- Anti-Smart Meter Campaign: स्मार्ट मीटर के विरोध में आरजेडी का बिहार के सभी जिलों में धरना, प्रखंड कार्यालयों में मीटर हटाने की मांग|
- Anti-Smart Meter Campaign: ‘स्मार्ट मीटर से लोगों का खून चूसा जा रहा है’
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Anti-Smart Meter Campaign: स्मार्ट मीटर के विरोध में आरजेडी का बिहार के सभी जिलों में धरना, प्रखंड कार्यालयों में मीटर हटाने की मांग|
Anti-Smart Meter Campaign: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले, मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने सरकार को जनहित के मुद्दों पर घेरने का फैसला किया है। इस क्रम में, आज 1 अक्टूबर को पूरे बिहार में आरजेडी कार्यकर्ताओं ने प्रखंड कार्यालयों पर स्मार्ट मीटर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
Anti-Smart Meter Campaign: पटना के सदर प्रखंड कार्यालय पर आयोजित इस आंदोलन में पटना महानगर के आरजेडी कार्यकर्ताओं ने सक्रिय भागीदारी की। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और ऊर्जा मंत्री के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। कार्यकर्ताओं का कहना है कि स्मार्ट मीटर न केवल महंगे हैं, बल्कि यह बिजली उपयोगकर्ताओं के लिए एक बड़ा आर्थिक बोझ भी साबित हो रहे हैं।
आरजेडी ने स्पष्ट रूप से मांग की है कि इन स्मार्ट मीटरों को तुरंत हटाया जाए, ताकि जनता को राहत मिल सके। पार्टी का यह कदम आगामी विधानसभा चुनाव में जनसमर्थन जुटाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। आरजेडी का यह आंदोलन यह दर्शाता है कि वे बिजली संकट और जनता की समस्याओं को लेकर कितने गंभीर हैं।
Anti-Smart Meter Campaign: ‘स्मार्ट मीटर से लोगों का खून चूसा जा रहा है’
Anti-Smart Meter Campaign: बिहार में स्मार्ट मीटर के खिलाफ आरजेडी का आंदोलन तेज़ हो गया है। इस धरने में विधान परिषद और आरजेडी की वरिष्ठ नेत्री मुन्नी देवी सहित कई कार्यकर्ता शामिल हुए। मुन्नी देवी ने कहा कि सरकार आम जनता को बरगलाने का काम कर रही है। उन्होंने स्पष्ट रूप से बताया कि स्मार्ट मीटर से लोगों का खून चूसा जा रहा है, जिसका विरोध आरजेडी लगातार कर रही है। मुन्नी देवी ने यह भी कहा कि जब तक सरकार स्मार्ट मीटर के फैसले को वापस नहीं लेती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।
Anti-Smart Meter Campaign: आरजेडी का यह आंदोलन पूरे बिहार में धरना प्रदर्शन के माध्यम से किया जा रहा है, जिसमें पार्टी के सभी नेता और कार्यकर्ता सक्रियता से भाग ले रहे हैं। पटना के सदर प्रखंड कार्यालय पर पूर्व सांसद और बाहुबली आरजेडी नेता मुन्ना शुक्ला भी पहुंचे और स्मार्ट मीटर के विरोध में नारेबाजी की। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से लूट की योजना है।
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Anti-Smart Meter Campaign: मुन्ना शुक्ला ने स्मार्ट मीटर योजना को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह योजना आम जनता को बर्बाद करने के लिए बनाई गई है, ताकि अधिकारी और मंत्री मालामाल हो जाएं। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि संजीव हंस जैसे अधिकारियों को एक करोड़ की कारें मिल रही हैं और करोड़ों रुपये उनके खातों में जा रहे हैं। ऐसे में, कई अधिकारी हैं जो स्मार्ट मीटर के नाम पर जनता का शोषण कर रहे हैं, जबकि आम जनता को बेतहाशा बिजली बिल चुकाने पड़ रहे हैं।
आरजेडी के इस विरोध प्रदर्शन ने स्पष्ट कर दिया है कि वे जनता की समस्याओं को लेकर कितने गंभीर हैं। पार्टी ने सभी कार्यकर्ताओं को एकजुट होकर इस मुद्दे पर संघर्ष करने का आह्वान किया है। धरने के दौरान आरजेडी ने यह संदेश दिया कि वे जनहित के मुद्दों पर कोई समझौता नहीं करेंगे और अंत तक लड़ाई जारी रखेंगे।
Anti-Smart Meter Campaign: आरजेडी नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने क्या कहा?
Anti-Smart Meter Campaign: आरजेडी के राष्ट्रीय प्रधान सचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी ने सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि यदि सरकार को लगता है कि प्रीपेड मीटर से कोई फायदा है, तो उसे इस मुद्दे पर एक सर्वे कराना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि आज आरजेडी सड़क पर है, लेकिन कल जनता भी इस मुद्दे को लेकर उठ खड़ी होगी।
Anti-Smart Meter Campaign: उन्होंने विधायक कॉलोनी में अपने आवास का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां पहले बिजली बिल 7,000 रुपये तक आता था, लेकिन अब वह बढ़कर 21,000 रुपये हो गया है। यह स्पष्ट संकेत है कि स्मार्ट मीटरों से आम जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है। सिद्दीकी ने यह भी बताया कि ऊर्जा विभाग के मंत्री विजेंद्र यादव ने अपने गांव में स्मार्ट मीटर लगवाए हैं, जबकि सरकार का लक्ष्य घर-घर मीटर लगाने का है।
उन्होंने यह सुझाव दिया कि पहले सभी नेता अपने घरों में स्मार्ट मीटर लगवाएं, फिर जनता के बीच इस योजना को लागू करें। उनका यह बयान स्पष्ट करता है कि आरजेडी इस मुद्दे पर गंभीरता से काम कर रही है और वह सरकार की नीतियों का विरोध करती है।