, औरंगाबाद, और अरवल जिलों में मध्यम स्तर की वर्षा हो सकती है।दक्षिण मध्य बिहार के पटना, नालंदा, गया, और शेखपुरा जिलों में भी हल्की से मध्यम स्तर की वर्षा और बादल छाए रहने का पूर्वानुमान है। उत्तर पश्चिमी इलाके के सिवान, गोपालगंज और पूर्वी चंपारण में हल्की से मध्यम स्तर की वर्षा के संकेत मिल रहे हैं, लेकिन भारी वर्षा की संभावना नहीं है।
कुल मिलाकर, राज्य के कई हिस्सों में Bihar Monsoon की बेरुखी जारी है, जिससे किसानों और स्थानीय निवासियों को परेशानी हो रही है। तापमान में स्थिरता और कम वर्षा की स्थिति ने खेती और जलस्तर पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। अगर आने वाले दिनों में स्थिति में सुधार नहीं होता है, तो राज्य के कृषि क्षेत्र पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। ऐसे में, किसानों और सरकार दोनों को मिलकर इस संकट से निपटने के लिए प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है।
Bihar Monsoon: राज्य के 8 जिलों में बहुत हल्की वर्षा हुई
बीते सोमवार को राज्य में Bihar Monsoon कमजोर रहा और 8 जिलों में बहुत हल्की वर्षा या केवल बूंदाबांदी दर्ज की गई। जिन जिलों में वर्षा हुई, उनमें पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीवान, सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी, सुपौल और अररिया शामिल हैं।तापमान की बात करें तो पूरे प्रदेश में अधिकतम तापमान अपने सामान्य स्तर से एक से दो डिग्री सेल्सियस अधिक रहा और आद्रता की मात्रा 60% से अधिक रही।
मौसम विभाग के रडार, उपग्रह तस्वीरों और न्यूमेरिकल मॉडल के अनुसार, बिहार के तापमान में कोई खास परिवर्तन नहीं होने की संभावना है। उमस भरी गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद भी नहीं है।
Bihar Monsoon: वर्तमान स्थिति ने लोगों को काफी परेशानी में डाल दिया है। कृषि पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ा है, क्योंकि पर्याप्त वर्षा न होने से फसलों की वृद्धि प्रभावित हो रही है। यदि यह स्थिति बनी रहती है, तो किसानों के साथ-साथ आम जनता को भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। इसलिए, मौसम विभाग और सरकार को मिलकर इस समस्या का समाधान खोजने के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है।
बीते सोमवार को तापमान में रविवार की तुलना में काफी वृद्धि देखी गई, और उमस भरी गर्मी का सिलसिला जारी रहा। राजधानी पटना में तापमान में 2 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हुई, जिससे वहां का तापमान 37.6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। सबसे अधिक तापमान दरभंगा और गोपालगंज में दर्ज किया गया, जहां पारा 40 डिग्री सेल्सियस तक चढ़ गया।
Bihar Monsoon: राज्य का औसत तापमान 36 डिग्री से 37 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा, जो सामान्य से अधिक था। इस बढ़े हुए तापमान और उमस भरी गर्मी ने लोगों को काफी परेशान किया। मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों में तापमान में खास बदलाव की संभावना नहीं है, जिससे उमस भरी गर्मी से राहत की उम्मीद कम ही है।
इस स्थिति ने न केवल आम जनजीवन को प्रभावित किया है, बल्कि कृषि पर भी इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। बढ़ते तापमान और कम वर्षा ने किसानों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। ऐसे में, मौसम विभाग और प्रशासन को मिलकर इस स्थिति से निपटने के उपाय करने की आवश्यकता है ताकि लोगों को कुछ राहत मिल सके।
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